Class 12 Hindi vitan Chapter 1 question answer सिल्वर वैडिंग

Follow US On 🥰
WhatsApp Group Join Now Telegram Group Join Now

सिल्वर वैडिंग question answer: Class 12 Hindi Chapter 1 question answer

TextbookNcert
ClassClass 12
SubjectHindi vitan
ChapterChapter 1
Chapter Nameसिल्वर वैडिंग के प्रश्न उत्तर
CategoryNcert Solutions
MediumHindi

क्या आप class 12 hindi vitan chapter 1 question answer ढूंढ रहे हैं? अब आप यहां से silver wedding class 12 question answer Download कर सकते हैं।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1: यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढल सकने में सफल होती है, लेकिन यशोधर बाबू असफल रहते हैं। ऐसा क्यों? चर्चा कीजिए।

उत्तर 1: यशोधर बाबू बचपन से ही जिम्मेदारियों के बोझ से लद गए थे। बचपन में ही उनके माता-पिता का देहांत हो गया था। उनका पालन-पोषण उनकी विधवा बुआ ने किया। मैट्रिक होने के बाद वे दिल्ली आ गए तथा किशन दा जैसे कुंआरे के पास रहे। इस तरह वे सदैव उन लोगों के साथ रहे जिन्हें कभी परिवार का सुख नहीं मिला। वे सदैव पुराने लोगों के साथ रहे, पले, बढ़े। अत: उन परंपराओं को छोड़ नहीं सकते थे।

उन पर किशन दा के सिद्धांतों का बहुत प्रभाव था। इन सब कारणों से यशोधर बाबू समय के साथ बदलने में असफल रहते हैं। दूसरी तरफ, उनकी पत्नी पुराने संस्कारों की थीं। वे एक संयुक्त परिवार में आई थीं जहाँ उन्हें सुखद अनुभव हुआ। उनकी इच्छाएँ अतृप्त रहीं। वे मातृ सुलभ प्रेम के कारण अपनी संतानों का पक्ष लेती हैं और बेटी के अंगु एकपाई पहात हैं। वे बेयों के किसी मामले में दल नाहीं देता। इस प्रकर वे स्वायं को शीघ्र ही बदल लेती है। 

प्रश्न 2: पाठ में ‘जो हुआ होगा’ वाक्य कि आप कितनी अर्थ छवियां खोज सकते/सकती है?

उत्तर 2: ‘जो हुआ होगा’ वाक्य पाठ में पहली बार तब आता है, जब यशोधर बाबू किशनदा के जाति भाई से उनकी मृत्यु का कारण पूछते हैं।  उत्तर में उन्होंने कहा ‘जो हुआ होगा ‘यानी पता नहीं | फिर यशोधर बाबू यही विचार करते हैं कि उनके बाल बच्चे ही नहीं होते, वे व्यक्ति अकेलेपन के कारण स्वस्थ दिखने के बाद भी बीमार -से हो जाते हैं और उनकी मृत्यु हो जाती है।

यह भी कारण हो सकता है कि उनकी बिरादरी से घोर उपेक्षा मिली, इस कारण उनकी मृत्यु अपने अनंत दुखों के कारण हुई। किशनदा की मौत क्यों हुई इसके पीछे का सही कारण नहीं पता चला।यशोधर बाबू हमेशा इसी सोच में रहते कि आख़िर किशनदा की मौत कैसे और क्यों हुई?जिसका उत्तर किसी के पास नहीं था।

प्रश्न 3: ‘समहाउ इंप्रापर’ वाक्यांश का प्रयोग यशोधर बाबू लगभग हर वाक्य के प्रारंभ में तकिया कलाम की तरह करते है। इस वाक्यांश का उनके व्यिक्तत्व और कहानी के कथ्य सेक्या संबंध बनता है?

