Class 12 political science chapter 6 notes in hindi, अंतरराष्ट्रीय संगठन notes

अंतरराष्ट्रीय संगठन Notes: Class 12 political science chapter 6 notes in hindi

TextbookNCERT
ClassClass 12
SubjectPolitical Science
ChapterChapter 6
Chapter Nameअंतरराष्ट्रीय संगठन
CategoryClass 12 Political Science
MediumHindi

Class 12 political science chapter 6 notes in hindi, अंतरराष्ट्रीय संगठन notes इस अध्याय मे हम सयुक्त राष्ट्र संघ , इसके मुख्य अंग , मुख्य एजेंसियाँ – UNESCO , UNICEF , WHO , ILO , सुरक्षा परिषद और इसके विस्तार की आवश्यकता के बारे में विस्तार से पड़ेगे ।

अंतर्राष्ट्रीय संगठन : –

🔹 ‘ अंतर्राष्ट्रीय संगठन ‘ पद का प्रयोग सर्वप्रथम स्कॉटलैंड के प्रमुख विधिवेत्ता जेम्स लोरिमर ने किया था । अंतर्राष्ट्रीय संगठन उन संस्थाओं को कहते हैं जिनके सदस्य , कार्यक्षेत्र , प्रकृति , भूमिका एवं विस्तार वैश्विक स्तर पर हो । 

🔹 अंतर्राष्ट्रीय संगठन अपने उद्देश्यों में व्यापक होते हैं । जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विवादों के समाधान तथा शांति व सुरक्षा स्थापित करने में व विभिन्न देशों के मध्य सौहार्दपूर्ण वातावरण का निर्माण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ।

अंतरराष्ट्रीय संगठनों की आवश्यकता :-

🔹 कुछ समस्याएं ऐसी होती है । जिससे निपटना किसी एक देश के लिए आसान नही होता ऐसे में अंतरराष्ट्रीय संगठन मदद करता है ।

  • अंर्तराष्ट्रीय विवादों का शांतिपूर्ण समाधान ।
  • युद्धों की रोकथाम में सहायक । 
  • विश्व के आर्थिक विकास में सहायक । 
  • प्राकृतिक आपदा , महामारी से निपटना । 
  • अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना । 
  • वैश्विक तापवृद्धि से निपटना ।

मुख्य अंतर्राष्ट्रीय संगठन : –

  • लीग ऑफ़ नेशंस
  • संयुक्त राष्ट्र संघ
  • विश्व बैंक
  • विश्व व्यापार संगठन
  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष
  • एमेनेस्टी इंटरनेशनल
  • ह्यूमन राइट्स वाच

लीग ऑफ़ नेशंस : –

🔹 पहले विश्वयुद्ध ने दुनिया को इस बात के लिए जगाया कि झगड़ों के निपटारे के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन बनाने का प्रयास ज़रूर किया जाना चाहिए । इसके परिणामस्वरूप ‘ लीग ऑव नेशंस ‘ का जन्म हुआ । शुरुआती सफलताओं के बावजूद यह संगठन दूसरा विश्वयुद्ध ( 1939-45 ) न रोक सका । पहले की तुलना में इस महायुद्ध में कहीं ज्यादा लोग मारे गये और घायल हुए ।

🔹 प्रथम विश्व युद्ध के बाद युद्ध रोकने के लिए बनी संस्था राष्ट्रसंघ ( लीग – आफ – नेशन्स ) के असफल होने के कारण एवं 1939 से 1945 तक चले द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति एवं सुरक्षा स्थापित करने के लिए पुनः एक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन की आवश्यकता महसूस की गई । अतः 24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गई ।

सयुक्त राष्ट्र संघ UNO : – United Nations Organization

🔹 24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र संघ UNO की स्थापना की गई । UNO लीग ऑफ नेशन्स का उत्तराधिकारी है । सयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना के समय संयुक्त राष्ट्र संघ में 51 सदस्य थे । भारत भी इसके संस्थापक सदस्यों में शामिल था । मई 2013 तक इसके सदस्यों की संख्या 193 हो गयी है । 193वाँ सदस्य दक्षिणी सूडान है । भारत इसका सदस्य 30 oct 1945 में हुआ ।

संयुक्त राष्ट्र संघ का इतिहास : –

🔹 संयुक्त राष्ट्र शब्द अमेरिका के राष्ट्रपति रूज़वेल्ट द्वारा दिया गया था । संयुक्त राष्ट्र शब्द का प्रयोग पहली बार द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 1 जनवरी , 1942 को संयुक्त राष्ट्र घोषणा – पत्र में किया गया था । 

