कक्षा 12 भूगोल अध्याय 8 प्रश्न उत्तर: अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रश्न उत्तर
Textbook | Ncert |
Class | Class 12 |
Subject | भूगोल |
Chapter | Chapter 8 |
Chapter Name | अंतर्राष्ट्रीय व्यापार ncert solutions |
Category | Ncert Solutions |
Medium | Hindi |
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प्रश्न 1: नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए ।
प्रश्न 1.(i): संसार के अधिकांश महान पत्तन इस प्रकार वर्गीकृत किए गये हैं-
(क) नौसेना पत्तन
(ख) विस्तृत पत्तन
(ग) तैल पत्तन
(घ) औद्योगिक पत्तन
उत्तर 1.(i): (ख) विस्तृत पत्तन
प्रश्न 1.(ii): निम्नलिखित महाद्वीपों में से किस एक से विश्व व्यापार का सर्वाधिक प्रवाह होता है?
(क) एशिया
(ख) यूरोप
(ग) उत्तरी अमेरिका
(घ) अफ्रीका
उत्तर 1.(ii): (ग) उत्तरी अमेरिका
प्रश्न 2: निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 30 शब्दों में दीजिए:
प्रश्न 2.(i): विश्व व्यापार संगठन के आधारभूत कार्य कौन से हैं?
उत्तर 2.(i): विश्व व्यापार संगठन (WTO) के आधारभूत कार्य निम्नलिखित हैं:
- वैश्विक व्यापार में पारदर्शिता: व्यापार से संबंधित जानकारी और पारदर्शिता सुनिश्चित करना।
- व्यापार समझौतों का प्रबंधन: सदस्य देशों के बीच हुए व्यापार समझौतों को लागू करना और देखरेख करना।
- विवाद समाधान: व्यापारिक विवादों को सुलझाने के लिए एक मंच प्रदान करना।
- व्यापार वार्ता का आयोजन: वैश्विक व्यापार नियमों पर वार्ता आयोजित करना।
- व्यापार नीतियों की निगरानी: सदस्य देशों की व्यापार नीतियों की समीक्षा और निगरानी।
- तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण: विकासशील देशों को व्यापार से जुड़ी तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण देना।
प्रश्न 2.(ii): ऋणात्मक भुगतान संतुलन का होना किसी देश के लिए क्यों हानिकारक होता है?
उत्तर 2.(ii): ऋणात्मक भुगतान संतुलन का होना किसी देश के लिए हानिकारक होता है क्योंकि:
- आर्थिक अस्थिरता: लंबे समय तक ऋणात्मक संतुलन आर्थिक अस्थिरता और निवेश में कमी का कारण बन सकता है।
- आयात पर निर्भरता बढ़ना: जब आयात का मूल्य निर्यात से अधिक होता है, तो देश को अपनी आवश्यकताओं के लिए बाहरी देशों पर अधिक निर्भर होना पड़ता है।
- विदेशी मुद्रा भंडार का क्षय: निरंतर ऋणात्मक संतुलन से विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आती है, जो आर्थिक संकट का कारण बन सकता है।
- मुद्रा मूल्य पर दबाव: नकारात्मक संतुलन से देश की मुद्रा का अवमूल्यन हो सकता है, जिससे आयात महंगा हो जाता है।
- ऋण और ब्याज का बढ़ना: देश को अपनी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विदेशी ऋण लेना पड़ता है, जिससे ब्याज भुगतान का बोझ बढ़ जाता है।
प्रश्न 2.(iii): व्यापारिक समूहों के निर्माण द्वारा राष्ट्रों को क्या लाभ प्राप्त होते हैं?
