कक्षा 8 हिंदी पाठ 9 के प्रश्न उत्तर: Ncert Solutions for Class 8 Hindi chapter 9
Textbook | Ncert |
Class | Class 8 |
Subject | Hindi |
Chapter | Chapter 9 |
Chapter Name | जहाँ पहिया हैं प्रश्न उत्तर |
Category | Ncert Solutions |
Medium | Hindi |
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जंजीरें जहाँ पहिया हैं प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1: “…उन जंजीरों को तोड़ने का जिनमें वे जकड़े हुए हैं, कोई-न-कोई तरीका लोग निकाल ही लेते है..”
आपके विचार से लेखक ‘जंजीरों’ द्वारा किन समस्याओं की ओर इशारा कर रहा है?
उत्तर 1: लेखक जंजीरों द्वारा रूढ़िवादी प्रथाओं की ओर इशारा कर रहा है।
प्रश्न 2: क्या आप लेखक की इस बात से सहमत हैं? अपने उत्तर का कारण भी बताइए।
उत्तर 2: लेखक के इस कथन से हम सहमत हैं क्योंकि मनुष्य अपने स्वभाव के अनुसार अधिक समय तक बंधनों में बंधकर नहीं रह सकता हैं। समाज के द्वारा बनाई गई रूढिया और रूढ़िवादी प्रथाएँ अपनी सीमाओं को लाँघने लगे तो समाज में इसके विरूद्ध एक क्रांति अवश्य जन्म लेती है, जो इन रूढ़ियों के बंधनों को तोड़ डालती है। ठीक वैसे ही तमिलनाडु के पुडुकोट्टई गाँव में हुआ है। महिलाओं ने अपनी स्वाधीनता व आज़ादी के लिए साइकिल चलाना प्रारंभ किया और वह आत्मनिर्भर हो गई।
पहिया जहाँ पहिया हैं प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1: ‘साइकिल आंदोलन’ से पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में कौन-कौन से बदलाव आए हैं?
उत्तर 1: साइकिल आंदोलन से पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में अनेक बदलाव आए; जैसे –
- पुडुकोट्टई की महिलाएँ अपनी घिसी-पिटी जिंदगी से बाहर निकल सकीं।
- उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का दायरा बढ़ा।
- उन्हें अपने लिए आराम करने का समय मिलने लगा।
- ये महिलाएँ आर्थिक रूप से समृद्ध होने लगीं।
- इनके श्रम तथा समय में बचत होने लगी।
- अब उन्हें बस का इंतजार करते हुए समय नष्ट करने की आवश्यकता नहीं थी।
- अब ये महिलाएँ आत्मनिर्भर हो गईं। उन्हें बस स्टाप तक जाने के लिए भाई, पिता, पति या बेटे पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं थी।
प्रश्न 2: शुरूआत में पुरुषों ने इस आंदोलन का विरोध किया परंतु आर. साइकिल्स के मालिक ने इसका समर्थन किया, क्यों?
उत्तर 2: आर. साइकिल्स के मालिक ने आंदोलन का समर्थन स्वार्थवश किया। वे गाँव के एकमात्र लेड़ीज साइकिल डीलर थे महिलाओं ने जब आज़ादी का सम्मान करते हुए साइकिल आंदोलन को अपना हथियार बनाया तो, आर. साइकिल्स के मालिक की आय में वृद्धि होना स्वभाविक था।
प्रश्न 3: प्रारंभ में इस आंदोलन को चलाने में कौन-कौन सी बाधा आई?
उत्तर 3: फातिमा ने जब इस आंदोलन की शुरूआत की तो उसको बड़ी कठिनाइयों से निपटना पड़ा। उसे लोगों की फब्तियाँ (गंदी टिप्पणियाँ) सुननी पड़ी। फातिमा मुस्लिम परिवार की थी, जो बहुत ही रूढ़िवादी थे। उन्होंने उसके उत्साह को खत्म करने का प्रयास किया। पुरुषों ने भी इस आंदोलन का बहुत विरोध किया। दूसरी कठिनाई यह थी कि लेडीज साइकिल वहाँ पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं थी।
शीर्षक की बात जहाँ पहिया हैं प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1: आपके विचार से लेखक ने इस पाठ का नाम ‘जहाँ पहिया है’ क्यों रखा होगा?