🔸 अगस्त 1941 :- अमरीकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट और ब्रितानी प्रधानमंत्री चर्चिल द्वारा अटलांटिक चार्टर पर हस्ताक्षर किए गए ।

🔸 जनवरी 1942 :- धुरी शक्तियों के खिलाफ लड़ रहे 26 मित्र राष्ट्र अटलांटिक चार्टर के समर्थन में वाशिंग्टन में मिले और दिसंबर 1943 में संयुक्त राष्ट्रसंघ की घोषणा पर हस्ताक्षर हुए ।

🔸 फरवरी 1945 :- तीन बड़े नेताओं ( रूजवेल्ट , चर्चिल और स्टालिन ) ने याल्टा सम्मेलन में प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय संगठन के बारे में संयुक्त राष्ट्रसंघ का एक सम्मेलन करने का निर्णय किया ।

🔸 अप्रैल – मई 1945 :- सेन फ्रांसिस्को में संयुक्त राष्ट्रसंघ का अंतर्राष्ट्रीय संगठन बनाने के मसले पर केंद्रित दो महीने लंबा सम्मेलन संपन्न ।

🔸 26 जून 1945 :- 26 जून , 1945 को चार्टर पर 50 देशों के प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षर किये गए । पोलैंड ने इस सम्मेलन में भागीदारी नहीं की थी , लेकिन उसने बाद में इस पर हस्ताक्षर किया और इस तरह संयुक्त राष्ट्रसंघ में 51 मूल संस्थापक सदस्य हैं । 

🔸 24 अक्टूबर 1945 :- संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना हुई ।  आधिकारिक रूप से संयुक्त राष्ट्र 24 अक्टूबर , 1945 को अस्तित्व में आया । प्रत्येक वर्ष 24 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र दिवस ( United Nations Day ) मनाया जाता है ।

🔸 30 अक्टूबर 1945 :- भारत संयुक्त राष्ट्रसंघ में शामिल । 

संयुक्त राष्ट्र के प्रतीक चिन्ह क्या है ? 

🔹 संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतीक चिन्ह में दुनिया – का नक्शा बना हुआ है और इसके चारों तरफ जैतून की पत्तियाँ हैं । ये पत्तियाँ विश्व शांति का संकेत करती है ।

संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना के कारण :-

  • शांति एवं सुरक्षा , 
  • द्वितीय विश्व युद्ध में होने वाला विध्वंश , 
  • नाभिकीय युद्ध का भय , 
  • राष्ट्र संघ ( लीग ऑफ़ नेशंस ) की असफलता , 
  • सामाजिक एवं आर्थिक विकास का उद्देश्य , 
  • सामूहिक सुरक्षा की भावना ।

संयुक्त राष्ट्र संघ के उद्देश्य : –

  • अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा को बनाये रखना । 
  • राष्ट्रों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधो को बढ़ाना । 
  • आपसी सहयोग द्वारा आर्थिक , सामाजिक , सांस्कृतिक तथा मानवीय ढंग की अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं को हल करना । 
  • अंर्तराष्ट्रीय संधियों एवं अंर्तराष्ट्रीय कानूनों को सम्मानपूर्वक लागू करवाना । 
  • राष्ट्रों की प्रादेशिक अखंडता और राजनीति स्वतंत्रता का आदर करना ।

संयुक्त राष्ट्र संघ के आधारभूत सिद्धांत  : –

  • सार्वभौमिकता और समानता का सिद्धांत । 
  • सद्भावना का सिद्धांत । 
  • विवादों को शांतिपूर्ण समाधान का सिद्धांत ।
  • बल प्रयोग का निषेध ।
  • सहायता का सिद्धांत ।

संयुक्त राष्ट्र संघ के अंगों के नाम : –

  • सुरक्षा परिषद
  • महासभा
  • सचिवालय
  • अंतरराष्ट्रीय न्यायालय
  • न्यासिता परिषद् ( इसका कार्य सन् 1994 से समाप्त कर दिया गया है )
  • आर्थिक और सामाजिक परिषद

❄️ आइए अब इन अंगों के बारे में विस्तार से अध्यन करे ❄️

सुरक्षा परिषद : –

🔹 सयुक्त राष्ट्र संघ का सबसे शक्तिशाली अंग सुरक्षा परिषद् है इससे कुल 15 सदस्य है इसमें पांच स्थायी सदस्य ( अमेरिका , रूस , ब्रिटेन , फ्रांस और चीन ) तथा दस अस्थायी सदस्य है जो दो वर्षों की अवधि के लिए चुने जाते है । स्थायी सदस्यों को वीटो ( निषेधाधिकार ) की शक्ति प्राप्त है । भारत ने जनवरी 2021 से सुरक्षा परिषद के गैर स्थायी सदस्य के रूप में आठवीं बार अपना कार्यकाल प्रारम्भ किया है ।

