कक्षा 9 विज्ञान पाठ 11 के प्रश्न उत्तर: ध्वनि के प्रश्न उत्तर
Textbook | Ncert |
Class | Class 9 |
Subject | विज्ञान |
Chapter | Chapter 11 |
Chapter Name | ध्वनि class 9 question answer |
Category | Ncert Solutions |
Medium | Hindi |
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पाठ्य प्रश्न [Pages 145 ]
प्रश्न 1: किसी माध्यम में ध्वनि द्वारा उत्पन्न विक्षोभ आपके कानों तक कैसे पहुँचता है?
उत्तर 1: जब कोई वस्तु कंपन करती है तो यह अपने चारों ओर विद्यमान माध्यम के कणों को कंपमान कर देती है। कंपमान वस्तु के संपर्क में रहने वाले माध्यम के कण अपनी संतुलित अवस्था से विस्थापित होते हैं। ये अपने समीप के कणों पर एक बल लगाते हैं। निकटवर्ती कणों को विस्थापित करने के पश्चात् प्रारंभिक कण अपनी मूल अवस्थाओं में वापस लौट आते हैं। माध्यम में यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है जब तक कि ध्वनि हमारे कानों तक नहीं पहुँच जाती है।
पाठ्य प्रश्न [Pages 149 ]
प्रश्न 1: तरंग का कौन-सा गुण निम्नलिखित को निर्धारित करता है? (a) प्रबलता (b) तारत्व।
उत्तर 1: तरंग के गुण जो निम्नलिखित को निर्धारित करते हैं:
(a) प्रबलता: तरंग का आयाम प्रबलता को निर्धारित करता है। आयाम जितना अधिक होगा, ध्वनि उतनी ही प्रबल (तेज़) होगी।
(b) तारत्व: तरंग की आवृत्ति तारत्व को निर्धारित करती है। आवृत्ति जितनी अधिक होगी, ध्वनि का तारत्व (पिच) उतना ही ऊँचा होगा।
प्रश्न 2: अनुमान लगाइए कि निम्न में से किस ध्वनि का तारत्व अधिक है? (a) गिटार (b) कार का हॉर्न।
उत्तर 2: गिटार
स्पष्टीकरण: गिटार की ध्वनि की कंपन आवृत्ति कार के हॉर्न की ध्वनि से अधिक होती है। क्योंकि ध्वनि का तारत्व उसकी आवृत्ति के समानुपातिक होती है, इसलिए गिटार का तारत्व कार के हॉर्न से अधिक होता है।
पाठ्य प्रश्न [Pages 149 ]
प्रश्न 1: किसी ध्वनि तरंग की तरंगदैर्घ्य, आवृत्ति, आवर्त काल तथा आयाम से क्या अभिप्राय है?
उत्तर 1: ध्वनि तरंग से संबंधित निम्नलिखित शब्दों का अभिप्राय इस प्रकार है:
- तरंगदैर्घ्य: यह किसी तरंग के दो समरूप बिंदुओं (जैसे, दो शीर्ष या दो गर्त) के बीच की दूरी है। यह दर्शाता है कि एक पूर्ण तरंग (एक चक्र) की लंबाई कितनी है।
- आवृत्ति: यह किसी निश्चित समय (आमतौर पर 1 सेकंड) में होने वाली तरंगों की संख्या को दर्शाती है। इसे हर्ट्ज़ (Hz) में मापा जाता है।
- आवर्तकाल: यह किसी तरंग के एक पूर्ण चक्र को पूरा करने में लगने वाला समय है। इसका उल्टा आवृत्ति होता है, यानी आवर्तकाल = 1 / आवृत्ति।
- आयाम : यह तरंग की अधिकतम विचलन को दर्शाता है, यानी तरंग का ऊँचाई या गहराई। अधिक आयाम का मतलब अधिक प्रबलता और तीव्रता होती है, जो ध्वनि की तीव्रता को प्रभावित करता है।
प्रश्न 2: किसी ध्वनि तरंग की तरंगदैर्घ्य तथा आवृत्ति उसके वेग से किस प्रकार संबंधित है?
