कक्षा 8 हिंदी पाठ 1 के प्रश्न उत्तर: Ncert Solutions for Class 8 Hindi chapter 1
Textbook | Ncert |
Class | Class 8 |
Subject | Hindi |
Chapter | Chapter 1 |
Chapter Name | लाख की चूड़ियाँ प्रश्न उत्तर |
Category | Ncert Solutions |
Medium | Hindi |
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कहानी से लाख की चूड़ियाँ प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1: बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से क्यों जाता था और बदलू को ‘बदलू मामा’ न कहकर ‘बदलू काका’ क्यों कहता था?
उत्तर 1: बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से इसलिए जाता था क्योंकि लेखक के मामा के गाँव में लाख की चूड़ियाँ बनाने वाला कारीगर बदलू रहता था। लेखक को बदलू काका से अत्यधिक लगाव था। वह लेखक को ढेर सारी लाख की रंग-बिरंगी गोलियाँ देता था इसलिए लेखक अपने मामा के गाँव चाव से जाता था। गाँव के सभी लोग बदलू को ‘बदलू काका’ कहकर बुलाते थे इस कारण लेखक भी ‘बदलू मामा’ न कहकर ‘बदलू काका’ कहता था।
प्रश्न 2: वस्तु-विनिमय क्या है? विनिमय की प्रचलित प्रद्धति क्या है?
उत्तर 2: वस्तु-विनिमय वह प्रणाली है जिसमें वस्तुओं और सेवाओं का सीधे आदान-प्रदान किया जाता है, बिना पैसे के उपयोग के। इसमें एक वस्तु को दूसरी वस्तु से बदला जाता है, जैसे गेहूं के बदले कपड़ा। विनिमय की प्रचलित प्रणाली मुद्रा (पैसा) है। आधुनिक समय में वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान मुद्रा के माध्यम से किया जाता है, जो विनिमय को सरल और सुविधाजनक बनाता है।
प्रश्न 3: ‘मशीनी युग’ ने कितने हाथ काट दिए हैं।’ – इस पंक्ति में लेखक ने किस व्यथा की ओर संकेत किया है?
उत्तर 3: ‘मशीनी युग’ ने कितने हाथ काट दिए हैं।’ – इस पंक्ति में लेखक ने मशीनीकरण के कारण मानवीय श्रम की उपेक्षा और बेरोजगारी की व्यथा की ओर संकेत किया है। औद्योगिकीकरण और मशीनों के बढ़ते उपयोग के कारण हस्तशिल्प, कारीगरी, और पारंपरिक उद्योगों का ह्रास हुआ, जिससे अनेक कारीगरों और श्रमिकों का रोजगार छिन गया। मशीनों के आगमन से हाथ से किए जाने वाले काम कम हो गए हैं, जिससे बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए हैं। यह पंक्ति मशीनों के कारण मानवीय श्रम के महत्व में कमी और उससे उत्पन्न आर्थिक व सामाजिक समस्याओं को दर्शाती है।
प्रश्न 4: बदलू के मन में ऐसी कौन-सी व्यथा थी जो लेखक से छिपी न रह सकी?
उत्तर 4: बदलू के मन में उसके रोज़गार के छिन जाने की व्यथा थी, जो लेखक से छिपी न रह सकी। इसलिए लेखक कहता है—’इस मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए हैं’ जिसका अर्थ है कि मशीनों के प्रचलन के कारण हज़ारों-लाखों लोगों के रोज़गार पूर्ण रूप से समाप्त हो गए हैं।
प्रश्न 5: मशीनी युग से बदलू के जीवन में क्या बदलाव आया?
