कक्षा 8 हिंदी पाठ 2 के प्रश्न उत्तर: Ncert Solutions for Class 8 Hindi chapter 2
Textbook | Ncert |
Class | Class 8 |
Subject | Hindi |
Chapter | Chapter 2 |
Chapter Name | बस की यात्रा प्रश्न उत्तर |
Category | Ncert Solutions |
Medium | Hindi |
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कारण बताएँ बस की यात्रा प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1: “मैंने उस कंपनी के हिस्सेदार की तरफ़ पहली बार श्रद्धाभाव से देखा।” लेखक के मन में हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा क्यों जग गई?
उत्तर 1: लेखक के मन में बस कंपनी के हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा इसलिए जाग गई कि वह टायर की स्थिति से परिचित होने के बावजूद भी बस को चलाने का साहस जुटा रहा था। कंपनी का हिस्सेदार अपनी पुरानी बस की खूब तारीफ़ कर रहा था। अर्थ मोह की वजह से आत्म बलिदान की ऐसी भावना दुर्लभ थी जिसे देखकर लेखक हतप्रभ हो गया और उसके प्रति उनके मन में श्रद्धा भाव उमड़ता है।
प्रश्न 2: “लोगों ने सलाह दी कि समझदार आदमी इस शाम वाली बस से सफ़र नहीं करते।”
लोगों ने यह सलाह क्यों दी?
उत्तर 2: लोगों ने लेखक और उसके मित्रों को शाम वाली बस में यात्रा न करने की सलाह इसलिए दी, क्योंकि बस अत्यंत पुरानी थी। उसका कोई भरोसा नहीं था कि वह कब चलते-चलते रुक जाए। कुछ लोग तो शाम वाली इस पुरानी बस को ‘डाकिन’ कहकर संबोधित करते थे। इन्हीं कारणों से कोई भी व्यक्ति शाम वाली बस में किसी को भी यात्रा न करने की सलाह देता था।
प्रश्न 3: ”ऐसा जैसे सारी बस ही इंजन है और हम इंजन के भीतर बैठे हैं।” लेखक को ऐसा क्यों लगा?
उत्तर 3: ऐसा जैसे सारी बस ही इंजन है और हम इंजन के भीतर बैठे हैं। लेखक को ऐसा लगा क्योंकि जब बस स्टार्ट हुई तो सारी बस झनझानाने लगी। इंजन के स्टार्ट होने से बस के सारे यात्री इंजन के पुर्जों की तरह हिलने लगे।
प्रश्न 4: ”गज़ब हो गया। ऐसी बस अपने आप चलती है।” लेखक को यह सुनकर हैरानी क्यों हुई?
उत्तर 4: लेखक को बस की स्थिति देखकर लग रहा था की बस नही चल पाएगी परन्तु जब उसने बस के हिस्सेदार से पूछा तो उसने कहा चलेगी ही नही, अपने आप चलेगी। एक तो खास्ता-हालत बस ऊपर से अपने आप इस कारण लेखक को हैरानी हुई।
प्रश्न 5: “मैं हर पेड़ को अपना दुश्मन समझ रहा था।” लेखक पेड़ों को अपना दुश्मन क्यों समझ रहा था?
