Class 9 science chapter 10 question answer in hindi कार्य तथा ऊर्जा

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कक्षा 9 विज्ञान पाठ 10 के प्रश्न उत्तर: कार्य तथा ऊर्जा के प्रश्न उत्तर

TextbookNcert
ClassClass 9
Subjectविज्ञान
ChapterChapter 10
Chapter Nameकार्य तथा ऊर्जा class 9 question answer
CategoryNcert Solutions
MediumHindi

क्या आप Class 9 Science chapter 10 question answer in hindi ढूंढ रहे हैं? अब आप यहां से कार्य तथा ऊर्जा के प्रश्न उत्तर Download कर सकते हैं।

पाठ्य प्रश्न [Pages 129 ]

प्रश्न 1: किसी वस्तु पर 7 N का बल लगता है। मान लीजिए बल की दिशा में विस्थापन 8 m है (चित्र)। मान लीजिए वस्तु के विस्थापन के समय लगातार वस्तु पर बल लगता रहता है। इस स्थिति में किया हुआ कार्य कितना होगा?

उत्तर 1: जब कोई बल F किसी वस्तु पर कार्य करके उसे उसकी दिशा में S दूरी तक विस्थापित करता है, तो बल द्वारा वस्तु पर किया गया कार्य इस प्रकार दिया जाता है:

किया गया कार्य = बल × विस्थापन

W = F × S

जहाँ,

  • F = 7 N
  • S = 8 m

इसलिए, किया गया कार्य, W = 7 × 8 = 56 Nm = 56 J

पाठ्य प्रश्न [Pages 130 ]

प्रश्न 1: हम कब कहते हैं कि कार्य किया गया है?

उत्तर 1: कार्य करने के लिए दो दशाओं का होना आवश्यक है :

  • वस्तु पर कोई बल लगना चाहिए।
  • वस्तु विस्थापित होनी चाहिए।

प्रश्न 2: जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल इसके विस्थापन की दिशा में हो तो किए गए कार्य का व्यंजक लिखिए।

उत्तर 2: जब कोई बल F किसी पिंड को लगाए गए बल की दिशा में S दूरी तक विस्थापित करता है, तो पिंड पर किया गया कार्य W निम्न अभिव्यक्ति द्वारा दिया जाता है:

किया गया कार्य = बल × विस्थापन

W = F × s

प्रश्न 3: 1 J कार्य को परिभाषित कीजिए।

उत्तर 3: 1 जूल, 1 N के बल द्वारा किसी वस्तु पर किए गए कार्य की मात्रा है जो उसे लगाए गए बल की दिशा में 1 मीटर की दूरी तक विस्थापित करता है।

प्रश्न 4: बैलों की एक जोड़ी खेत जोतते समय किसी हल पर 140 N बल लगाती है। जोता गया खेत 15 m लंबा है। खेत की लंबाई को जोतने में कितना कार्य किया गया?

उत्तर 4: बैलों द्वारा किए गए कार्य के लिए निम्नलिखित व्यंजक दिया गया है :
किया गया कार्य = बल × विस्थापन
W = F × d
जहाँ,
लगा बल, F = 140 N
विस्थापन, d = 15 m
W = 140 × 15 = 2100 J
इस प्रकार, खेत की लंबाई को जोतने में 2100 J कार्य किया गया।

पाठ्य प्रश्न [Pages 134 ]

प्रश्न 1: किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा क्या होती है?

उत्तर 1: गतिज ऊर्जा वह ऊर्जा है जो किसी वस्तु में उसके गति के कारण होती है। यह ऊर्जा वस्तु के द्रव्यमान और वेग पर निर्भर करती है।

प्रश्न 2: किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा के लिए व्यंजक लिखो।

उत्तर 2: किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा के लिए व्यंजक है:

\(KE = \frac{1}{2}mv^2\)

यहाँ:

  • ( KE ) = गतिज ऊर्जा
  • ( m ) = वस्तु का द्रव्यमान (mass)
  • ( v ) = वस्तु का वेग (velocity)

प्रश्न 3: 5 m s−1 के वेग से गतिशील किसी m द्रव्यमान की वस्तु की गतिज ऊर्जा 25 J है। यदि इसके वेग को दो गुना कर दिया जाय तो उसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी? यदि इसके वेग को तीन गुना बढ़ा दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी?

