नागरिक शास्त्र पाठ 8 कानून और सामाजिक न्याय class 8 question answer: class 8 samajik aur rajnitik jeevan chapter 8 question answer
Textbook | Ncert |
Class | Class 8 |
Subject | नागरिक शास्त्र |
Chapter | Chapter 8 |
Chapter Name | कानून और सामाजिक न्याय पाठ के प्रश्न उत्तर |
Category | Ncert Solutions |
Medium | Hindi |
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प्रश्न 1: दो मजदूरों से बात करके पता लगाएँ कि उन्हें कानून द्वारा तय किया गया न्यूनतम वेतन मिल रहा है या नहीं। इसके लिए आप निर्माण मजदूरों, खेत मज़दूरों, फैक्ट्री मज़दूरों या किसी दुकान पर काम करने वाले मजदूरों से बात कर सकते हैं।
उत्तर 1: निर्माण मजदूर और खेत मजदूर से बातचीत करने पर पता चला कि उन्हें कानून द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन नहीं मिल रहा है, जिससे उनके जीवनयापन में कठिनाई हो रही है। वहीं, फैक्ट्री मजदूर और दुकान पर काम करने वाले मजदूरों ने बताया कि उन्हें न्यूनतम वेतन मिल रहा है, जिससे वे संतुष्ट हैं।
प्रश्न 2: विदेशी कंपनियों को भारत में अपने कारखाने खोलने से क्या फ़ायदा है?
उत्तर 2: विदेशी कंपनियों को भारत में कारखाने खोलने के प्रमुख फायदे:
- सस्ता श्रम – भारत में कम लागत में कुशल और अकुशल श्रमिक उपलब्ध हैं।
- बड़ा बाजार – भारत की विशाल जनसंख्या और बढ़ती क्रय शक्ति से उत्पादों की मांग अधिक है।
- सरकारी प्रोत्साहन – ‘मेक इन इंडिया’ जैसी योजनाओं और टैक्स छूट से लाभ।
- कम उत्पादन लागत – कच्चा माल और परिचालन खर्च अन्य देशों की तुलना में कम है।
- निर्यात के अवसर – भारत से पड़ोसी देशों और वैश्विक बाजारों में आसान निर्यात।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाएँ – औद्योगिक कॉरिडोर और बेहतर लॉजिस्टिक्स सपोर्ट।
- विदेशी निवेश (FDI) नीतियाँ – कई सेक्टरों में 100% FDI की अनुमति।
- टैक्स बेनिफिट्स – कुछ राज्यों में विशेष कर छूट और सब्सिडी।
प्रश्न 3: क्या आपको लगता है कि भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को सामाजिक न्याय मिला है? चर्चा करें।
उत्तर 3: भोपाल गैस त्रासदी से पीड़ितों को सामाजिक न्याय नहीं मिला है क्योंकि-
- वे यूनियन कार्बाइड के चेयरमैन एंडरसन को सजा दिलाने के लिए भी आंदोलन चला रहे हैं।
- पीड़ितों को घटना के 24 साल बाद भी न्याय के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
- वे पीने के साफ पानी, स्वास्थ्य सुविधाओं और यूनियन कार्बाइड के जहर से ग्रस्त लोगों के लिए नौकरियों व उचित मुआवजे की माँग कर रहे हैं।
प्रश्न 4: जब हम कानूनों को लागू करने की बात करते हैं तो इसका क्या मतलब होता है? कानूनों को लागू करने की जिम्मेदारी किसकी है? कानूनों को लागू करना इतना महत्त्वपूर्ण क्यों है?