उत्तर 1: मेरे विचार से लेखक ने इस पाठ का नाम ‘जहाँ पहिया है इसलिए रखा होगा। क्योंकि पहिए को गतिशीलता का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा पूरा पाठ साइकिल के आसपास घूमता रहता है। यह वह साधन है, जिसने तमिलनाडु स्थित पुडुकोट्टई जिले की महिलाओं की स्थिति ही बदलकर रख दी। उनकी रूढ़िवादी जिंदगी बदल गई और उनमें आत्मनिर्भरता की भावना बढ़ गई।
प्रश्न 2: अपने मन से इस पाठ का कोई दूसरा शीर्षक सुझाइए। अपने दिए हुए शीर्षक के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर 2: ‘साइकिल करेंगी-महिलाओं को आत्मनिर्भर’ भी इस पाठ के लिए उपयुक्त नाम हो सकता था चूँकि साइकिल आंदोलन से महिलाएँ अपनी स्वाधीनता व आज़ादी के प्रति जागृत हुई। कृषि उत्पादों को समीपवर्ती गाँवों में बेचकर उनकी आर्थिक स्थिति सुधरी व आत्मनिर्भर हो गई।
समझने की बात जहाँ पहिया हैं प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1: “लोगों के लिए यह समझना बड़ा कठिन है कि ग्रामीण औरतों के लिए यह कितनी बड़ी चीज़ है। उनके लिए तो यह हवाई जहाज़ उड़ाने जैसी बड़ी उपलब्धि है।” साइकिल चलाना ग्रामीण महिलाओं के लिए इतना महत्त्वपूर्ण क्यों है? समूह बनाकर चर्चा कीजिए।
उत्तर 1: शहरों में यातायात के जहाँ अनेक साधन होते हैं, वही महिलाओं की दिनचर्या तथा उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता ग्रामीण महिलाओं से बिल्कुल अलग होती है। ग्रामीण महिलाएँ पुरुष प्रधान समाज में उन्हीं के बनाए नियमों में बँधकर घिसी-पिटी जिंदगी जीने को विवश होती हैं। अब ऐसे में साइकिल चलाते हुए उन्हें बाहर निकलने, आर्थिक स्थिति सुदृढ़ बनाने तथा व्यक्ति गत स्वतंत्रता में वृद्धि हो जाना उनके लिए हवाई जहाज उड़ाने से कम नहीं होगा। सचमुच यह उनके लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। छात्र इस विषय पर स्वयं चर्चा करें।
प्रश्न 2: “पुडुकोट्टई पहुँचने से पहले मैंने इस विनम्र सवारी के बारे में इस तरह सोचा ही नहीं था।” साइकिल को विनम्र सवारी क्यों कहा गया है?
उत्तर 2: साइकिल को विनम्र सवारी इसलिए कहा गया है क्योंकि इसे चलाना बहुत ही आसान है और यह बहुत कम खर्चीली है। इसे स्त्री-पुरुष दोनों ही चलाते हैं अर्थात यह स्त्री-पुरुष का भेदभाव किए बिना उनका कहना मान लेती है।
साईकल जहाँ पहिया हैं प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1: फातिमा ने कहा,”…मैं किराए पर साइकिल लेती हूँ ताकि मैं आज़ादी और खुशहाली का अनुभव कर सकूँ।” साइकिल चलाने से फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को ‘आज़ादी’ का अनुभव क्यों होता होगा?
उत्तर 1: इसका सबसे बड़ा कारण फातिमा के गाँव की पुरानी रूढ़िवादी परम्पराएँ हैं जहाँ औरतों का साइकिल चलाना उचित नहीं माना जाता था। उनके विरोध में खड़े होकर अपने को पुरुषों की बराबरी का दर्जा देकर स्वयं को आत्मनिर्भर बनाकर फातिमा ने जो कदम उठाया उससे उसने स्वयं को, अपने जैसी अन्य महिलाओं को सम्मान दिया है। उससे आज़ादी का अनुभव करना लाज़मी है। वे कहीं आने-जाने के लिए किसी पर निर्भर नहीं रही।
कल्पना से जहाँ पहिया हैं प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1: पुडुकोट्टई में कोई महिला अगर चुनाव लड़ती तो अपना पार्टी-चिह्न क्या बनाती और क्यों ?
उत्तर 1: पुडुकोट्टई में कोई महिला अगर चुनाव लड़ती तो अपना पार्टी-चिह्न निश्चित रूप से साइकिल ही बनाती। इसका कारण यह है कि पुड्कोट्टई की महिलाओं ने साइकिल चलाने को आंदोलन रूप में लिया है। वहाँ की दस साल से बड़ी लड़कियों तथा महिलाओं में से तीन चौथाई से अधिक ने साइकिल चलाना सीख लिया है। यही जनसंख्या तो मतदान में भाग लेती है। ऐसे में साइकिल को पार्टी-चिह्न बनाने वालों की जीत निश्चित होती। इसके अलावा पहिया गतिशीलता का भी प्रतीक है।
प्रश्न 2: अगर दुनिया के सभी पहिए हड़ताल कर दें तो क्या होगा?
