कक्षा 12 भूगोल अध्याय 4 प्रश्न उत्तर: प्राथमिक क्रियाएँ कक्षा 12 प्रश्न उत्तर
Textbook | Ncert |
Class | Class 12 |
Subject | भूगोल |
Chapter | Chapter 4 |
Chapter Name | प्राथमिक क्रियाएँ ncert solutions |
Category | Ncert Solutions |
Medium | Hindi |
क्या आप class 12 geography chapter 4 question answer in hindi ढूंढ रहे हैं? अब आप यहां से प्राथमिक क्रियाएँ प्रश्न उत्तर Download कर सकते हैं।
प्रश्न 1: नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए ।
प्रश्न 1.(i): निम्न में से कौन-सी रोपण फसल नहीं है?
(क) कॉफी
(ख) गन्ना
(ग) गेहूँ।
(घ) रबड़
उत्तर 1.(i): (ग) गेहूँ
प्रश्न 1.(ii): निम्न देशों में से किस देश में सहकारी कृषि का सफल परीक्षण किया गया है?
(क) रूस
(ख) डेनमार्क
(ग) भारत
(घ) नीदरलैंड
उत्तर 1.(ii): (ख) डेनमार्क
प्रश्न 1.(iii): फूलों की कृषि कहलाती है-
(क) टूक फार्मिंग
(ख) कारखाना कृषि
(ग) मिश्रित कृषि
(घ) पुष्पोत्पादन
उत्तर 1.(iii): (घ) पुष्पोत्पादन
प्रश्न 1.(iv): निम्न में से कौन-सी कृषि के प्रकार का विकास यूरोपीय औपनिवेशिक समूहों द्वारा किया गया?
(क) कोलखहोज़
(ख) अंगूरोत्पादन
(ग) मिश्रित कृषि
(घ) रोपण कृषि
उत्तर 1.(iv): (घ) रोपण कृषि
प्रश्न 1.(v): निम्न प्रदेशों में से किसमें विस्तृत वाणिज्य अनाज कृषि नहीं की जाती है?
(क) अमेरिका एवं कनाडा के प्रेयरी क्षेत्र
(ख) अर्जेंटाइना के पंपास क्षेत्र
(ग) यूरोपीय स्टैपीज़ क्षेत्र
(घ) अमेजन बेसिन
उत्तर 1.(v): (घ) अमेजन बेसिन
प्रश्न 1.(vi): निम्न में से किस प्रकार की कृषि में खट्टे रसदार फलों की कृषि की जाती है?
(क) बाज़ारीय सब्जी कृषि
(ख) भूमध्यसागरीय कृषि
(ग) रोपण कृषि
(घ) सहकारी कृषि
उत्तर 1.(vi): (ख) भूमध्यसागरीय कृषि
प्रश्न 1.(vii): निम्न कृषि के प्रकारों में से कौन-सा प्रकार कर्तन-दहन कृषि का प्रकार है?
(क) विस्तृत जीवन निर्वाह कृषि
(ख) आदिकालीन निर्वाहक कृषि
(ग) विस्तृत वाणिज्य अनाज कृषि
(घ) मिश्रित कृषि
उत्तर 1.(vii): (ख) आदिकालीन निर्वाहक कृषि
प्रश्न 1.(viii): निम्न में से कौन-सी एकल कृषि नहीं है?
(क) डेरी कृषि
(ख) मिश्रित कृषि
(ग) रोपण कृषि
(घ) वाणिज्य अनाज कृषि
उत्तर 1.(viii): (ख) मिश्रित कृषि
प्रश्न 2: निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।
प्रश्न 2.(i): स्थानांतरी कृषि का भविष्य अच्छा नहीं है। विवेचना कीजिए।
उत्तर 2.(i): स्थानांतरी कृषि में भूमि की उर्वरता समाप्त होते ही उसे छोड़ना पड़ता है तथा दूसरे भूमि के टुकड़े की वनस्पति को काट व जलाकर साफ करना पड़ता है। इससे भूमि व पर्यावरण दोनों को हानि होती है। दूसरी ओर, जिन क्षेत्रों में कृषि का यह आदिम रूप प्रचलित है, वे लोग भी आधुनिक प्रौद्योगिकी से परिचित होने लगे हैं। अतः स्थानांतरी कृषि का भविष्य अच्छा नहीं है।
प्रश्न 2.(ii): बाजारीय सब्ज़ी कृषि नगरीय क्षेत्रों के समीप ही क्यों की जाती है?
उत्तर 2.(ii): बाज़ारीय सब्जी कृषि में केवल शहरी बाजारों के लिए उच्च मूल्य की फसलों जैसे कि सब्जियों, फलों और फूलों की खेती होती है। शहरी क्षेत्रों के पास बाजार बागवानी का अभ्यास किया जाता है क्योंकिः
- शहरी क्षेत्रों में सब्जियों, फलों और फूलों की मांग और खपत अधिक है।
- खेत छोटे होते हैं और शहरी केंद्र जहां उपभोक्ताओं के उच्च आय समूह स्थित हैं, उनके साथ अच्छे परिवहन साधन उपलब्ध होते हैं।
- यह श्रम और पूंजी दोनों के लिए गहन है और सिंचाई, एचवायवी बीज, उर्वरक, कीटनाशक, ग्रीनहाउस और ठंडे क्षेत्रों में कृत्रिम हीटिंग के उपयोग पर जोर देता है।
प्रश्न 2.(iii): विस्तृत पैमाने पर डेरी कृषि का विकास यातायात के साधनों एवं प्रशीतकों के विकास के बाद ही क्यों संभव हो सका है?