उत्तर 2: निम्नलिखित समीकरण ध्वनि तरंग की वेग, तरंगदैर्घ्य और आवृत्ति से संबंधित है:
वेग (v) = तरंगदैर्घ्य (λ) × आवृत्ति (υ)
v = λ × υ
प्रश्न 3: किसी दिए हुए माध्यम में एक ध्वनि तरंग की आवृत्ति 220 Hz तथा वेग 440 m/s है। इस तरंग की तरंगदैर्घ्य की गणना कीजिए।
उत्तर 3: ध्वनि तरंग की आवृत्ति, v = 220 Hz
ध्वनि तरंग की वेग, v = 440 m s−1
ध्वनि तरंग के लिए,
वेग = तरंगदैर्घ्य × आवृत्ति
v = λ×ν
इसलिए λ = vvν
= 440/220 = 2 m
इसलिए, ध्वनि तरंग की तरंगदैर्घ्य 2 m है।
प्रश्न 4: किसी ध्वनिस्त्रोत से 450 m दूरी पर बैठा हुआ कोई मनुष्य 500 Hz की ध्वनि सुनता है। स्रोत से मनुष्य के पास तक पहुँचने वाले दो क्रमागत संपीडनों में कितना समय अंतराल होगा?
उत्तर 4: दो क्रमिक संपीडनों के बीच का समय अंतराल तरंग की आवर्त काल के समान होता है। यह आवर्त काल तरंग की आवृत्ति के पारस्परिक होती है और निम्न संबंध द्वारा दी जाती है:
T = 1/आवृत्ति
= 1/500
= 0.002 सेकंड
पाठ्य प्रश्न [Pages 150 ]
प्रश्न 1: ध्वनि की प्रबलता तथा तीव्रता में अंतर बताइए।
उत्तर 1:
विवरण | प्रबलता (Amplitude) | तीव्रता (Intensity) |
---|---|---|
परिभाषा | यह तरंग के अधिकतम विचलन (displacement) को दर्शाता है। | यह ध्वनि की ऊर्जा का एक माप है, जो प्रति इकाई समय और क्षेत्र में फैलती है। |
मापने का तरीका | यह मापता है तरंग का ऊँचाई या गहराई। | यह मापता है ऊर्जा के प्रवाह को, यानी ध्वनि की शक्ति। |
इकाई | इसका मात्रक डेसीबल (dB) है। | वाट/मीटर² (W/m²) |
प्रभाव | ध्वनि की तीव्रता और स्पष्टता पर प्रभाव डालता है। | ध्वनि की शक्ति और ध्वनि स्तर पर प्रभाव डालता है। |
उदाहरण | उच्च आयाम वाली ध्वनि तरंगें ज़्यादा प्रबल होती हैं। | उच्च तीव्रता वाली ध्वनि तेज़ और अधिक शक्तिशाली होती है। |
पाठ्य प्रश्न [Pages 150]
प्रश्न 1: वायु, जल या लोहे में से किस माध्यम में ध्वनि सबसे तेज़ चलती है?
उत्तर 1: ध्वनि की गति माध्यम की प्रकृति पर निर्भर करती है। ठोस पदार्थों में ध्वनि सबसे तेज़ चलती है। द्रवों में इसकी गति कम हो जाती है और गैसों में यह सबसे धीमी होती है। इसलिए, दिए गए तापमान पर, ध्वनि लोहे में सबसे तेज़ चलती है।
पाठ्य प्रश्न [Pages 152 ]
प्रश्न 1: कोई प्रतिध्वनि 3 s पश्चात् सुनाई देती है। यदि ध्वनि की चाल 342 m s-1 हो तो स्रोत तथा परावर्तन सहत के बीच कितनी दूरी होगी?
उत्तर 1: ध्वनि की चाल, v = 342 m s−1
प्रतिध्वनि समय में वापस आती है, t = 3 s
ध्वनि द्वारा तय की गई दूरी = v × t
= 342 × 3 = 1026 m
दिए गए समय अंतराल में, ध्वनि को परावर्तक सतह और स्रोत की दूरी से दोगुनी दूरी तय करनी होती है।
इसलिए, स्रोत से परावर्तक सतह की दूरी = 1026/2 m = 513 m
पाठ्य प्रश्न [Pages 153]
प्रश्न 1: कंसर्ट हॉल की छतें वक्राकार क्यों होती है?
उत्तर 1: सामान्यतः कंसर्ट हॉल की छतें वक्राकार बनाई जाती हैं जिससे कि परावर्तन के पश्चात् ध्वनि हॉल के सभी भागों में पहुँच जाए। कभी-कभी वक्राकार ध्वनि-पट़ों को मंच के पीछे रख दिया जाता है जिससे कि ध्वनि, ध्वनि-पट्ट से परावर्तन के पश्चात् समान रूप से पूरे हॉल में फैल जाए।
पाठ्य प्रश्न [Pages 154 ]
प्रश्न 1: सामान्य मनुष्य के कानों के लिए श्रव्यता परास क्या है?