उत्तर 3: हम जानते हैं कि गतिज ऊर्जा का सूत्र है:

\(KE = \frac{1}{2}mv^2\)

पहली स्थिति: दिया गया है:

  • प्रारंभिक वेग v = 5 m/s
  • प्रारंभिक गतिज ऊर्जा KE = 25J

अब यदि वेग को दो गुना कर दिया जाए:
नया वेग v′ = 2×5 = 10m/s

नई गतिज ऊर्जा:
\(KE’ = \frac{1}{2}m(10)^2 = \frac{1}{2}m \times 100\)

पुरानी ऊर्जा:
\(25 = \frac{1}{2}m \times 25 \Rightarrow m = 2\)

अब नई ऊर्जा:
\(KE’ = \frac{1}{2} \times 2 \times 100 = 100 \, J\)

वेग को दो गुना करने पर गतिज ऊर्जा 100 J हो जाएगी।

दूसरी स्थिति:

वेग को तीन गुना कर दिया जाए:
नया वेग v′′ = 3×5 = 15m/s

नई गतिज ऊर्जा:
\(KE” = \frac{1}{2} \times 2 \times (15)^2 = \frac{1}{2} \times 2 \times 225 = 225 \, J\)

वेग को तीन गुना करने पर गतिज ऊर्जा 225 J हो जाएगी।

पाठ्य प्रश्न [Pages 139 ]

प्रश्न 1: शक्ति क्या है?

उत्तर 1: कार्य करने की दर या ऊर्जा रूपांतरण की दर को शक्ति कहते हैं| यदि कोई अभिकर्ता t समय में W कार्य करता है, तो शक्ति का मान होगा : शक्ति = कार्य/समय या, P = W/t
शक्ति का मात्रक वाट है तथा इसका प्रतीक W है।

प्रश्न 2: 1 वाट शक्ति को परिभाषित कीजिए।

उत्तर 2: 1 वाट उस अभिकर्ता (एजेंट) की शक्ति है जो 1 सेकंड में 1 जूल कार्य करता है।

दूसरे शब्दों में, यदि ऊर्जा के उपयोग की दर 1 Js-1 हो तो शक्ति 1 W होगी।

1 वाट = 1 जूल/1 सेकंड

या 1 w = 1 Js-1

प्रश्न 3: एक लैंप 1000 J विद्युत् ऊर्जा 10 s में व्यय करता है| इसकी शक्ति कितनी है?

उत्तर 3: शक्ति (Power) का सूत्र होता है:

\(\text{शक्ति} = \frac{\text{कार्य}}{\text{समय}} = \frac{\text{ऊर्जा}}{\text{समय}}\)

यहाँ,
ऊर्जा = 1000 J
समय = 10 s

तो,

\(\text{शक्ति} = \frac{1000}{10} = 100 \, \text{W}\)

लैंप की शक्ति 100 वॉट (W) है।

प्रश्न 4: औसत शक्ति को परिभाषित कीजिए।

उत्तर 4: किसी अभिकर्ता की औसत शक्ति का अभिप्राय कुल दिए गए समय में कुल उपयोग की गई ऊर्जा या किए गए कार्य से है।
औसत शक्ति = कुल किया गया कार्य/दिया गया कुल समय

पाठ्य प्रश्न [Pages 4 ]

प्रश्न 1: निम्न सूचीबद्ध क्रियाकलापों को ध्यान से देखिए। अपनी कार्य शब्द की व्याख्या के आधार पर तर्क दीजिए कि इनमें कार्य हो रहा है अथवा नहीं।
• सूमा एक तालाब में तैर रही है।
• एक गधे ने अपनी पीठ पर बोझा उठा रखा है।
• एक पवन चक्की (विंड मिल) कुएँ से पानी उठा रही है।
• एक हरे पौधे में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया हो रही है।
• एक इंजन ट्रेन को खींच रहा है।
• अनाज के दाने सूर्य की धूप में सूख रहे हैं।
• एक पाल-नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है।

उत्तर 1: कार्य (Work) की वैज्ञानिक परिभाषा के अनुसार, जब किसी वस्तु पर बल लगाया जाता है और वह वस्तु बल की दिशा में विस्थापित होती है, तभी कार्य होता है।