सुरक्षा परिषद् के कार्य : –

🔹 यह विश्व में शांति स्थापित करने के लिए उत्तरदायी है और किसी भी मामले पर जो विश्व शांति के लिए खतरा बना हुआ हो , विचार कर सकती है । 

🔹 यह किसी भी देश द्वारा भेजी गई किसी भी शिकायत पर विचार करती है और मामले या झगड़े का निर्णय करती है । 

🔹 सुरक्षा परिषद् अपने प्रस्तावों या निर्णयों को लागू करवाने के लिए सैनिक कार्यवाही भी कर सकती है । इराक के विरुद्ध सैनिक कार्यवाही का निर्णय सुरक्षा परिषद ने लिया था ।

सुरक्षा परिषद् में सदस्यों की कुल संख्या : –

🔹 इससे कुल 15 सदस्य है इसमें पांच स्थायी सदस्य तथा दस अस्थायी सदस्य है ।

  • पांच स्थायी सदस्य :- अमेरिका , रूस , ब्रिटेन , फ्रांस और चीन ।

सुरक्षा परिषद् के स्थायी तथा अस्थायी सदस्यों में अंतर : –

🔶 स्थायी सदस्य : – 

  • स्थायी सदस्य सुरक्षा परिषद् में हमेशा के लिए चुने गए है । 
  • इनके पास वीटो शक्ति प्राप्त है । 
  • इनकी संख्या पांच हैं । 
  • ये सुरक्षा परिषद् के सभी फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं । 
  • सुरक्षा परिषद के किसी भी फैसले को रोक सकते हैं ।

🔶 अस्थायी सदस्य :-

  • ये सुरक्षा परिषद् में केवल दो साल के लिए चुने जाते हैं । 
  • इनके पास वीटो शक्ति प्राप्त नहीं है । 
  • इनकी संख्या 10 है । 
  • इनकी भूमिका स्थायी सदस्यों की तुलना में उतनी महत्वपूर्ण नहीं है ।
  • ये सुरक्षा परिषद के किसी भी फैसले को नहीं रोक सकते हैं ।

वीटो पॉवर ( निषेधाधिकार ) : –

🔹 वीटो संयुक्त राष्ट्र संघ के सुरक्षा परिषद् के स्थायी सदस्य देशों को प्राप्त वह अधिकार है जिसके आधार पर कोई भी देश इसके फैसले के खिलाफ जाकर फैसले को रोक सकता है । सुरक्षा परिषद् में पांच स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य है । कुल 15 सदस्य है जिनमें प्रत्येक की वोट की मूल्य 1 है । 

🔶 मई 2022 तक वीटो पावर का उपयोग : –

  • अमेरिका = 82 बार
  • चीन = 17 बार 
  • रूस = 122 बार 
  • फ्रांस = 16 बार
  • ब्रिटेन = 29 बार

संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता हासिल करने के लिए योग्यता : –

  • बड़ी आर्थिक ताकत होना चाहिए । 
  • बड़ी सैन्य ताकत होना चाहिए । 
  • संयुक्त राष्ट्रसंघ के बजट में ऐसे देश का योगदान ज़्यादा हो । 
  • आबादी के लिहाज से बड़ा राष्ट्र हो । 
  • ऐसा देश जो लोकतंत्र और मानवाधिकारों का सम्मान करता हो । 
  • यह देश ऐसा हो कि अपने भूगोल , अर्थव्यवस्था और संस्कृति के लिहाज से विश्व की विविधता की नुमाइंदगी करता हो ।

महासभा : –

🔹 संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश महासभा के सदस्य होते हैं । प्रत्येक सदस्य देश को 5 सदस्यों का प्रतिनिधि मंडल महासभा में भेजते हैं लेकिन सभी सदस्य देशों को एक वोट ( मत ) देने का अधिकार है । महासभा प्रत्येक अधिवेशन के लिए एक अध्यक्ष व सात उपाध्यक्ष का चुनाव करता है । 

महासभा की शक्तियाँ : – 

🔹 महासभा की शक्तियों का वर्णन चार्टर की धारा 10 से लेकर 17 तक में किया गया है । इन धाराओं के अनुसार महासभा की शक्तियाँ निम्नलिखित हैं : –