उत्तर 5: बस की जर्जर अवस्था से लेखक को ऐसा महसूस हो रहा था कि बस की स्टीयरिंग कहीं भी टूट सकती है तथा ब्रेक फेल हो सकता है। ऐसे में लेखक को डर लग रहा था कि कहीं उसकी बस किसी पेड़ से टकरा न जाए। एक पेड़ निकल जाने पर वह दूसरे पेड़ का इंतज़ार करता था कि बस कहीं इस पेड़ से न टकरा जाए। यही वजह है कि लेखक को हर पेड़ अपना दुश्मन लग रहा था।
पाठ से आगे बस की यात्रा प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1: ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ किसके नेतृत्व में, किस उद्देश्य से तथा कब हुआ था? इतिहास की उपलब्ध पुस्तकों के आधार पर लिखिए।
उत्तर 1: ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण अध्याय था, जो महात्मा गांधी के नेतृत्व में 1930 में शुरू हुआ। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के अत्याचारी कानूनों और नीतियों के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करना था। गांधीजी ने इस आंदोलन के माध्यम से भारतीयों को स्वराज (स्वशासन) और आत्मनिर्भरता के लिए प्रेरित किया। इस आंदोलन ने ब्रिटिश सरकार को भारतीयों की मांगों पर विचार करने के लिए मजबूर किया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी।
प्रश्न 2: सविनय अवज्ञा का उपयोग व्यंग्यकार ने किस रूप में किया है? लिखिए।
उत्तर 2: व्यंग्यकार ने सविनय अवज्ञा का उपयोग समाज और सत्ता की विसंगतियों को उजागर करने के लिए किया है। उन्होंने व्यंग्य के रूप में विनम्रता के साथ विरोध प्रकट किया है, जिससे शासन और समाज की कमियों पर कटाक्ष किया जा सके। यह विरोध अहिंसक होते हुए भी प्रभावशाली है, जो पाठकों को सोचने पर मजबूर करता है।
प्रश्न 3: आप अपनी किसी यात्रा के खट्टे-मीठे अनुभवों को याद करते हुए एक लेख लिखिए।
उत्तर 3: पिछले साल गर्मियों की छुट्टियों में मैंने अपने परिवार के साथ हिमाचल प्रदेश की यात्रा की। यह यात्रा मेरे लिए बेहद यादगार रही, क्योंकि इसमें खट्टे-मीठे अनुभवों का मिश्रण था।
हमने अपनी यात्रा शिमला से शुरू की। शिमला की ठंडी हवा और खूबसूरत वादियों ने हमें तुरंत मोह लिया। रिज पर घूमना, मॉल रोड पर शॉपिंग करना और स्थानीय व्यंजनों का आनंद लेना बहुत ही सुखद था। यहाँ तक कि हमने कुछ स्थानीय लोगों से बातचीत करके उनकी संस्कृति के बारे में भी जाना। यह अनुभव मीठा था, क्योंकि यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता और शांति ने हमें मंत्रमुग्ध कर दिया।
हालांकि, यात्रा का अगला पड़ाव मनाली हमारे लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण रहा। रास्ते में हमारी गाड़ी खराब हो गई, और हमें कई घंटे तक एक छोटे से गाँव में रुकना पड़ा। वहाँ नेटवर्क की समस्या के कारण हम किसी से संपर्क नहीं कर पा रहे थे। यह समय बहुत ही निराशाजनक था। लेकिन, गाँव के लोगों ने हमारी मदद की और हमें चाय और नाश्ते का आतिथ्य दिया। उनकी मदद और सहानुभूति ने हमारी निराशा को कम कर दिया। यह अनुभव खट्टा था, लेकिन उन लोगों की मदद ने इसे यादगार बना दिया।
मनाली पहुँचने पर हमने सोलंग वैली और हिडिंबा मंदिर घूमा। यहाँ की बर्फ़ से ढकी पहाड़ियों और झरनों ने हमें फिर से प्रकृति की गोद में ले लिया। हमने पैराग्लाइडिंग का आनंद भी लिया, जो मेरे जीवन का सबसे रोमांचक अनुभव था।
मन बहलाना बस की यात्रा प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1: अनुमान कीजिए यदि बस जीवित प्राणी होती, बोल सकती तो वह अपनी बुरी हालत और भारी बोझ के कष्ट को किन शब्दों में व्यक्त करती? लिखिए।
उत्तर 1: यदि बस एक जीवित प्राणी होती और बोल सकती, तो वह अपनी बुरी हालत और भारी बोझ के कष्ट को कुछ इस तरह व्यक्त करती: “आह! मेरा हाल कोई समझता ही नहीं। दिन-रात सड़कों पर दौड़ते-दौड़ते मेरी सांसें फूल जाती हैं। मेरी कमर (चक्के) भारी बोझ से झुक गई है, और मेरे जर्जर शरीर (ढांचे) की मरम्मत भी ठीक से नहीं होती। हर दिन ठसाठस भरी सवारियों का भार उठाना पड़ता है, कोई मेरी तकलीफ नहीं समझता। कभी-कभी तो सड़क के गड्ढों से गुजरते हुए ऐसा लगता है मानो मेरे जोड़-गांठ टूट जाएंगे। काश! कोई मेरी हालत पर तरस खाता और मुझे भी आराम करने का अवसर देता!”