1. सूमा एक तालाब में तैर रही है।

कार्य हो रहा है।
तर्क: सूमा अपने शरीर से जल पर बल लगाती है और वह गति कर रही है, यानी बल के कारण विस्थापन हो रहा है।

2. एक गधे ने अपनी पीठ पर बोझा उठा रखा है।

कार्य नहीं हो रहा है।
तर्क: गधा बोझा उठाए खड़ा है और यदि वह स्थिर है, तो बल तो है पर विस्थापन नहीं हो रहा — इसलिए कार्य नहीं हो रहा।

3. एक पवन चक्की कुएँ से पानी उठा रही है।

कार्य हो रहा है।
तर्क: पवन चक्की बल लगाकर पानी को ऊपर उठा रही है, यानी बल और विस्थापन दोनों हैं।

4. एक हरे पौधे में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया हो रही है।

कार्य नहीं हो रहा है (भौतिक दृष्टि से)।
तर्क: यह एक रासायनिक प्रक्रिया है, परंतु इसमें कोई वस्तु बल के कारण विस्थापित नहीं हो रही — इसलिए भौतिकी के अनुसार कार्य नहीं हो रहा।

5. एक इंजन ट्रेन को खींच रहा है।

कार्य हो रहा है।
तर्क: इंजन बल लगाता है और ट्रेन आगे बढ़ती है — बल के साथ विस्थापन हो रहा है।

6. अनाज के दाने सूर्य की धूप में सूख रहे हैं।

कार्य नहीं हो रहा है (भौतिक अर्थ में)।
तर्क: यहाँ कोई बल नहीं लगाया जा रहा और न ही कोई विस्थापन है — केवल ऊर्जा का स्थानांतरण हो रहा है।

7. एक पाल-नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है।

कार्य हो रहा है।
तर्क: हवा बल लगाती है जिससे नाव आगे बढ़ती है — बल और विस्थापन दोनों हैं।

प्रश्न 2: एक पिंड को धरती से किसी कोण पर फेंका जाता है। यह एक वक्र पथ पर चलता है और वापस धरती पर आ गिरता है। पिंड के पथ के प्रारंभिक तथा अंतिम बिंदु एक ही क्षैतिज रेखा पर स्थित हैं। पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया गया?

उत्तर 2: वस्तु क्षैतिज रूप से विस्थापित होती है क्योंकि जमीन पर एक विशिष्ट कोण पर फेंकी गई वस्तु की प्रारंभिक और अंतिम स्थिति एक ही क्षैतिज तल पर होती है। वस्तु पर गुरुत्वाकर्षण बल ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर कार्य करता है। इसलिए, कोई श्रम नहीं किया जाता है।

प्रश्न 3: एक बैटरी बल्ब जलाती है। इस प्रक्रम में होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।

उत्तर 3: जब एक बल्ब को बैटरी से जोड़ा जाता है, तो बैटरी की रासायनिक ऊर्जा विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है| जब बल्ब को विद्युत् ऊर्जा प्राप्त होती है, तो यह उसे प्रकाश और ऊष्मा में रूपांतरित कर देता है| इस स्थिति में ऊर्जा परिवर्तन को इस प्रकार दिखाया जा सकता है: रासायनिक ऊर्जा → विद्युत् ऊर्जा → प्रकाश + ऊष्मा

प्रश्न 4: 20 kg द्रव्यमान पर लगने वाला कोई बल इसके वेग को 5 m s-1 से 2 m s-1 में परिवर्तित कर देता है। बल द्वारा किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।

उत्तर 4: दिए गए मान:

  • द्रव्यमान m = 20 kg
  • प्रारंभिक वेग u = 5 m/s
  • अंतिम वेग v = 2m/s

प्रारंभिक गतिज ऊर्जा:

\(KE_{initial} = \frac{1}{2} \times 20 \times 5^2 = 10 \times 25 = 250 \, J\)

अंतिम गतिज ऊर्जा:

\(KE_{final} = \frac{1}{2} \times 20 \times 2^2 = 10 \times 4 = 40 \, J\)

कार्य:

