Class 8 Science chapter 3 notes in hindi कोयला और पेट्रोलियम notes

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कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 3 नोट्स: कोयला और पेट्रोलियम class 8 notes

TextbookNcert
ClassClass 8
SubjectScience
ChapterChapter 3
Chapter Nameकोयला और पेट्रोलियम notes
MediumHindi

क्या आप Class 8 Science chapter 3 notes in hindi ढूंढ रहे हैं? अब आप यहां से कोयला और पेट्रोलियम notes download कर सकते हैं। इस अध्याय में हम कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, जैव ईंधन के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे।

🌱 प्राकृतिक संसाधन :-

🔹 वे संसाधन हैं जो प्रकृति द्वारा स्वतः उपलब्ध होते हैं और मानवीय हस्तक्षेप के बिना ही बनते हैं। ये संसाधन मानव जीवन, आर्थिक विकास और पर्यावरणीय संतुलन के लिए आवश्यक होते हैं।

🔍 प्राकृतिक संसाधन के प्रकार :-

प्राकृतिक संसाधन मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:

♾️ अक्षय प्राकृतिक संसाधन :- ये संसाधन प्रकृति में असीमित मात्रा में उपस्थित हैं और मानवीय क्रियाकलापों से समाप्त होने वाले नहीं हैं। उदाहरण हैं- सूर्य का प्रकाश, वायु।

⚠️ समाप्त होने वाले प्राकृतिक :- प्रकृति में इन स्रोतों की मात्रा सीमित है। ये मानवीय क्रियाकलापों द्वारा समाप्त हो सकते हैं। इन संसाधनों के उदाहरण हैं वन, वन्यजीव, खनिज, कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, आदि।

🔥 जीवाश्मी ईंधन :-

🔹 वे इंधन जिनका निर्माण सजीव प्रणियों के मृत अवशेषों से होता है इन्हें जीवाश्मी ईंधन कहते है। जैसे कोयला।

🪨 कोयला :-

🔹 कोयला एक कठोर, काले रंग का पदार्थ है, जो मुख्यतः कार्बन से बना होता है। यह एक महत्वपूर्ण ईंधन है, जिसका उपयोग: खाना पकाने, रेलवे इंजनों में भाप बनाने (पहले), तापीय बिजली संयंत्रों में बिजली उत्पादन, विभिन्न उद्योगों में ईंधन के रूप में किया जाता है। यह एक अनवीकरणीय संसाधन है, जिसके अत्यधिक दोहन से पर्यावरण को नुकसान होता है।

📖 कोयले की कहानी (कोयला कैसे बनता है) :-

🔹 लगभग 300 मिलियन वर्ष पूर्व पृथ्वी पर निचले जलीय क्षेत्रों में घने वन थे। बाढ़ जैसे प्राकृतिक प्रक्रमों के कारण, ये वन मृदा के नीचे दब गए। उनके ऊपर अधिक मृदा जम जाने के कारण वे संपीडित हो गए। जैसे-जैसे वे गहरे होते गए उनका ताप भी बढ़ता गया। उच्च दाब और उच्च ताप पर, पृथ्वी के भीतर मृत पेड़-पौधे धीरे-धीरे कोयले में परिवर्तित हो गए। कोयले में मुख्य रूप से कार्बन होता है।

🧪 कार्बनीकरण :-

🔹 मृत वनस्पति के, धीमे प्रक्रम द्वारा कोयले में परिवर्तन को कार्बनीकरण कहते हैं।

कोयला का रासायनिक गुणधर्म :-

🔹 वायु में गर्म करने पर कोयला जलता है और मुख्य रूप से कार्बन डाईआ क्साइड गैस उत्पन्न करता है।

🏭 कोयले के उत्पाद :-

🔹 जब कोयले को गर्म किया जाता है, तो उससे कई प्रकार के उत्पाद प्राप्त होते हैं। इसे “कोकिंग” या “कोयले का सूखा आसवन” कहा जाता है।

🏭 कोयले को गर्म करने पर मिलने वाले प्रमुख उत्पाद:

🧱 कोक : यह एक ठोस, कार्बन युक्त पदार्थ होता है। इसका उपयोग इस्पात उद्योग में ईंधन और पुनः अपचायक के रूप में होता है।