उत्तर 3: पाठ में समहाउ इपापर वाक्याश का प्रयोग निम्नलिखित सदर्भो में हुआ था।

– साधारण पुत्र को असाधारण वेतन मिलने पर
– स्कूटर की सवारी पर
– दप्तर में सिल्वर वेडिंग
– डीडीए फ्लैट का पैसा न भरने पर
– खुशहाली में रिश्तेदारों की उपेक्षा करने पर
– छोटे साले के ओछेपन पर
– केक काटने की विदेशी परपरा पर आदि इन सदर्भो से यह स्पष्ट होता है कि यशोधरा बाबू सिदात्वादी थे।

प्रश्न 4: यशोधर बाबू की कहानी को दिशा देने में किशनदा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आपके जीवन की दिशा देने में किसका महत्वपूर्ण योगदान रहा और कैसे?

उत्तर 4: यशोधर बाबू की कहानी को दिशा देने में किशन दा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। मेरे जीवन पर मेरे बड़े भाई साहब का प्रभाव है। वे बड़े शिक्षाविद हैं। उन्होंने हर परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की थी। उन्हें कई विषयों का गहन ज्ञान है। परिवार वाले उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे, परंतु उन्होंने साफ़ मना कर दिया तथा शिक्षक बनना स्वीकार किया। आज वे विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर हैं।

उनके विचार व कार्यशैली ने मुझे प्रभावित किया। मैंने निर्णय किया कि मुझे भी उनकी तरह मेहनत करके आगे बढ़ना है। मैंने पढ़ाई में मेहनत की तथा अच्छे अंक प्राप्त किए। मैंने स्कूल की सांस्कृतिक गतिविधियों में भी भाग लेना शुरू कर दिया। कई प्रतियोगिताओं में मुझे इनाम भी मिले। मेरे अध्यापक प्रसन्न हैं। मैं बड़े भाई की सरलता, व सादगी से बहुत प्रभावित हूँ।

प्रश्न 5: वर्तमान समय में परिवार की संरचना, स्वरूप से जुड़े आपके अनुभव इस कहानी से कहाँ तक सामंजस्य बिठा पाते हैं?

उत्तर 5: यह कहानी आज के समय की पारिवारिक संरचना और उसके स्वरूप का सही अंकन करती है। आज की परिस्थितियाँ इस कहानी की मूल्य संवेदना को प्रस्तुत करती हैं। आज के परिवारों में सिद्धांत और व्यवहार का अंतर दिखाई देता है। आज के परिवारों में भी यशोधर बाबू जैसे लोग मिल जाते हैं जो चाहकर भी स्वयं को बदल नहीं सकते।

दूसरे को बदलता देख कर वे क्रोधित हो जाते हैं। उनका क्रोध स्वाभाविक है क्योंकि समय और समाज का बदलना जरूरी है। समय परिवर्तनशील है और व्यक्ति को उसके अनुसार ढल जाना चाहिए। यह कहानी वर्तमान समय की पारिवारिक संरचना और स्वरूप को अच्छे ढंग से प्रस्तुत करती है।

प्रश्न 6: निम्नलिखित में से किसे आप कहानी की मूल संवेदना कहेंगे/कहेंगी और क्यों?
(क) हाशिए पर धकेले जाते मानवीय मूल्य
(ख) पीढ़ी अंतराल
(ग) पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव।

उत्तर 6: मेरी समझ में पीढ़ी अंतराल ही ‘सिल्वर वैडिंग’ शीर्षक कहानी की मूल संवेदना है। यशोधर बाबू और उसके पुत्रों में एक पीढ़ी को अंतराल है। इसी कारण यशोधर बाबू अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ सामंजस्य नहीं बिठा पाते हैं। यह सिद्धांत और व्यवहार की लड़ाई है। यशोधर बाबू सिद्धांतवादी हैं तो उनके पुत्र व्यवहारवादी।

आज सिद्धांत नहीं व्यावहारिकता चलती है। यशोधर बाबू के विचार पूरी तरह से पुराने हैं जो नयी पीढ़ी के साथ कहीं भी तालमेल नहीं रखते। पीढ़ी का अंतराल और उनके विचारों का अंतराल यशोधर बाबू और उनके परिवार के सदस्यों में वैचारिक अलगाव पैदा कर देता है।

प्रश्न 7: अपने घर और विद्यालय के आस-पास हो रहे उन बदलावों के बारे में लिखे जो सुविधाजनक और आधुनिक होते हुए भी बुजुर्गों को अच्छे नहीं लगते। अच्छा ना लगने के क्या कारण होंगे?