\(\text{कार्य} = KE_{final} – KE_{initial} = 40 – 250 = -210 \, J\)

बल द्वारा किया गया कार्य –210 J है। (ऋणात्मक चिन्ह दर्शाता है कि बल ने वस्तु की गति को घटाया है, अर्थात कार्य ऊर्जा को कम करने में हुआ है)।

प्रश्न 5: 10 kg द्रव्यमान का एक पिंड मेज़ पर A बिंदु पर रखा है। इसे B बिंदु तक लाया जाता है। यदि A तथा B को मिलाने वाली रेखा क्षैतिज है तो पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य कितना होगा? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।

उत्तर 5: यहाँ, 10 kg का द्रव्यमान बिंदु A से B तक क्षैतिज रूप से ले जाया जाता है। गुरुत्वाकर्षण बल ऊर्ध्वाधर रूप से नीचे की ओर कार्य करता है। इस प्रकार, द्रव्यमान गुरुत्वाकर्षण बल के समकोण पर एक दिशा में गति करता है। इसलिए,

गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा वस्तु पर किया गया कार्य = Fs cosθ = Fs cos90° = 0 (∵ cos 90 = 0) इसलिए, वस्तु पर गुरुत्वाकर्षण बल काम नहीं करता है।

प्रश्न 6: मुक्त रूप से गिरते एक पिंड की स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती जाती है। क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन करती है? कारण बताइए।

उत्तर 6: नहीं, यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन नहीं करती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जब एक पिंड ऊँचाई से गिरती है, तब इसकी स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है। एक पिंड की स्थितिज ऊर्जा में कमी उसमें गतिज ऊर्जा में वृद्धि के बराबर होती है। इस प्रक्रिया के दौरान, पिंड की कुल यांत्रिक ऊर्जा संरक्षित रहती है। इस प्रकार ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन नहीं होता है।

प्रश्न 7: जब आप साइकिल चलाते हैं तो कौन-कौन से ऊर्जा रूपांतरण होते हैं?

उत्तर 7: साइकिल चलाते समय, शरीर की मांसपेशियों की ऊर्जा साइकिल की ऊष्मा ऊर्जा और गतिज ऊर्जा में बदल जाती है। ऊष्मा ऊर्जा शरीर को गर्म करती है। गतिज ऊर्जा साइकिल को वेग प्रदान करती है।

परिवर्तन को इस प्रकार दिखाया जा सकता है: परिवर्तन के दौरान, कुल ऊर्जा संरक्षित रहती है। मांसपेशियों की ऊर्जा → गतिज ऊर्जा + ऊष्मा ऊर्जा

प्रश्न 8: जब आप अपनी सारी शक्ति लगाकर एक बड़ी चट्टान को धकेलना चाहते हैं और इसे हिलाने में असफल हो जाते हैं तो क्या इस अवस्था में ऊर्जा का स्थानांतरण होता है? आपके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा कहाँ चली जाती है?

उत्तर 8: नहीं, जब हम अपनी पूरी शक्ति से विशाल चट्टान को धकेलने पर नहीं खिसका पाते हैं, तो ऊर्जा का स्थानांतरण नहीं होता है। जब हम चट्टान को धकेलते हैं, तो हमारी पेशियाँ तन जाती हैं तथा इन पेशियों की ओर रक्त बहुत तेजी से विस्थापित होता है। इन परिवर्तनों में ऊर्जा खपत होती है तथा हम थका हुआ महसूस करते हैं।

प्रश्न 9: किसी घर में एक महीने में ऊर्जा की 250 ’यूनिटें’ व्यय हुईं। यह ऊर्जा जूल में कितनी होगी?