💨 कोयला गैस : कोयले के प्रक्रमण द्वारा कोक बनाते समय कोयला-गैस प्राप्त होती है। यह कोयला प्रक्रमण संयंत्रों के निकट स्थापित बहुत से उद्योगों में ईंधन के रूप में उपयोग की जाती है। पहले इसे शहरों में गैस लाइटिंग और खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।

🛢️ कोलतार : यह एक काली, गाढ़ी तरल पदार्थ होती है। इसमें 200 से अधिक रासायनिक यौगिक होते हैं। इसका उपयोग सड़क निर्माण, डाई, दवाइयाँ, प्लास्टिक, परफ्यूम, और कीटनाशकों में होता है।

पेट्रोलियम :-

🔹 ईधन के रूप में पेट्रोल का उपयोग हल्के स्वचालित वाहनों जैसे-: मोटर साइकिलों, स्कूटरों और कारों में होता है। भारी मोटर वाहनों जैसे ट्रक और ट्रैक्टर को चलाने के लिए डीजल काम आता है। ये ईधन प्राकृतिक स्रोत से प्राप्त किए जाते है। जिसे पेट्रोलियम कहते है।

पेट्रोलियम शब्द की उत्पत्ति :-

🔹 पेट्रोलियम शब्द की उत्पत्ति पेट्रा (चट्टान) एवं ओलियम (तेल) से हुई है क्योंकि ये ज़मीन के नीचे की चट्टानों के मध्य से निकाला जाता है।

🌊 पेट्रोलियम का निर्माण :-

🔹 पेट्रोलियम का निर्माण समुद्र में रहने वाले जीवों से हुआ। जब ये जीव मृत हुए, इनके शरीर समुद्र के पेंदे में जाकर जम गए और फिर रेत तथा मिट्टी की तहों द्वारा ढक गए। लाखों वर्षों में, वायु की अनुपस्थिति, उच्च ताप और उच्च दाब ने मृत जीवों को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस में परिवर्तित कर दिया।

🏗️ पेट्रोलियम का परिष्करण :-

🔹 पेट्रोलियम गहरे रंग का तेलीय द्रव है। इसकी गंध अप्रिय होती है। यह विभिन्न संघटकों, जैसे पेट्रोलियम गैस, पेट्रोल, डीजल, स्नेहक तेल, पैराफिन मोम, आदि का मिश्रण होता है। पेट्रोलियम के विभिन्न संघटकों/प्रभाजों को पृथक करने का प्तक्रम परिष्करण कहलाता है।

🧪 पेट्रोरसायन :-

🔹 पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस से अनेक उपयोगी पदार्थ प्राप्त किए जाते हैं। इन्हें ‘पेट्रोरसायन’ कहते हैं। इनका उपयोग अपमार्जक, रेशे (पॉलिएस्टर, नाइलॉन, ऐक्रिलिक, आदि), पॉलिथीन, और अन्य मानव निर्मित प्लास्टिक, आदि के औद्योगिक निर्माण में किया जाता है।

काला सोना :-

🔹 पेट्रोलियम को काला सौना कहते है। पेट्रोलियम का उपयोग विभिन्न उत्पादों में किया जाता है। इनका अपना बहुत अधिक व्यवसायिक महत्व है। इसलिए इसे काला सोना कहते हैं।

💨 प्राकृतिक गैस :-

🔹 प्राकृतिक गैस एक बहुत महत्वपूर्ण जीवाश्म ईंधन है, क्योंकि इसका परिवहन पाइपों द्वारा सरलतापूर्वक हो जाता है। प्राकृतिक गैस को उच्च दाब पर संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG) के रूप में भंडारित किया जाता है।

🛺 सीएनजी (CNG) :-

🔹 सीएनजी (CNG) का पूरा नाम है Compressed Natural Gas यानी संपीडित प्राकृतिक गैस। सीएनजी का उपयोग ऊर्जा उत्पादन हेतु किया जाता है। अब इसका उपयोग परिवहन वाहनों में इंधन के रूप में किया जा रहा है क्योंकि यह कम प्रदूषणकारी है।

🛺 सीएनजी का लाभ :-

🔹 यह एक स्वच्छ ईंधन है। सीएनजी का अधिक लाभ यह है कि इसे घरों और कारखानों में सीधा जलाया जा सकता है, जहाँ इसकी आपूर्ति पाइपों के माध्यम से की जा सकती है।

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