उत्तर 5: बदलू के जीवन में मशीनों के आगमन से यह बदलाव आया की वह अब बेरोजगार हो चूका है उसका घर चलाना बेहद मुश्किल हो गया है। काम न करने से उसका शरीर भी समय से पहले बूढ़ा दिखने लगा है वह बीमार भी रहने लगा है।
कहानी से आगे लाख की चूड़ियाँ प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1: आपने मेले-बाज़ार आदि में हाथ से बनी चीजों को बिकते देखा होगा। आपके मन में किसी चीज़ को बनाने की कला सीखने की इच्छा हुई हो और आपने कोई कारीगरी सीखने का प्रयास किया हो तो उसके विषय में लिखिए।
उत्तर 1: मैंने मेले-बाजार में हाथ से बने रंग-बिरंगे खिलौने, रंगीन तथा सफेद मोमबत्तियाँ, हाथ के पंखे, जूट के बने सामान देखे हैंये सामान अत्यंत मनमोहक होते हैं। मैंने एक कलाकार के पास जूट से बने सामानों को बनाना सीखना शुरू कर दिया। लगभग छह महीने सीखने के उपरांत मैं अपने-आप सामान बनाकर बेचने लगा। इससे मुझे अतिरिक्त आमदनी होने लगी।
प्रश्न 2: लाख की वस्तुओं का निर्माण भारत के किन-किन राज्यों में होता है? लाख से चूड़ियों के अतिरिक्त क्या-क्या चीजें बनती हैं? ज्ञात कीजिए
उत्तर 2: लाख की वस्तुओं का निर्माण भारत में मुख्य रूप से राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में होता है। लाख से चूड़ियों के अतिरिक्त खिलौने, गहने, सजावटी सामान, बिंदी, मूर्तियाँ और कंघियाँ भी बनाई जाती हैं। लाख के ये उत्पाद अपनी चमक, सुंदरता और पारंपरिक कलात्मकता के लिए प्रसिद्ध हैं।
अनुमान और कल्पना लाख की चूड़ियाँ प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1: घर में मेहमान के आने पर आप उसका अतिथि-सत्कार कैसे करेंगे?
उत्तर 1: घर में मेहमान के आने पर मैं उनका गर्मजोशी से स्वागत करूंगा/करूंगी। सबसे पहले उन्हें आदरपूर्वक बैठने के लिए स्थान दूंगा/दूंगी और पानी या पेय पदार्थ प्रदान करूंगा/करूंगी। उनके आराम और जरूरतों का ध्यान रखते हुए भोजन या नाश्ता पेश करूंगा/करूंगी। बातचीत में आत्मीयता और सम्मान बनाए रखूंगा/रखूंगी, जिससे वे सहज महसूस करें। विदाई के समय उनका धन्यवाद करूँगा/करूंगी और पुनः आने का आग्रह करूंगा/करूंगी।
प्रश्न 2: आपको छुट्टियों में किसके घर जाना सबसे अच्छा लगता है? वहाँ की दिनचर्या अलग कैसे होती है? लिखिए।
उत्तर 2: मुझे छुट्टियों में अपने नाना-नानी के घर जाना सबसे अच्छा लगता है। वहाँ की दिनचर्या हमारे घर से अलग होती है। सुबह जल्दी उठकर बगीचे में टहलना, ताज़ी हवा में नाश्ता करना और परिवार के सभी सदस्यों के साथ समय बिताना बहुत अच्छा लगता है। दिन में दादा-दादी से कहानियाँ सुनना, खेतों में घूमना या पास के बाजार जाना मजेदार होता है। रात को जल्दी सोने की आदत वहाँ होती है, जिससे दिन भर ऊर्जा बनी रहती है। वहाँ का शांत वातावरण और प्यार भरा माहौल छुट्टियों को खास बना देता है।
प्रश्न 3: मशीनी युग में अनेक परिवर्तन आए दिन होते रहते हैं। आप अपने आसपास से इस प्रकार के किसी परिवर्तन का उदाहरण चुनिए और उसके बारे में लिखिए ।