उत्तर 9: पूरे महीने के दौरान कुल ऊर्जा खपत = 250 यूनिट 

1 यूनिट = 1kWh

250 यूनिट = 250kWh

= 250 × 1000 Wh 

= 250 × (1000 W) (3600 s)

= 250 × 1000 × 3600 W s = 900 × 106 = 9 × 108J

प्रश्न 10: 40 kg द्रव्यमान का एक पिंड धरती से 5 m की ऊँचाई तक उठाया जाता है। इसकी स्थितिज ऊर्जा कितनी है? यदि पिंड को मुक्त रूप से गिरने दिया जाए तो जब पिंड ठीक आधे रास्ते पर है उस समय इसकी गतिज ऊर्जा का परिकलन कीजिए। (g = 10ms-2)

उत्तर 10: 1. स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy)

स्थितिज ऊर्जा का सूत्र होता है: PE = mgh

यहाँ:

  • m = 40 kg
  • g = 10 m/s2
  • h = 5 m

PE = 40×10×5 = 2000J

पिंड की स्थितिज ऊर्जा = 2000 J

2. जब पिंड आधे रास्ते (2.5 m) पर है:

अब पिंड गिर रहा है, और ऊर्जा संरक्षण के सिद्धांत के अनुसार: कुल ऊर्जा = स्थितिज ऊर्जा+गतिज ऊर्जा = 2000 J

जब पिंड 2.5 m नीचे आ चुका है, तब उसकी स्थितिज ऊर्जा: PE = mgh = 40×10×2.5 = 1000 J

तो, KE = Total Energy − PE at 2.5 m = 2000−1000 = 1000 J

जब पिंड आधे रास्ते (2.5 m) पर है, तो उसकी गतिज ऊर्जा = 1000 J

प्रश्न 11: पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए एक उपग्रह पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया जाएगा? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।

उत्तर 11: गुरुत्व बल द्वारा कार्य (Work) तब होता है जब बल के कारण किसी वस्तु का विस्थापन होता है। पृथ्वी के चारों ओर ग्रहण (orbiting) करते हुए उपग्रह पर गुरुत्व बल द्वारा कार्य नहीं किया जाएगा, क्योंकि:

  1. गुरुत्व बल और विस्थापन के दिशा का कोई कोण नहीं होता। उपग्रह पृथ्वी के चारों ओर एक वृत्ताकार पथ पर घूमता है, और गुरुत्व बल हमेशा उपग्रह की कक्षा (orbit) की दिशा में होता है, जबकि उपग्रह का वेग कक्षा के केंद्र की ओर और परिधि के दिशा में होता है। इसलिए, गुरुत्व बल उपग्रह की गति की दिशा में नहीं होता, बल्कि कक्षा के केंद्र की ओर कार्य करता है।
  2. कक्षा में स्थिर दूरी उपग्रह की कक्षा में गुरुत्व बल द्वारा कोई स्थायी स्थिति में परिवर्तन नहीं होता है, क्योंकि यह बल कक्षा के केंद्र की ओर कार्य करता है, जिससे उपग्रह की गति की दिशा में कोई बदलाव नहीं आता है। इसके बजाय यह सिर्फ कक्षा के पथ को स्थिर बनाए रखता है।

प्रश्न 12: क्या किसी पिंड पर लगने वाले किसी भी बल की अनुपस्थिति में, इसका विस्थापन हो सकता है? सोचिए। इस प्रश्न के बारे में अपने मित्रों तथा अध्यापकों से विचार-विमर्श कीजिए।

उत्तर 12: हाँ, असमान रूप से गतिशील वस्तु के लिए। मान लें कि कोई वस्तु स्थिर वेग के साथ गति कर रही है, इस पर लगा नेट बल शून्य होगा। लेकिन वस्तु के गति के साथ इसका विस्थापन भी होता है। इस प्रकार किसी बल की अनुपस्थिति में भी वस्तु का विस्थापन हो सकता है।

प्रश्न 13: कोई मनुष्य भूसे के एक गट्ठर को अपने सिर पर 30 मिनट तक रखे रहता है और थक जाता है। क्या उसने कोई कार्य किया या नहीं? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।

उत्तर 13: जब भी दी गई दो शर्तें पूरी होती हैं, तो कार्य किया जाता है:

शरीर पर बल कार्य करता है।
बल की दिशा में या उसके विपरीत बल लगाने से शरीर का विस्थापन होता है।
अपने सिर पर घास का गट्ठर पकड़े हुए व्यक्ति को मांसपेशियों में थकान महसूस होने के कारण थकान होती है। यह थकान मांसपेशियों के प्रयास द्वारा रासायनिक ऊर्जा के ऊष्मीय ऊर्जा में रूपांतरण के कारण होती है। व्यक्ति ने कोई काम नहीं किया है क्योंकि उसके प्रयास से उसके सिर पर गट्ठर का कोई विस्थापन नहीं होता है, अर्थात, s = 0

प्रश्न 14: एक विद्युत-हीटर (ऊष्मक) की घोषित शक्ति 1500 W है। 10 घंटे में यह कितनी ऊर्जा उपयोग करेगा?