उत्तर 2.(iii): व्यापारिक समूहों के निर्माण से राष्ट्रों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:
- मुक्त व्यापार का प्रोत्साहन: सदस्य देशों के बीच शुल्क और व्यापारिक बाधाओं को कम या समाप्त किया जाता है।
- आर्थिक सहयोग: सदस्य देश आपसी निवेश और तकनीकी सहयोग बढ़ा सकते हैं।
- बाजार का विस्तार: व्यापारिक समूह सदस्य देशों को बड़ा उपभोक्ता बाजार प्रदान करते हैं।
- प्रतिस्पर्धा में सुधार: बेहतर गुणवत्ता और लागत प्रभावी उत्पादों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ती है।
- विकासशील देशों को लाभ: छोटे देशों को बड़े बाजारों में भागीदारी और आर्थिक स्थिरता का लाभ मिलता है।
- राजनीतिक और सांस्कृतिक संबंध: आर्थिक सहयोग से राजनीतिक स्थिरता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी बढ़ता है।
प्रश्न 3: नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों से अधिक में न दें :
प्रश्न 3.(i): पत्तन किस प्रकार व्यापार के लिए सहायक होते हैं, पत्तनों का वर्गीकरण उनकी अवस्थिति के आधार पर कीजिए।
उत्तर 3.(i): पत्तन तथा पोताश्रय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के मुख्य प्रवेश द्वार कहे जाते हैं। इन्हीं पत्तनों के द्वारा जहाज़ी माल तथा यात्री विश्व के एक भाग से दूसरे भाग को जाते हैं। पत्तन जहाज़ के लिए गोदी, सामान लादने वे उतारने तथा भंडारण हेतु सुविधाएँ प्रदान करते हैं। अवस्थिति के आधार पर पत्तनों का वर्गीकरण-अवस्थिति के आधार पर पत्तन दो प्रकार के होते हैं
बाह्य पत्तन – ये गहरे जल के पत्तन हैं जो वास्तविक पत्तन से दूर बने होते हैं। ये उन जहाजों को सेवाएँ प्रदान करते हैं, जो अपने बड़े आकार के कारण पैतृक पत्तनों तक पहुँचने में अक्षम होते हैं। जैसे-एथेंस तथा यूनान में इसके बाह्य पत्तन पिरेइअस एक उच्चकोटि का संयोजन है।
अंतर्देशीय पत्तन – ये पत्तन समुद्री तट से दूर किसी नौगम्य नदी अथवा नहर पर अवस्थित होते हैं। ये समुद्र से एक नदी अथवा नौगम्य नहर द्वारा जुड़े होते हैं। ऐसे पत्तन चौरस तल वाले जहाज़ या बजरे द्वारा ही गम्य होते हैं। जैसे-मानचेस्टर एक नहर से जुड़ा है; मेंफिस मिसीसिपी नदी पर स्थित है; राइन नदी के मैनहीम तथा ड्यूसबर्ग और कोलकाता हुगली नदी पर स्थित है।
प्रश्न 3.(ii): अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से देश कैसे लाभ प्राप्त करते हैं?
उत्तर 3.(ii): अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से देश निम्नलिखित लाभ प्राप्त करते हैं:
- विशेषज्ञता और प्रतिस्पर्धात्मक लाभ: देश अपनी विशेषज्ञता के अनुसार उत्पादों और सेवाओं का उत्पादन करते हैं, जिससे दक्षता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ती है।
- विविधता और संसाधनों का उपयोग: व्यापार के माध्यम से देश अन्य देशों से वे वस्तुएँ और सेवाएँ प्राप्त कर सकते हैं, जिनका उत्पादन वे स्वयं नहीं कर सकते।
- बाज़ार का विस्तार: अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से देशों को वैश्विक स्तर पर अपने उत्पाद बेचने और बड़े बाजार का लाभ उठाने का अवसर मिलता है।
- राजस्व में वृद्धि: निर्यात से देशों को विदेशी मुद्रा अर्जित होती है, जो उनकी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाती है।
- तकनीकी और ज्ञान हस्तांतरण: व्यापार के माध्यम से उन्नत तकनीक और नवीन ज्ञान का आदान-प्रदान संभव होता है।
- रोजगार सृजन: अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नई नौकरियों का निर्माण करता है, जिससे रोजगार दर में वृद्धि होती है।
- राजनीतिक और आर्थिक सहयोग: व्यापारिक साझेदारी देशों के बीच सहयोग और स्थिरता को प्रोत्साहित करती है।