उत्तर 3: मशीनी युग में अनेक परिवर्तन हम कहीं भी देख सकते हैं। अपने आसपास हुए परिवर्तन का एक उदाहरण मैं प्रस्तुत कर रहा हूँ। मेरी कॉलोनी से कुछ दूर पर खेत है। कुछ समय पहले तक खेती को अधिकांश काम बैलों तथा हाथों से किया जाता था किंतु आज-कल जुताई ट्रैक्टर से, बुवाई सीडड्रिल से, निराई-गुड़ाई कल्टीवेटर से, खरपतवार हटाने के लिए खरपातीनाशी का मशीनों से छिड़काव, कटाई हारवेस्टिंग मशीन से तथा मड़ाई का कार्य प्रेशर से कर भूसा तथा अनाज ट्रैक्टर से ढोकर घर तक लाते हैं।
प्रश्न 4: बाज़ार में बिकने वाले सामानों की डिज़ाइनों में हमेशा परिवर्तन होता रहता है। आप इन परिवर्तनों को किस प्रकार देखते हैं? आपस में चर्चा कीजिए।
उत्तर 4: आज का युग विज्ञान और तकनीक का युग है। प्रतिदिन नए-नए आविष्कार और चीज़ें प्रचलन में आ रही हैं। बाज़ार पहले की तरह संकुचित और छोटा नहीं रहा। अब इसका रूप दिन-प्रतिदिन बदलता जा रहा है। लोगों की रूचि में विभिन्नता ही विभिन्न प्रकार के सामान के डिज़ाइनों में परिवर्तन का कारण है। किसी को वस्तु का आकार छोटा या बड़ा अच्छा लगता है, तो किसी को रंगों में विविधता पसंद होती है। कोई उसे घर में रखना चाहता है, तो कोई सदा अपने साथ ले जाना पसंद करता है। इसलिए उनके डिज़ाइनों में जरूरत के अनुसार परिवर्तन होता रहता है।
प्रश्न 5: हमारे खान-पान, रहन-सहन और कपड़ों में भी बदलाव आ रहा है। इस बदलाव के पक्ष-विपक्ष में बातचीत कीजिए और उसके आधार पर लेख तैयार कीजिए।
उत्तर 5: समय के साथ हमारे खान-पान, रहन-सहन और कपड़ों में निरंतर बदलाव आ रहा है। आधुनिकता और वैश्वीकरण के प्रभाव से लोगों की जीवनशैली में परिवर्तन देखा जा सकता है। जहां यह बदलाव सुविधाजनक और आकर्षक लगता है, वहीं इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी हैं।
बदलते खान-पान की बात करें तो आजकल लोग पारंपरिक भोजन से अधिक फास्ट फूड और पैक खाने की ओर बढ़ रहे हैं। यह सुविधाजनक तो है, लेकिन स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। वहीं, रहन-सहन में भी आधुनिक तकनीक और पश्चिमी संस्कृति का असर दिख रहा है। लोग अब छोटे परिवारों में रहना पसंद कर रहे हैं, जिससे संयुक्त परिवार की परंपरा कमजोर हो रही है। कपड़ों की बात करें तो लोग नए-नए फैशन ट्रेंड अपनाने लगे हैं, जिससे परंपरागत पहनावे का महत्व कम होता जा रहा है। हालांकि, यह बदलाव आरामदायक और व्यावहारिक भी है, जिससे लोग आत्मविश्वास महसूस करते हैं।
संक्षेप में, यह बदलाव जीवन को सरल और आधुनिक बना रहे हैं, लेकिन साथ ही कुछ परंपराओं और मूल्यों को भी प्रभावित कर रहे हैं। संतुलन बनाए रखना आवश्यक है ताकि हम आधुनिकता और अपनी सांस्कृतिक पहचान के बीच सामंजस्य स्थापित कर सकें।
भाषा की बात लाख की चूड़ियाँ प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1: ‘बदलू को किसी बात से चिढ़ थी तो काँच की चूड़ियों से और बदलू स्वयं कहता है-“जो सुंदरता काँच की चूड़ियों में होती है लाख में कहाँ संभव है?” ये पंक्तियाँ बदलू की दो प्रकार की मनोदशाओं को सामने लाती हैं। दूसरी पंक्ति में उसके मन की पीड़ा है। उसमें व्यंग्य भी है। हारे हुए मन से, या दुखी मन से अथवा व्यंग्य में बोले गए वाक्यों के अर्थ सामान्य नहीं होते। कुछ व्यंग्य वाक्यों को ध्यानपूर्वक समझकर एकत्र कीजिए और उनके भीतरी अर्थ की व्याख्या करके लिखिए।