उत्तर 7: हमारे घर और विद्यालय के आस-पास हो रहे निम्नलिखित बदलाव है:

  • (1) परिवर्तन प्रकृति का नियम है। बदलना ही समय की पहचान है। आज घर का परिवेश बिल्कुल बदल चुका है। एकल परिवार प्रणाली प्रचलन में आ चुकी है यद्यपि यह सुविधाजनक है किंतु इसके बुरे परिणाम भी सामने आ रहे हैं। लोगों में असुरक्षा की भावना बढ़ती है
  • (2) शहरी जीवन में स्त्री-पुरुष संबंधों में खुलापन आया है साथ ही रहन सहन, वेशभूषा में भी बदलाव हुआ है लेकिन यह रूप बुजुर्गों को बिल्कुल भी पसंद नहीं आ रहा है।
  • (3) बच्चे मैदानों की जगह घरों में रहकर फोन पर गेम खेलते हैं जिससे बुजुर्ग बिल्कुल सहमत नहीं है
  • (4) घर का खाना खाने की जगह आज लोग होटल का खाना खाते हैं बुजुर्गों का यह मानना है यह सब खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता बुजुर्ग इनका विरोध करते हैं|
  • (5) आधुनिकता के नाम पर पाश्चात्य संस्कृति का खुलकर समर्थन किया जा रहा है। संस्कार और मर्यादा का परित्याग किया जा रहा है।
  • (6) इंसानी रिश्ते स्वार्थ पर आधारित होते जा रहे हैं।

प्रश्न 8: यशोधर बाबू के बारे में आपकी क्या धारणा बनती है? दिए गए तीन कथनों में से आप जिसके समर्थन में हैं, अपने अनुभवों और सोच के आधार पर उसके लिए तर्क दीजिए
(क) यशोधर बाबू के विचार पूरी तरह से पुराने हैं और वे सहानुभूति के पात्र नहीं है।
(ख) यशोधर बाबू में एक तरह का वंद्व है जिसके कारण नया उन्हें कभी-कभी खींचता तो है पर पुराना छोड़ता नहीं। इसलिए उन्हें सहानुभूति के साथ देखने की जरूरत है।
(ग) यशोधर बाबू एक आदर्श व्यक्तित्व हैं और नई पीढ़ी द्वारा उनके विचारों को अपनाना ही उचित है।

उत्तर 8: प्रस्तुत कथा में यशोधर बाबू में एक तरह का द्वंद्व है जिसके कारण नया उन्हें कभी-कभी खींचता तो है, पर पुराना छोड़ता नहीं। इसलिए उन्हें सहानुभूति के साथ देखने की जरूरत है। ये बातें कहानी पढ़ने के बाद यशोधर बाबू पर पूर्णत: लागू होती हैं। वे पुरानी सोच के व्यक्ति हैं। समाज को वे अपने मूल्यों के हिसाब से चलाना चाहते हैं।

वे अपने बच्चों की तरक्की से खुश हैं। उन्हें किशन दा की मौत का कारण समझ में आता है। वह स्वयं को को छोड़ नहीं पाते। वे स्वयं को उपेक्षित मानने लगते हैं। वे चाहते हैं कि नई में उन्हें खुशी होती है, परंतु यह भी दुख है कि इस ली गई। ऐसे व्यक्तियों के साथ सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार जरूरी है।

यह भी देखें ✯ Class 12

💞 SHARING IS CARING 💞
Ncert Books PDF

English Medium

Hindi Medium

Ncert Solutions and Question Answer

English Medium

Hindi Medium

Revision Notes

English Medium

Hindi Medium

Related Chapters