भाषा की बात बस की यात्रा प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1: बस, वश, बस तीन शब्द हैं-इनमें बस सवारी के अर्थ में, वश अधीनता के अर्थ में, और बस पर्याप्त (काफी) के अर्थ में प्रयुक्त होता है, जैसे-बस से चलना होगा। मेरे वश में नहीं है। अब बस करो। उपर्युक्त वाक्य के समान तीनों शब्दों से युक्त आप भी दो-दो वाक्य बनाइए।
उत्तर 1: बस (सवारी) – मैं रोज़ स्कूल जाने के लिए बस से सफर करता हूँ।
वश (अधीनता) – परिस्थितियाँ हमेशा हमारे वश में नहीं होतीं।
बस (पर्याप्त) – बहुत काम हो गया, अब बस करो।
बस (सवारी) – दिल्ली की बस सेवा बहुत सुविधाजनक है।
वश (अधीनता) – गुस्से को वश में रखना जरूरी है।
बस (पर्याप्त) – मिठाई बहुत खा ली, अब बस करो।
प्रश्न 2: “हम पाँच मित्रों ने तय किया कि शाम चार बजे की बस से चलें। पन्ना से इसी कंपनी की बस सतना के लिए घंटे भर बाद मिलती है।” ऊपर दिए गए वाक्यों में ने, की, से आदि वाक्य के दो शब्दों के बीच संबंध स्थापित कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को कारक कहते हैं। इसी तरह दो वाक्यों को एक साथ जोड़ने के लिए ‘कि’ का प्रयोग होता है। कहानी में से दोनों प्रकार के चार वाक्यों को चुनिए।
उत्तर 2: कारक शब्द से निर्मित वाक्य –
- यह समझ में नहीं आता कि सीट पर हम बैठे हैं या सीट हम पर बैठी है।
- नई नवेली बसों से ज़्यादा विश्वसनीय है।
- यह बस पूजा के योग्य थी।
- बस कंपनी के एक हिस्सेदार भी उसी बस में जा रहे थे।
प्रश्न 3: “हम फ़ौरन खिड़की से दूर सरक गए। चाँदनी में रास्ता टटोलकर वह रेंग रही थी।”
दिए गए वाक्यों में आई ‘सरकना’ और ‘रेंगना’ जैसी क्रियाएँ दो प्रकार की गतियाँ दर्शाती हैं। ऐसी कुछ और क्रियाएँ एकत्र कीजिए जो गति के लिए प्रयुक्त होती हैं, जैसे – घूमना इत्यादि। उन्हें वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर 3: गति दर्शाने वाली कुछ अन्य क्रियाएँ इस प्रकार हैं:
- दौड़ना – बच्चा पार्क में खुशी-खुशी दौड़ रहा है।
- लुड़कना – गेंद सीढ़ियों से लुड़क कर नीचे आ गई।
- फिसलना – बरसात में सड़क पर फिसलना खतरनाक हो सकता है।
- तैरना – मछलियाँ पानी में मजे से तैर रही हैं।
- कूदना – बच्चा खुशी में उछलकर कूद पड़ा।
- भागना – परीक्षा के लिए देर हो रही थी, इसलिए वह तेज़ी से भागा।
- सरकना – कुर्सी को धीरे-धीरे सरकाओ, नहीं तो आवाज़ आएगी।
- रेंगना – केंचुआ ज़मीन पर धीरे-धीरे रेंग रहा था।
प्रश्न 4: “काँच बहुत कम बचे थे। जो बचे थे, उनसे हमें बचना था।”
इस वाक्य में ‘बच’ शब्द को दो तरह से प्रयोग किया गया है। एक ‘शेष’ के अर्थ में और दूसरा ‘सुरक्षा’ के अर्थ में।
नीचे दिए गए शब्दों को वाक्यों में प्रयोग करके देखिए। ध्यान रहे, एक ही शब्द वाक्य में दो बार आना चाहिए और शब्दों के अर्थ में कुछ बदलाव होना चाहिए।
(क) जल (ख) हार
उत्तर 4: जल – मीना गरम जल से बुरी तरह जल गई।
हार – लगातार कोशिश करने वाला व्यक्ति कभी हार नहीं मानता, लेकिन इस बार खिलाड़ी को फाइनल में हार का सामना करना पड़ा।
प्रश्न 5: बोलचाल में प्रचलित अंग्रेजी शब्द ‘फर्स्ट क्लास’ में दो शब्द हैं – फर्स्ट और क्लास। यहाँ क्लास का विशेषण है फर्स्ट। चूँकि फर्स्ट संख्या है, फर्स्ट क्लास संख्यावाचक विशेषण का उदाहरण है। ‘महान आदमी’ में किसी आदमी की विशेषता है महान। यह गुणवाचक विशेषण है। संख्यावाचक विशेषण और गुणवाचक विशेषण के दो-दो उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर 5: संख्यावाचक विशेषण – चार, आठ, दस
गुणवाचक विशेषण – चाँदनीरात, समझदार आदमी