उत्तर 4: कानूनों को लागू करने का अर्थ: कानूनों को लागू करने का मतलब है कि सरकार द्वारा बनाए गए नियमों और प्रावधानों को सही ढंग से अमल में लाना और यह सुनिश्चित करना कि नागरिक, संस्थाएं और संगठन उन कानूनों का पालन करें।
कानूनों को लागू करने की जिम्मेदारी:
- कार्यपालिका: कानून लागू करने की मुख्य जिम्मेदारी केंद्र और राज्य सरकारों की कार्यपालिका पर होती है।
- पुलिस और प्रशासन: पुलिस व्यवस्था नागरिकों के बीच कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद करती है और कानून तोड़ने वालों पर कार्रवाई करती है।
- न्यायपालिका: यदि कोई व्यक्ति या संस्था कानून का उल्लंघन करती है तो न्यायपालिका उचित दंड देकर कानून का पालन सुनिश्चित करती है।
कानूनों को लागू करना इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
- सामाजिक व्यवस्था बनाए रखना: कानूनों का पालन होने से समाज में शांति और व्यवस्था बनी रहती है।
- अपराध पर नियंत्रण: यदि कानूनों को सख्ती से लागू किया जाए तो अपराध दर में कमी आती है।
- नागरिक अधिकारों की रक्षा: कानूनों का पालन नागरिकों के मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करता है।
- समानता और न्याय: कानूनों को लागू करने से सभी लोगों को समान अवसर और न्याय मिलता है।
- देश का विकास: कानूनी ढांचा मजबूत होने से आर्थिक और सामाजिक विकास को गति मिलती है।
प्रश्न 5: कानून के जरिए बाजारों को सही ढंग से काम करने के लिए किस तरह प्रेरित किया जा सकता है? अपने जवाब के साथ दो उदाहरण दें।
उत्तर 5: कानूनों के माध्यम से निम्नलिखित प्रकार से बाजारों को सही ढंग से काम करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है-
- चीजों की गुणवत्ता निर्धारित मानकों के अनुरूप होनी चाहिए यह बताने के लिए कानून बनाया गया है। उदाहरण के लिए विद्युत उपकरण सुरक्षा मानकों के अनुरूप होने चाहिए।
- कीमतों को नियंत्रण में रखने वाले कानून आवश्यक वस्तुओं की कीमतों; जैसे- चीनी, दाल, तेल, अनाज आदि को नियंत्रण में रखता है।
प्रश्न 6: मान लीजिए कि आप एक रासायनिक फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर हैं। सरकार ने कंपनी को आदेश दिया है कि वह वर्तमान जगह से 100 किलोमीटर दूर किसी दूसरे स्थान पर अपना कारखाना चलाए। इससे आपकी जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा? अपनी राय पूरी कक्षा के सामने पढ़कर सुनाएँ।
उत्तर 6: एक मजदूर की जिंदगी पर पड़ने वाले प्रभाव-
- नौकरी की अनिश्चितता – कंपनी नई जगह शिफ्ट होगी, तो क्या हम सभी मजदूरों को नौकरी मिल पाएगी?
- परिवार का विस्थापन – 100 किमी दूर जाने पर घर, बच्चों की पढ़ाई और पारिवारिक जीवन पर असर पड़ेगा।
- आवास की समस्या – नई जगह पर रहने का खर्च और सुविधाएँ कैसी होंगी?
- यातायात की चुनौती – अगर परिवार को पीछे छोड़कर जाना पड़े, तो आने-जाने में समय और पैसा खर्च होगा।
- नए माहौल में ढलना – नए शहर/गाँव की भाषा, संस्कृति और रहन-सहन में समायोजन करना मुश्किल हो सकता है।
- अतिरिक्त खर्च – नई जगह पर राशन, बिजली, पानी जैसी बुनियादी जरूरतें महँगी हो सकती हैं।
- सरकारी मदद? – क्या सरकार हम जैसे मजदूरों को विस्थापन के लिए कोई मुआवजा यह सहायता देगी?