उत्तर 1: (1) बदलू ने मेरी दृष्टि देख ली और बोल पड़ा, यही आखिरी जोड़ा बनाया था ज़मींदार साहब की बेटी के विवाह पर, दस आने पैसे मुझको दे रहे थे। मैंने जोड़ा नहीं दिया। कहा, शहर से ले आओ। इस कथन में उसके ज़मींदार पर व्यंग्य करना है। जिस बदलू की चूड़ियों की धूम सारे गाँव में नहीं अपितु आस पास के गाँवों में भी थी, लोग शादी-विवाह पर उसको मुहँ माँगें मूल्य दिया करते थे, ज़मींदार उसे दस आने देकर सन्तुष्ट करना चाहते थे। दूसरा व्यंग्य उसने शहर पर किया है । ज़मींदार के द्वारा उसको सिर्फ़ दस आने देने पर उसने जमींदार को चूड़ियाँ शहर से लाने के लिए कह दिया क्योंकि शहर की चूड़ियों का मूल्य उसकी चूड़ियों से सहस्त्र गुना महँगा था।
(2) आजकल सब काम मशीन से होता है खेत भी मशीन से जोते जाते हैं और फिर जो सुंदरता काँच की चूड़ियों में होती है, लाख में कहाँ संभव है? यहाँ पर प्रथम व्यंग्य बदलू ने मशीनों पर किया है, दूसरा व्यंग्य काँच की चूड़ियों पर। उसके अनुसार अब तो खेतों का सारा काम मशीनों से हो जाता है। आदमियों की ज़रूरत क्या है और दूसरा काँच की चूड़ियों पर कि काँच की चूड़ियाँ दिखने में इतनी सुन्दर होती है कि लाख की चूड़ियाँ भी इनके आगे फीकी लगती हैं। अर्थात् सुन्दरता के आगे दूसरी वस्तु की गुणवत्ता का कोई मूल्य नहीं है।
प्रश्न 2: ‘बदलू’ कहानी की दृष्टि से पात्र है और भाषा की बात (व्याकरण) की दृष्टि से संज्ञा है। किसी भी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, विचार अथवा भाव को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा को तीन भेदों में बाँटा गया है –
(क) व्यक्तिवाचक संज्ञा, जैसे – लला, रज्जो, आम, काँच, गाय इत्यादि
(ख) जातिवाचक संज्ञा, जैसे – चरित्र, स्वभाव, वजन, आकार आदि द्वारा जानी जाने वाली संज्ञा।
(ग) भाववाचक संज्ञा, जैसे – सुंदरता, नाजुक, प्रसन्नता इत्यादि जिसमें कोई व्यक्ति नहीं है और न आकार या वजन। परंतु उसका अनुभव होता है। पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाएँ चुनकर लिखिए।
उत्तर 2: (क) व्यक्तिवाचक संज्ञा – बदलू, बेलन, मचिया ,जमींदार, मामा, बदलू।
(ख) जातिवाचक संज्ञा – आदमी, मकान, शहर, स्त्रियाँ, चारपाई, बेटी, बच्चे, चूड़ियाँ।
(ग) भाववाचक संज्ञा – स्वभाव, रूचि, व्यथा, बीमार, बेरोजगार, प्रसन्नता, व्यक्तित्व, शांति, पढ़ाई।
प्रश्न 3: गाँव की बोली में कई शब्दों के उच्चारण बदल जाते हैं। कहानी में बदलू वक्त (समय) को बखत, उम्र (वय/आयु) को उमर कहता है। इस तरह के अन्य शब्दों को खोजिए जिनके रूप में परिवर्तन हुआ हो, अर्थ में नहीं।
उत्तर 3: उम्र– उमर
मर्द – मरद
भैया – भइया
ग्राम – गाँव
अंबा – अम्मा
दुर्बल – दुबला
इंसान – मनुष्य
रंज – दुख
गम – मायूसी
ज़िंदगी – जीवन
औलाद – संतान