Class 8 Civics chapter 6 question answer in hindi हाशियाकरण से निपटना

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नागरिक शास्त्र पाठ 6 हाशियाकरण से निपटना class 8 question answer: class 8 samajik aur rajnitik jeevan chapter 6 question answer

TextbookNcert
ClassClass 8
Subjectनागरिक शास्त्र
ChapterChapter 6
Chapter Nameहाशियाकरण से निपटना प्रश्न उत्तर
CategoryNcert Solutions
MediumHindi

क्या आप Class 8 Civics chapter 6 question answer in hindi ढूंढ रहे हैं? अब आप यहां से पाठ 6 हाशियाकरण से निपटना class 8 question answer Download कर सकते हैं।

प्रश्न 1: दो ऐसे मौलिक अधिकार बताइए जिनका दलित समुदाय प्रतिष्ठापूर्ण और समतापरक व्यवहार पर जोर देने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इस सवाल का जवाब देने के लिए पृष्ठ 14 पर दिए गए मौलिक अधिकारों को दोबारा पढ़िए।

उत्तर 1: ऐसे दो मौलिक अधिकार जिनका दलित समुदाय प्रतिष्ठापूर्ण और समतापरक व्यवहार पर जोर देने के लिए प्रयोग कर सकते हैं-

  • शोषण के विरुद्ध अधिकार
  • समानता का अधिकार

प्रश्न 2: रत्नम की कहानी और 1989 के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों को दोबारा पढिए। अब एक कारण बताइए कि रत्नम ने इसी कानून के तहत शिकायत क्यों दर्ज कराई।

उत्तर 2: अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम, 1989-

  • रत्नम ने इसीलिए इस अधिनियम के अंतर्गत शिकायत दर्ज कराई।
  • रत्नम को पुजारियों के पैरों के धोवन के पानी से नहाने के लिए मजबूर किया जा रहा था।
  • इस अधिनियम के अनुसार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किसी भी व्यक्ति को कोई ऐसा कृत्य (कार्य) करने के लिए मजबूर करना जो मानवीय प्रतिष्ठा के अनुरूप नहीं है अपराध माना जाता है।

प्रश्न 3: सी.के. जानू और अन्य आदिवासी कार्यकर्ताओं को ऐसा क्यों लगता है कि आदिवासी भी अपने परंपरागत संसाधनों के छीने जाने के खिलाफ़ 1989 के इस कानून का इस्तेमाल कर सकते हैं? इस कानून के प्रावधानों में ऐसा क्या खास है जो उनकी मान्यता को पुष्ट करता है?

उत्तर 3: सी. के. जानू और अन्य आदिवासी कार्यकर्ताओं की सोच का कारण-

1989 के कानून का एक प्रावधान यह भी है कि अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी व्यक्ति के नाम पर आवंटित की गई या उसके स्वामित्व वाली जमीन पर कोई व्यक्ति कब्जा करता है या खेती करता है या उसे अपने नाम पर स्थानांतरित करवा लेता है तो उसे सजा दी जाएगी। इसी कारण सी. के. जानू और अन्य आदिवासी कार्यकर्ताओं को लगा कि वे अपने परंपरागत संसाधनों के छीने जाने के खिलाफ 1989 के अधिनियम का प्रयोग कर सकते हैं।

प्रश्न 4: इस इकाई में दी गई कविताएँ और गीत इस बात का उदाहरण है कि विभिन्न व्यक्ति और समुदाय अपनी सोच, अपने गुस्से और अपने दुखों को किस-किस तरह से अभिव्यक्त करते हैं। अपनी कक्षा में ये दो कार्य कीजिए-
(क) एक ऐसी कविता खोजिए जिसमें किसी सामाजिक मुद्दे की चर्चा की गई है। उसे अपने सहपाठियों के सामने पेश कीजिए। दो या अधिक कविताएँ लेकर छोटे-छोटे समूहों में बँट जाइए और उन कविताओं पर चर्चा कीजिए। देखें कि कवि ने क्या कहने का प्रयास किया है।
(ख) अपने इलाके में किसी एक हाशियाई समुदाय का पता लगाइए। मान लीजिए कि आप उस समुदाय के सदस्य हैं। अब इस समुदाय के सदस्य की हैसियत से अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए कोई कविता या गीत लिखिए या पोस्टर आदि बनाइए।

उत्तर 4: (क) सामाजिक मुद्दे पर कविता खोजकर चर्चा:
आप रघुवीर सहाय की कविता “रामदास” ले सकते हैं, जिसमें सामाजिक असमानता और गरीबी को दर्शाया गया है।
कविता का सार यह है कि किस प्रकार गरीब और वंचित वर्ग समाज में अपने अधिकारों से वंचित रहता है और उसकी आवाज़ दबा दी जाती है।

कविता के कुछ अंश:
रामदास इस बार न मरा
फांसी से बच गया
पर अब की बार भी वह जिया नहीं

यह कविता सामाजिक न्याय और वंचितों के संघर्ष पर आधारित है।
समूह में चर्चा के दौरान इन प्रश्नों पर विचार किया जा सकता है:

  • कवि ने रामदास की कहानी के माध्यम से कौन-से सामाजिक मुद्दों को उठाया है?
  • क्या आज भी समाज में ऐसी स्थितियाँ देखी जा सकती हैं?
  • कवि ने किस तरह से आम आदमी की व्यथा को चित्रित किया है?

(ख) हाशियाई समुदाय पर कविता/गीत:
मान लीजिए कि आप दलित समुदाय के सदस्य हैं। इस संदर्भ में आप निम्न कविता लिख सकते हैं:

“हमारी आवाज़”
हमने भी देखे हैं सपने, उजाले से भरे
पर हर बार अंधेरे में, कदम हमारे ठहरे
राहें तो खुली हैं, पर दरवाजे बंद हैं
सदियों से जो जख्म मिले, अब भी ताज़ा हैं

हम भी चाहें आगे बढ़ना, बराबरी का मान मिले
हमारी आवाज़ भी सुनी जाए, हमें भी सम्मान मिले
बस एक मौका चाहिए, हमें भी उड़ने दो
इस धरती का हिस्सा हैं हम भी, हमें भी जीने दो

यह कविता दलित समुदाय की पीड़ा, संघर्ष और बराबरी की मांग को दर्शाती है।
आप इसके साथ पोस्टर भी बना सकते हैं, जिसमें जातिगत भेदभाव और सामाजिक न्याय की माँग को रेखांकित किया जाए।
पोस्टर पर नारे लिख सकते हैं जैसे:

  • “समानता हमारा अधिकार”
  • “हर हाथ को काम, हर जीवन को सम्मान”
  • “भेदभाव छोड़ो, समानता की ओर बढ़ो”

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