उत्तर 1: सामान्य मनुष्य के कानों के लिए श्रव्यता परास 20 हर्ट्ज़ (Hz) से 20,000 हर्ट्ज़ (Hz) होती है।
प्रश्न 2: निम्न से संबंधित आवृत्तियों का परास क्या है?
(a) अवश्रव्य ध्वनि
(b) पराध्वनि
उत्तर 2: (a) अवश्रव्य ध्वनि का परास 20 हर्ट्ज़ से कम होता है|
(b) पराध्वनि का परास 20,000 हर्ट्ज़ से अधिक होता है|
अभ्यास
प्रश्न 1: ध्वनि क्या है और यह कैसे उत्पन्न होती है?
उत्तर 1: ध्वनि एक प्रकार की यांत्रिक तरंग है, जो माध्यम (वायु, जल या ठोस) के कणों के कंपन से उत्पन्न होती है। जब कोई वस्तु कंपन करती है, तो इसके आसपास के कण भी गति करते हैं, जिससे कंप्रेशन (दबाव) और (विस्तारण) की स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं। इन कंप्रेशन और के चलते ध्वनि तरंगें बनती हैं, जो हमारे कानों तक पहुँचने पर सुनाई देती हैं। ध्वनि केवल उस माध्यम में यात्रा कर सकती है जिसमें कण होते हैं, जैसे वायु, पानी या ठोस पदार्थ।
प्रश्न 2: एक चित्र की सहायता से वर्णन कीजिए कि ध्वनि के स्रोत के निकट वायु में संपीडन तथा विरलन कैसे उत्पन्न होते हैं?
उत्तर 2: जब कोई कंपमान वस्तु आगे की ओर कंपन करती है, तो इसके आस-पास उच्च दाब का क्षेत्र उत्पन्न होता है। इस क्षेत्र को संपीडन कहते हैं। जब कंपमान वस्तु पीछे की ओर कंपन करती है तो एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्पन्न होता है जिसे विरलन कहते हैं। जब वस्तु कंपन करती है अर्थात आगे और पीछे तेजी से गति करती है तो वायु में संपीडन और विरलन की एक श्रेणी बन जाती है। इसे चित्र में दिखाया गया है :
प्रश्न 3: ध्वनि तरंगों की प्रकृति अनुदैर्ध्य क्यों है?
उत्तर 3: जब माध्यम के कणों का विस्थापन तरंग संचरण की दिशा के समांतर हो तो उसे अनुदैर्ध्य तरंग कहा जाता हैं। ध्वनि तरंग संपीडन (C) और विरलन (R) के रूप में संचरित होती है तथा माध्यम (वायु) के कण आगे-पीछे तरंग के संचरण की समांतर दिशा में गति करते हैं। अतः ध्वनि तरंगों को अनुदैर्घ्य तरंग कहते हैं।
प्रश्न 4: ध्वनि का कौन-सा अभिलक्षण किसी अन्य अंधेरे कमरे में बैठे आपके मित्र की आवाज पहचानने में आपकी सहायता करता है?
