नागरिक शास्त्र पाठ 2 धर्मनिरपेक्षता की समझ class 8 question answer: class 8 samajik aur rajnitik jeevan chapter 2 question answer
Textbook | Ncert |
Class | Class 8 |
Subject | नागरिक शास्त्र |
Chapter | Chapter 2 |
Chapter Name | धर्मनिरपेक्षता की समझ पाठ के प्रश्न उत्तर |
Category | Ncert Solutions |
Medium | Hindi |
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प्रश्न 1: अपने आस-पड़ोस में प्रचलित धार्मिक क्रियाकलापों की सूची बनाइए। आप विभिन्न प्रकार की प्रार्थनाओं, विभिन्न देवताओं की पूजा, विभिन्न पवित्र स्थानों, विभिन्न प्रकार के धार्मिक संगीत और गायन आदि को देख सकते हैं। क्या इससे धार्मिक क्रियाकलापों की स्वतंत्रता का पता चलता है?
उत्तर 1: मेरे आस-पास हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई जैसे विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते है और उनको अपने मर्जी के धर्म मानने की पूरी स्वतंत्रता है। जैसे कि हिंदू धर्म में मंदिरों में पूजा-अर्चना, आरती, हवन और भजन-कीर्तन शामिल हैं। मुस्लिम समुदाय में मस्जिदों में नमाज अदा करना, रमज़ान में रोज़ा रखना और ईद जैसे त्योहार मनाना देखने को मिलता है।
सिख धर्म में गुरुद्वारों में कीर्तन, अरदास और लंगर का आयोजन होता है, जबकि ईसाई धर्म में चर्च में प्रार्थना, बाइबिल पाठ और क्रिसमस जैसे पर्व मनाए जाते हैं। इसके अलावा, जैन धर्म में मंदिरों में पूजा और उपवास, बौद्ध धर्म में ध्यान और बौद्ध ग्रंथों का अध्ययन भी होता है।
इन विविध धार्मिक क्रियाकलापों को देखने से यह स्पष्ट होता है कि हमारे समाज में धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान किया जाता है। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी आस्था और विश्वास के अनुसार पूजा-अर्चना करने, धार्मिक स्थलों पर जाने और अपने धर्म से जुड़े पर्व-त्योहार मनाने की स्वतंत्रता प्राप्त है। यह धार्मिक सहिष्णुता और बहुलवाद का प्रतीक है, जो हमारे देश की सांस्कृतिक विविधता को और भी मजबूत करता है।
प्रश्न 2: अगर किसी धर्म के लोग यह कहते हैं कि उनका धर्म नवजात शिशुओं को मारने की छूट देता है तो क्या सरकार किसी तरह का दखल देगी या नहीं? अपने उत्तर के समर्थन में कारण बताइए।
उत्तर 2: यदि किसी धर्म के लोग यह कहें कि उनका धर्म नवजात शिशुओं को मारने की अनुमति देता है, तो सरकार निश्चित रूप से इसमें दखल देगी। इसका मुख्य कारण यह है कि भारत का संविधान धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25) प्रदान करता है, लेकिन यह स्वतंत्रता पूर्णतः निरंकुश नहीं है।
अनुच्छेद 25 में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य के अधीन है। नवजात शिशुओं की हत्या एक गंभीर अपराध है, जो भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 के तहत हत्या के अपराध में आता है। किसी भी धर्म के नाम पर मानव अधिकारों का उल्लंघन स्वीकार नहीं किया जा सकता, इसलिए सरकार ऐसे कृत्यों को रोकने के लिए हस्तक्षेप करेगी।
प्रश्न 3: इस तालिका को पूरा कीजिए-
उद्देश्य | यह महत्वपूर्ण क्यों है? | इस उद्देश्य के उल्लंघन का एक उदाहरण |
एक धार्मिक समुदाय दूसरे समुदाय पर वर्चस्व नहीं रखता | ||
राज्य न तो किसी धर्म को थोपता है और न ही लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता छीनता है | ||
एक ही धर्म के कुछ लोग अपने ही धर्म के दूसरे लोगों को न दबाएँ |
उत्तर 3:
उद्देश्य | यह महत्वपूर्ण क्यों है? | इस उद्देश्य के उल्लंघन का एक उदाहरण |
एक धार्मिक समुदाय दूसरे समुदाय पर वर्चस्व नहीं रखता | इससे सभी समुदायों का समान विकास होता है। | जम्मू और कश्मीर में हिंदू – मुसलमान पर लोग अपना वर्चस्व रखते है। |
राज्य न तो किसी धर्म को थोपता है और न ही लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता छीनता है | इससे हम अल्पसंख्यक वाले लोगों पर अत्याचार और भेदभाव रोक सकते है। | श्रीलंका में सहनागली लोग तामील लोगो पर अपना वर्चस्व रखते है |
एक ही धर्म के कुछ लोग अपने ही धर्म के दूसरे लोगों को न दबाएँ | इससे हम शांति, सहनशीलता और सौहार्दपूर्ण वातावरण मिलता है। | हिंदू धर्म के लोगों के छुआ – छात की प्रथा इसका अच्छा उदाहरण है। |
प्रश्न 4: अपने स्कूल की छुट्टियों के वार्षिक कैलेंडर को देखिए। उसमें से कितनी छुट्टियाँ विभिन्न धर्मों से संबंधित हैं। इससे क्या संकेत मिलता है?