उत्तर 14: विद्युत-हीटर (ऊष्मक) द्वारा उपयोग की जाने वाली ऊर्जा का परिकलन करने के लिए हम शक्ति (Power) और समय (Time) का उपयोग करेंगे। ऊर्जा का सूत्र है:

ऊर्जा = शक्ति×समय

जहाँ:

  • शक्ति P = 1500W
  • समय t = 10घंटे = 10×3600सेकंड = 36000सेकंड

अब,

ऊर्जा = 1500W×36000s = 54,00,000J

ऊर्जा = 5.4MJ(मेगाजूल)

10 घंटे में विद्युत-हीटर द्वारा उपयोग की जाने वाली ऊर्जा 5.4 मेगाजूल (MJ) होगी।

प्रश्न 15: जब हम किसी सरल लोलक के गोलक को एक ओर ले जाकर छोड़ते हैं तो यह दोलन करने लगता है। इसमें होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों की चर्चा करते हुए ऊर्जा संरक्षण के नियम की व्याख्या कीजिए। गोलक कुछ समय पश्चात् विराम अवस्था में क्यों आ जाता है? अंततः इसकी ऊर्जा को क्या होता है? क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन है?

उत्तर 15: ऊर्जा-संरक्षण नियम के अनुसार ऊर्जा की न तो उत्पत्ति की जा सकती है और न ही विनाश। इसका केवल एक रूप से दूसरे रूप से रूपांतरण हो सकता है। एक लोलक के दोलन पर विचार करते हैं।

जब एक लोलक अपने मध्य स्थिति P से किनारे की स्थिति A अथवा B की तरफ गति करता है, तो उसकी ऊँचाई मध्य स्थिति P से बढ़ जाती है। इस बिंदु पर गोलक की गतिज ऊर्जा पूरी तरह से स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है। गतिज ऊर्जा शून्य हो जाती है तथा गोलक में केवल स्थितिज ऊर्जा उपस्थित होती है। जैसे ही यह बिंदु P की ओर गति करता है, इसकी स्थितिज ऊर्जा घटते जाता है। उसी के अनुसार, गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। जैसे ही गोलक बिंदु P पर पहुँचता है, इसकी स्थितिज ऊर्जा शून्य हो जाती है तथा गोलक में केवल गतिज ऊर्जा उपस्थित रहती है। यही प्रक्रिया लंबे समय तक दोहराई जाती है, जब तक लोलक दोलन करता है।

गोलक हमेशा दोलन नहीं करता है। यह विरामावस्था में आ जाता है क्योंकि वायु प्रतिरोध के कारण इसकी गति रूक जाती है। घर्षण दूर करने के लिए लोलक में गतिज ऊर्जा की हानि होती है और कुछ समय बाद यह रूक जाता है। यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन नहीं है क्योंकि घर्षण को नियंत्रित करने के लिए लोलक द्वारा लुप्त ऊर्जा उसके आस-पास से प्राप्त होती है। इस प्रकार लोलक तथा आस-पास की कुल ऊर्जा संरक्षित रहती है।

प्रश्न 16: m द्रव्यमान का एक पिंड एक नियत वेग v से गतिशील है। पिंड पर कितना कार्य करना चाहिए कि यह विराम अवस्था में आ जाए?

उत्तर 16: m द्रव्यमान का एक पिंड की गतिज ऊर्जा, जो एक नियत वेग v से गतिशील है के लिए व्यंजक: Ek = 1/2 mv2

विराम अवस्था में आने के लिए पिंड पर 1/2 mv2 कार्य करने की आवश्यकता है।

प्रश्न 17: 1500 kg द्रव्यमान की कार को जो 60 km/h के वेग से चल रही है, रोकने के लिए किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।

उत्तर 17: दिए गए मान:

  • कार का द्रव्यमान (m) = 1500 kg
  • कार का वेग (v) = 60 km/h

वेग को km/h से m/s में बदलें

हमें वेग को मीटर प्रति सेकंड (m/s) में बदलना होगा:
\(1 \text{ km/h} = \frac{1000 \text{ m}}{3600 \text{ s}} = \frac{5}{18} \text{ m/s}\)
\(v = 60 \text{ km/h} \times \frac{5}{18} = \frac{300}{18} \approx 16.67 \text{ m/s}\)

गतिज ऊर्जा (KE) की गणना करें

गतिज ऊर्जा का सूत्र है:
\(KE = \frac{1}{2} m v^2\)
\(KE = \frac{1}{2} \times 1500 \times (16.67)^2\)
KE = 750×277.89 ≈ 208,417.5 J

कार को रोकने के लिए आवश्यक कार्य उसकी गतिज ऊर्जा के बराबर होता है:
\(W = KE \approx 208,417.5 \text{ J}\)

प्रश्न 18: निम्न में से प्रत्येक स्थिति में m द्रव्यमान के एक पिंड पर एक बल F लग रहा है। विस्थापन की दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर है जो एक लंबे तीर से प्रदर्शित की गई है। चित्रों को ध्यानपूर्वक देखिए और बताइए कि किया गया कार्य ऋणात्मक है, धनात्मक है या शून्य है।

उत्तर 18: स्थिति 1 : इस स्थिति में गुटके पर कार्य कर रहे बल की दिशा विस्थापन के लंबवत् है। इसलिए गुटके पर बल द्वारा किया गया कार्य शून्य है।

स्थिति 2 : इस स्थिति में गुटके पर कार्य कर रहे बल की दिशा विस्थापन के दिशा में है। इसलिए गुटके पर बल द्वारा किया कार्य धनात्मक है।

स्थिति 3 : इस स्थिति में गुटके पर कार्य कर रहे बल की दिशा विस्थापन के विपरीत दिशा में है। इसलिए गुटके पर बल द्वारा किया कार्य ऋणात्मक है।

प्रश्न 19: सोनी कहती है कि किसी वस्तु पर त्वरण शून्य हो सकता है, चाहे उस पर कई बल कार्य कर रहे हों। क्या आप सहमत हैं? बताइए क्यों?

उत्तर 19: किसी वस्तु पर त्वरण शून्य हो सकता है चाहे उस पर कई बल कार्य कर रहे हों। ऐसा तभी होता है जब सभी एक दूसरे के विपरीत होती हैं तथा एक-दूसरे को निरस्त करती है, जिस कारण वस्तु पर कार्य कर रहा नेट बल शून्य हो जाता है। एकसमान गति कर रहे वस्तु के लिए, वस्तु पर कार्य कर रहा नेट बल शून्य होता है। इस प्रकार वस्तु का त्वरण शून्य हो जाता है। इसलिए सोनी का कथन सत्य है।

प्रश्न 20: चार युक्तियाँ, जिनमें प्रत्येक की शक्ति 500 W है 10 घंटे तक उपयोग में लाई जाती हैं। इनके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा जूल में परिकलित कीजिए।

उत्तर 20: चार उपकरणों की शक्ति = 4 × 500 W = 2000 W

समय = 10 घंटे

इसलिए,

खपत की गई ऊर्जा = शक्ति × समय

= 2000 × 10 Wh = 20000 Wh

= 20 kW h

= 20 इकाइयाँ     …[1 इकाई = 1 kW h]

प्रश्न 21: मुक्त रूप से गिरता एक पिंड अंततः धरती तक पहुँचने पर रुक जाता है। इसकी गतिज ऊर्जा का क्या होता है?

उत्तर 21: जब कोई वस्तु मुक्त रूप से धरती पर गिरता है, इसकी स्थितिज ऊर्जा घटती है तथा गतिज ऊर्जा में वृद्धि होती है। धरती तक पहुँचते ही उसकी स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है। जैसे ही वस्तु की टक्कर कठोर धरती से होती है, उसकी सारी गतिज ऊर्जा उष्मीय ऊर्जा तथा ध्वनि ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है। यह धरती की प्रकृति तथा वस्तु की गतिज ऊर्जा की मात्रा के आधार पर सतह में गड्ढा भी कर सकता है।

यह भी देखें ✯ कक्षा 9

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