उत्तर 2.(iii): डेयरी कृषि में दुग्ध पदार्थ शीघ्र ही माँग क्षेत्रों तक पहुँचाए जाते हैं। ट्रक कृषि में साग-सब्ज़ी को शहरों तक पहुँचाने के लिए तेज़ यातायात के साधन प्रयोग किए जाते हैं। कई देशों में ट्रकों का प्रयोग किया जाता है ताकि ये पदार्थ खराब न हों। इसलिए इस कृषि की सफलता तीव्र, अच्छे यातायात के साधनों पर निर्भर है। वर्तमान समय में विकसित यातायात के साधन, प्रशीतकों का प्रयोग, पास्तेरीकरण की सुविधा के कारण ही विभिन्न डेयरी उत्पादों को अधिक समय तक रखा जा सकता है।
प्रश्न 3: निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए।
प्रश्न 3.(i): चलवासी पशुचारण और वाणिज्य पशुधन पालन में अंतर कीजिए।
उत्तर 3.(i): चलवासी पशुचारण और वाणिज्यिक पशुधन पालन के बीच मुख्य अंतर निम्नलिखित हैं:
पहलू | चलवासी पशुचारण | वाणिज्यिक पशुधन पालन |
---|---|---|
परिभाषा | यह प्रथा उन समुदायों द्वारा अपनाई जाती है जो अपने पशुओं को बेहतर चारागाहों की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते हैं। | इसमें पशुधन को आधुनिक प्रथाओं और तकनीकों का उपयोग करके बड़े पैमाने पर पाला जाता है, ताकि अधिकतम उत्पादन हो सके। |
लक्ष्य | मुख्य रूप से पशुओं की आजीविका और जीवनयापन के लिए पालन। | व्यापार और लाभ के उद्देश्य से पालन। |
पैमाना | छोटे पैमाने पर किया जाता है। | बड़े पैमाने पर किया जाता है। |
प्रौद्योगिकी का उपयोग | पारंपरिक तरीकों का उपयोग। | आधुनिक तकनीक और प्रबंधन का उपयोग। |
पशुओं की आवाजाही | लगातार एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरण। | स्थायी रूप से व्यवस्थित खेतों या फार्मों में पालन। |
स्थान | प्रायः शुष्क या अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में। | विकसित या समृद्ध क्षेत्रों में। |
उत्पाद | दूध, मांस, ऊन, चमड़ा, आदि। | उच्च गुणवत्ता वाले और अधिक मात्रा में उत्पाद। |
प्रभाव | पर्यावरण पर कम स्थायी प्रभाव, परंतु कभी-कभी अत्यधिक चराई की समस्या। | पर्यावरण पर स्थायी प्रभाव और संसाधनों का उच्च उपयोग। |
प्रश्न 3.(ii): रोपण कृषि की मुख्य विशेषताएँ बतलाइए एवं भिन्न-भिन्न देशों में उगाई जाने वाली कुछ प्रमुख रोपण फसलों के नाम बतलाइए।
उत्तर 3.(ii): रोपण कृषि: यह एक विशेष प्रकार की व्यापारिक कृषि है, जिसमें किसी एक नकदी फसल को बड़े पैमाने पर उगाया जाता है। इसे बाग़ाती कृषि भी कहा जाता है, क्योंकि यह बड़े खेतों या बागानों पर केंद्रित होती है।
मुख्य विशेषताएँ:
- बड़े आकार के खेत: रोपण कृषि बड़े और एकल फसल उगाने वाले फार्मों पर की जाती है।
- व्यापारिक उद्देश्य: इसका मुख्य उद्देश्य उत्पादन को निर्यात करना है।
- वैज्ञानिक और तकनीकी विधियाँ: उन्नत मशीनों, उर्वरकों और आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाता है।
- कुशल श्रमिकों का उपयोग: इनमें बड़ी संख्या में स्थानीय, दास या प्रवासी श्रमिक काम करते हैं।
- विरल जनसंख्या वाले क्षेत्र: यह कृषि विरल जनसंख्या वाले क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में भूमि पर की जाती है।
- पूंजी प्रधान कृषि: इसमें भारी पूंजी निवेश होता है।
प्रमुख रोपण फसलें और उनके स्थान:
- रबड़: मलेशिया और इंडोनेशिया।
- कोको: पश्चिमी अफ्रीका।
- कहवा (कॉफी): ब्राज़ील।
- चाय: भारत (असम, पश्चिम बंगाल), श्रीलंका।
- गन्ना: कैरेबियाई देश और ब्राज़ील।
- नारियल: फिलीपींस और इंडोनेशिया।
- केला: लैटिन अमेरिका।