उत्तर 4: हमारे स्कूल में कुल मिला के 30 दिन की छुट्टी मिलती है।
जिनमे से 5 सरकारी और 25 विभिन्न धर्मों के विभिन्न त्यौहारों की छुट्टी है।
- हिंदू धर्म : दीपावली, होली और दशहरा।
- सिख धर्म : गुरु गोविंद जयंती, लोहरी और बैसाखी।
- ईसाई धर्म : गुड फ्राइडे और क्रिसमस।
- मुस्लिम धर्म : ईद उल्ल फ़ित्र, ईद उल्ल अजहा और मुहर्रम।
इससे हमें यह पता चलता भारत में हर धर्म को एक समान इज्जत मिलती है और यहाँ हर नागरिक अपने पसंद के कोई भी धर्म के पालन के लिए स्वतंत्र है।
प्रश्न 5: एक ही धर्म के भीतर अलग-अलग दृष्टिकोणों के कुछ उदाहरण दें।
उत्तर 5: हिंदू धर्म में बहुत से देवी देवताओं की पूजा की जाती है और इन सभी देवी देवताओं की अपनी अलग अलग मान्यता है।
- कुछ चीजे तो जैसी भी है जिनका पालन वैष्णव धर्म में किया जाता है परन्तु शैव धर्म में इसका पालन करना मना है।
- हिंदू धर्म के लोग दो क्षेणी में विभाजित वैष्णव और शैव।
- इन दोनों क्षेणी में बहुत अंतर है इनका धर्म एक है लेकिन भगवान और मान्यताएँ अलग अलग है।
प्रश्न 6: भारतीय राज्य धर्म से फ़ासला भी रखता है और उसमें हस्तक्षेप भी करता है। यह उलझाने वाला विचार लग सकता है। इस पर कक्षा में एक बार फिर चर्चा कीजिए। चर्चा के लिए इस अध्याय में दिए गए उदाहरणों के अलावा आप अपनी जानकारी के अन्य उदाहरणों का भी सहारा ले सकते हैं।
उत्तर 6: भारतीय राज्य का धर्म से फासला-
- भारतीय राज्य किसी एक धर्म को समर्थन नहीं देता है।
- भारत में कचहरी, थाने, सरकारी, विद्यालय और दफ़्तर जैसे सरकारी संस्थानों में किसी खास धर्म को प्रोत्साहन देने या उसका प्रदर्शन करने की छूट नहीं है।
भारतीय राज्य का धर्म में हस्तक्षेप-
- धर्म के नाम पर अलग-थलग करना और भेदभाव रोकने के लिए भारतीय संविधान ने छुआछूत पर पाबंदी लगाई है।
- माँ-बाप की संपत्ति में बराबर हिस्से के अधिकार का सम्मान करने के लिए राज्य को समुदायों के धर्म पर आधारित निजी कानूनों में भी हस्तक्षेप कर सकता है।
प्रश्न 7: साथ में दिया गया यह पोस्टर ‘शांति’ के महत्त्व को रेखांकित करता है। इस पोस्टर में कहा गया है ‘‘शांति कभी न खत्म होने वाली प्रक्रिया है…यह हमारी आपसी भिन्नताओं और साझा हितों को नजरअंदाज करके नहीं चल सकती।” ये वाक्य क्या बताते हैं? अपने शब्दों में लिखिए। धार्मिक सहिष्णुता से इसका क्या संबंध है?
इस अध्याय में आप ही की उम्र के विद्यार्थियों ने भी धार्मिक सहिष्णुता पर तीन तस्वीरें बनाई है। धार्मिक सहिष्णुता को ध्यान में रखते हुए अपने साथियों को दिखने के लिए खुद एक पोस्टर बनाइए।
उत्तर 7: शांति से हम सब कुछ प्राप्त करते हैं। इससे हमारा अपना तथा देश का विकास होता है तथा हम सब उन्नति के पथ पर अग्रसर होते हैं। शांति उसी समय स्थापित की जा सकती है जब सभी धर्मों के बीच सहिष्णुता होती है और सब मिल-जुलकर रहते हैं।