प्रश्न 7: इस इकाई में आपने सरकार की विभिन्न भूमिकाओं के बारे में पढ़ा है। इनके बारे में एक अनुच्छेद लिखें।
उत्तर 7: सरकार की विभिन्न भूमिकाएँ-
- सरकार यह भी सुनिश्चित करती है कि संविधान में वर्णित मौलिक अधिकारों का हनन न हो।
- प्रत्येक व्यक्ति को विभिन्न जनसुविधाएँ; जैसे – पानी, स्वास्थ्य, स्वच्छता, बिजली, परिवहन तथा विद्यालय आदि उपलब्ध कराना।
- सरकार बजट पेश करती है। सरकार बजट में वर्ष के आय तथा व्यय और आने वाले वर्ष की योजनाओं के लिए पैसे की व्यवस्था कैसे की जाएगी।
- सरकार कानून बनाती है तथा इस बात को भी सुनिश्चित करती है कि कानूनों को कैसे लागू किया जाए।
प्रश्न 8: आपके इलाके में पर्यावरण को दूषित करने वाले स्रोत कौन से हैं? (क) हवा; (ख) पानी और (ग) मिट्टी में प्रदूषण के संबंध में चर्चा करें। प्रदूषण को रोकने के लिए किस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं? क्या आप कोई और उपाय सुझा सकते हैं?
उत्तर 8: पर्यावरण को दूषित करने वाले स्रोत-
- (क) हवा– फैक्ट्रियों और यातायात के साधनों से निकलने वाला धुआँ।
- (ख) पानी– गंदे नालों का पानी, सीवर का पानी, कारखानों का गंदा पानी आदि।
- (ग) मिट्टी– फैक्ट्रियों को दूषित जल व कचरा, घरों का गंदा पानी व कूड़ा-कचरा आदि।
प्रदूषण रोकने हेतु उठाए गए कदम-
- सरकार ने सभी प्रकार के प्रदूषण को रोकने के लिए कानून बनाए हैं।
- गंदे पानी को साफ करने के लिए जल शोधक संयंत्र स्थापित किए गए हैं।
- उद्योगों व फैक्ट्रियों को रिहायशी इलाकों से दूर स्थापित किए गए हैं।
- प्लास्टिक की थैलियों के प्रयोग पर रोक लगा दी गयी है।
अन्य उपाय-
- कूड़ा-करकट व अपशिष्ट के निपटान के लिए व्यवस्था की गयी है।
- अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएँ।
- लोगों को प्रदूषण रोकने के लिए जागरूक करना।
- निजी वाहनों को सी.एन.जी. के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
प्रश्न 9: पहले पर्यावरण को किस तरह देखा जाता था? क्या अब सोच में कोई बदलाव आया है? चर्चा करें।
उत्तर 9: पहले पर्यावरण के प्रति सोच-
- पर्यावरण को मुफ्त की चीज माना जाता था।
- पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता नहीं थी।
- पहले पर्यावरण की रक्षा के लिए बहुत कम कानून थे और इन कानूनों को लागू करने की व्यवस्था भी काफी कमजोर थी।
पर्यावरण के प्रति सोच में बदलाव-
- सरकार ने भी सभी प्रकार के प्रदूषण को रोकने के लिए कानून बनाए हैं।
- पर्यावरण के प्रति लोगों की सोच में बदलाव आया है और अब लोग पर्यावरण की चिंता करने लगे हैं।
- न्यायालयों ने अपने फैसलों में स्वच्छ पर्यावरण के अधिकार को जीवन के मौलिक अधिकार का हिस्सा माना है।
प्रश्न 10: प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट आर. के. लक्ष्मण इस कार्टून के जरिए क्या कहना चाह रहे हैं? इसका 2016 में बनाए गए इस कानून से क्या संबंध है जिसको पृष्ठ 105 पर आपने पढ़ा था।
उत्तर 10: 2016 में बनाए गए कानून से संबंध: प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट आर. के. लक्ष्मण इस कार्टून के माध्यम से बताना चाहते हैं कि हमारे देश में बाल मजदूरी अभी भी जारी है। इस सामाजिक कुरीति में गरीब वर्ग अमीर वर्ग द्वारा शोषित होता है। 2016 में सरकार ने 14 साल से कम उम्र के बच्चों को घर, ढाबों या रेस्तराँ आदि में नौकरी पर रखने की प्रथा पर पाबंदी लगा दी थी।