  • संयुक्त राष्ट्र संघ का बजट पास करना , 
  • सुरक्षा परिषद् व अन्य संस्थाओं / संगठनों की रिपोर्ट पर विचार करना , 
  • न्यास परिषद् पर निरीक्षण , 
  • अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग के उद्देश्यों से आर्थिक , सामाजिक , सांस्कृतिक शिक्षा तथा स्वास्थ्य के सम्बन्ध में अध्ययन व जाँच – पड़ताल करवाना तथा इससे सम्बन्धित सिफारिशें करना ।
  • प्रत्येक व्यक्ति को बिना जाति , लिंग भाषा व धर्म के मानव अधिकार तथा मौलिक स्वतन्त्रता का उपयोग करने में सहायता देना ।
  • नियुक्तियाँ करना :- महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति करने का अधिकार भी महासभा को होता है । जैसे :-
    • सुरक्षा परिषद् के 10 अस्थायी सदस्य ।
    • आर्थिक एवं सामाजिक परिषद् के 54 सदस्य ।
    • संरक्षण परिषद् के निर्वाचित होने वाले सदस्य ।
    • अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालयों के न्यायाधीशों के चयन में भाग लेना ।
    • सुरक्षा परिषद् की सिफारिश से महासचिव की नियुक्ति करना । 
  • चार्टर में संशोधन :- महासभा संयुक्त राष्ट्रसंघ के चार्टर में 2/3 बहुमत के आधार पर संशोधन करने का कार्य भी करती है ।

सचिवालय : –

🔹 संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यों का संचालन करने के लिए एक सचिवालय होता है । इसके अध्यक्ष को महासचिव कहा जाता है । इसका चुनाव सुरक्षा परिषद् की सिफारिश पर महासभा द्वारा पाँच वर्ष के लिए किया जाता है । सचिवालय के अन्य कर्मचारियों की संख्या लगभग 8000 है , वर्तमान में एंटोनियो गुटेरस U.N.O. के महासचिव हैं । इनकी नियुक्ति 1 जनवरी , सन् 2017 को हुई थी । अपने कार्यालय में सचिवालय के सभी कर्मचारी विश्व नागरिक हो जाते हैं । 

सचिवालय के कार्य : –

🔹 संयुक्त राष्ट्र संघ के विभिन्न अंगों , अभिकरणों एवं एजेन्सियों द्वारा लिये गये निर्णयों को कार्यान्वित करना । 

🔹 संयुक्त राष्ट्र संघ की विभिन्न समितियों की बैठकों का आयोजन करना । 

🔹 सुरक्षा परिषद् को विभिन्न जानकारी एवं सूचनाएँ उपलब्ध कराना । 

🔹 महासभा के निर्णयों का रिकॉर्ड रखना तथा आवश्यकता पड़ने पर उसे सभा के सामने प्रस्तुत करना । 

🔹 सचिवालय संयुक्त राष्ट्र के दिन – प्रतिदिन के सभी कार्य करता है तथा संयुक्त राष्ट्र संघ के विभिन्न अंगों द्वारा निर्धारित कार्यक्रमों एवं नीतियों को लागू करता है । 

🔹 यह सभी मुद्दों एवं सूचनाओं का रिकॉर्ड रखता है।

अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय : –

  • स्थापना :- 26 जून 1945 को कैलिफोर्निया (संयुक्त राज्य अमेरिका)
  • मुख्यालय :- शान्ति महल (पीस पैलस), हेग

🔹 इस न्यायालय में 15 न्यायाधीश होते हैं । विश्व में प्रसिद्ध विधिवेत्ताओं में से ही इस न्यायालय के न्यायाधीश का चुनाव किया जाता है । एक ही देश के दो न्यायाधीश नहीं हो सकते । इन न्यायाधीशों का चुनाव सुरक्षा परिषद् और साधारण सभा की अलग – अलग बैठकों में किया जाता है । 

🔹 इसका कार्यकाल 9 वर्ष का होता है और वे दोबारा भी चुने जा सकते हैं । अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय राष्ट्रों से सम्बन्धित विवादों का निपटारा करता है । यह साधारण सभा गैर सुरक्षा परिषद् को कानूनी सलाह भी देता है ।

अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय का क्षेत्राधिकार :-

🔹 अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय के क्षेत्राधिकार को तीन भागों में बाँटा जा सकता है :-

  • ऐच्छिक क्षेत्राधिकार , 
  • अनिवार्य क्षेत्राधिकार तथा 
  • परामर्शात्मक क्षेत्राधिकार ।

न्यास परिषद : –

🔹 न्यास परिषद् को उन क्षेत्रों की देख रेख करने के लिए बनाया गया पर दूसरे विश्वयुद्ध के सामान्य शासन शुरू नहीं हो सका । इन क्षेत्रों का सम्पूर्ण देख रेख करना न्यास परिषद की जिम्मेदारी थी शरुआत में इसमें 11 देशो को रखा गया था । 1996 में पलामू द्वीप के आज़ाद होने के बाद इसका काम खत्म हो गया पर इसे खत्म नहीं किया गया ।

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