उत्तर 2: अगर दुनिया के सभी पहिए हड़ताल कर दें, तो यह एक अविश्वसनीय अराजकता का कारण बन जाएगा। पहिए हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा हैं, जो परिवहन, उद्योग, कृषि और तकनीकी उपकरणों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बिना पहियों के, कारें, बसें, ट्रेनें और हवाई जहाज़ नहीं चल पाएंगे, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो जाएगा। कारखानों में मशीनें बंद हो जाएंगी, और कृषि उपकरण काम करना बंद कर देंगे। इससे आपूर्ति श्रृंखला टूट जाएगी, बाजारों में सामान की कमी हो जाएगी, और अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी। संक्षेप में, पहियों की हड़ताल मानव सभ्यता को एक गतिरोध की स्थिति में ले आएगी।
प्रश्न 3: “1992 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बाद अब यह जिला कभी भी पहले जैसा नहीं हो सकता।” इस कथन की अभिप्राय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर 3: 1992 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बाद यह जिला अब पहले जैसा नहीं हो सकता”- कथन का अभिप्राय यह है कि सन् 1992 से पहले तक पुडुकोट्टई की महिलाएँ पुरुषों द्वारा थोपी गई जिंदगी जीने को विवश थीं किंतु इस दिन वे अपने सभी बंधन तोड़कर बाहर निकल आईं। साइकिल सवार घंटियाँ बजाती 1500 महिलाओं में जागृति आ चुकी थी। अब वे रूढ़िवादी बंधनों में बँधकर नहीं जी सकतीं। साइकिल चलाना सीखने से उनमें जो आत्मनिर्भरता तथा आर्थिक समृद्धि तथा गतिशीलता आ गई थी, फलस्वरूप वे अब पीछे मुड़कर नहीं देख सकती हैं।
प्रश्न 4: मान लीजिए आप एक संवाददाता हैं। आपको 8 मार्च 1992 के दिन पुड्कोट्टई में हुई घटना का समाचार तैयार करना है। पाठ में दी गई सूचनाओं और कल्पना के आधार पर एक समाचार तैयार कीजिए।
उत्तर 4: “8 मार्च 1992 को चुकुइमुई में महिलाओं के लिए एक ऐतिहासिक दिन के रूप में मनाया गया। इस दिन महिलाओं ने साइकिल चलाने का निर्णय लेकर अपनी आत्मनिर्भरता और स्वतंत्रता का प्रदर्शन किया। यह घटना इस बात का प्रतीक है कि अब महिलाएं भी पुरुषों के समान अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं।”
प्रश्न 5: अगले पृष्ठ पर दी गयी ‘पिता के बाद’ कविता पढ़िए। क्या कविता में और फातिमा की बात में कोई संबंध हो सकता है? अपने विचार लिखिए।
उत्तर 5: पिता के बाद दी गई कविता पढ़ने से ज्ञात होता है कि कविता में फ़ातिमा की बात में संबंध हो सकता है। एक ओर जहाँ फ़ातिमा साइकिल चलाना सीखकर खुशहाली और व्यक्तिगत आजादी का अनुभव करती है, वहीं दूसरी ओर इस कविता से पता चलता है कि लड़कियाँ हर स्थिति में खुश रहने का प्रयास करती हैं। वे उत्तरदायित्वों को जिम्मेदारी पूर्वक निभाने का हौसला रखती हैं। पिता की अनुपस्थिति में वे परिवार की जिम्मेदारी का भी वहन कर सकती हैं। वे विपरीत परिस्थितियों में भी खुश रहने का। प्रयास करती हैं।
भाषा की बात जहाँ पहिया हैं प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1: उपसर्गों और प्रत्ययों के बारे में आप जान चुके हैं। इस पाठ में आए उपसर्गयुक्त शब्दों को छाँटिए। उनके मूल शब्द भी लिखिए। आपकी सहायता के लिए इस पाठ में प्रयुक्त कुछ ‘उपसर्ग’ और ‘प्रत्यय’ इस प्रकार हैं-अभि, प्र, अनु, परि, वि(उपसर्ग), इक, वाला, ता, ना।
उत्तर 1: उपसर्ग
- अभि – अभिमान
- प्र – प्रयल
- अनु – अनुसरण
- परि – परिपक
- वि – विशेष
प्रत्यय
- ता – गतिशीलता (गतिशील + ता)
- इक – धार्मिक (धर्म + इक)
- वाला – किस्मतवाला (किस्मत + वाला)
- ता – सजीवता (सजीव + ता)
- ना – चढ़ना (चढ़ + ना)
- नव – नवसाक्षर (नव + साक्षर)