उत्तर 4: ध्वनि की गुणवत्ता अँधेरे कमरे में बैठे मित्र की आवाज पहचानने में हमारी सहायता करता है।
प्रश्न 5: तड़ित की चमक तथा गर्जन साथ-साथ उत्पन्न होते हैं। लेकिन चमक दिखाई देने के कुछ सेकंड पश्चात् गर्जन सुनाई देती है। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर 5: तड़ित की चमक और गर्जन साथ-साथ उत्पन्न होते हैं, लेकिन चमक पहले दिखाई देती है क्योंकि रोशनी (चमक) की गति ध्वनि (गर्जन) की तुलना में बहुत अधिक होती है। रोशनी का वेग लगभग (लगभग 3 x 108 मीटर प्रति सेकंड) होता है, जबकि ध्वनि की गति वायु में लगभग 343 मीटर प्रति सेकंड होती है। इस कारण से, चमक तुरंत दिखाई देती है, जबकि गर्जन को हम थोड़ी देर बाद सुनते हैं।
प्रश्न 6: किसी व्यक्ति का औसत श्रव्य परिसर 20 Hz से 20 kHz है। इन दो आवृत्तियों के लिए ध्वनि तरंगों की तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिए। वायु में ध्वनि का वेग 344 m s−1 लीजिए।
उत्तर 6: ध्वनि की तरंगदैर्घ्य (Wavelength) को निम्नलिखित सूत्र से निकाला जा सकता है:
\(\lambda = \frac{v}{f}\)
जहाँ:
- λ = तरंगदैर्घ्य
- v = ध्वनि की गति
- f = आवृत्ति
वायु में ध्वनि की गति v = 344m/s दी गई है।
अब, दो आवृत्तियों के लिए (20 Hz और 20 kHz) तरंगदैर्घ्य निकालते हैं।
1. आवृत्ति f = 20 Hz के लिए:
\(\lambda_1 = \frac{344}{20} = 17.2 \, \text{m}\)
2. आवृत्ति f = 20,000 Hz के लिए:
\(\lambda_2 = \frac{344}{20000} = 0.0172 \, \text{m}\)
प्रश्न 7: दो बालक किसी ऐलुमिनियम पाइप के दो सिरों पर हैं। एक बालक पाइप के एक सिरे पर पत्थर से आघात करता है। दूसरे सिरे पर स्थित बालक तक वायु तथा ऐलुमिनियम से होकर जाने वाली ध्वनि तरंगों द्वारा लिए गए समय को अनुपात ज्ञात कीजिए।
उत्तर 7: वायु में ध्वनि का वेग = 346 m/s
एलुमिनियम में ध्वनि का वेग = 6420 m/s
मान लें कि पाइप की लंबाई = 1m
वायु में ध्वनि तरंगों द्वारा लिया गया समय, t1= 1 / वायु में ध्वनि का वेग
एलुमिनियम में ध्वनि तरंगों द्वारा लिया गया समय, t2 = 1 / एलुमिनियम में ध्वनि का वेग
इस प्रकार, t1/t2 = एलुमिनियम में ध्वनि का वेग / वायु में ध्वनि का वेग = 6420/346 = 18.55 : 1
प्रश्न 8: किसी ध्वनि स्रोत की आवृत्ति 100 Hz है। एक मिनट में यह कितनी बार कंपन करेगा?
उत्तर 8: आवृत्ति = 100 Hz
इसका अर्थ है कि एक सेकंड में ध्वनि स्रोत 100 बार कंपन करता है।
इसलिए 1 मिनट में कंपन की संख्या, (60 सेकंड में) = 100 × 60 = 6000
इसलिए, स्रोत एक मिनट में 6000 बार कंपन करता है, जिससे 100 Hz की आवृत्ति उत्पन्न होती है।
प्रश्न 9: क्या ध्वनि परावर्तन के उन्हीं नियमों का पालन करती है जिनका कि प्रकाश की तरंगें करती हैं? इन नियमों को बताइए।
उत्तर 9: हां, ध्वनि परावर्तन भी उसी प्रकार के नियमों का पालन करती है जिनका पालन प्रकाश की तरंगें करती हैं। इन नियमों को परावर्तन के नियम कहा जाता है, जो निम्नलिखित हैं:
- परावर्तन कोण: परावर्तित ध्वनि तरंग का कोण, उस सतह से प्रक्षिप्त ध्वनि तरंग के कोण के बराबर होता है।
- प्रक्षिप्त कोण: यह वह कोण है जो प्रक्षिप्त ध्वनि तरंग और सतह के सामान्य (normal) के बीच बनता है।
- सतह का सामान्य: वह काल्पनिक रेखा जो प्रक्षिप्त ध्वनि तरंग के संपर्क बिंदु से सीधे सतह के लम्बवत होती है।
प्रश्न 10: ध्वनि का एक स्रोत किसी परावर्तक सतह के सामने रखने पर उसके द्वारा प्रदत्त ध्वनि तरंग की प्रतिध्वनि सुनाई देती है। यदि स्रोत तथा परावर्तक सतह की दूरी स्थिर रहे तो किस दिन प्रतिध्वनि अधिक शीघ्र सुनाई देगी- (i) जिस दिन तापमान अधिक हो? (ii) जिस दिन तापमान कम हो?
उत्तर 10: ध्वनि की गति तापमान पर निर्भर करती है। जब तापमान अधिक होता है, तो ध्वनि की गति बढ़ जाती है, और जब तापमान कम होता है, तो ध्वनि की गति घट जाती है।
इसका कारण यह है कि उच्च तापमान पर हवा के कण तेजी से गति करते हैं, जिससे ध्वनि तरंगों का प्रसार तेज़ होता है।
- (i) जिस दिन तापमान अधिक हो: इस दिन ध्वनि की गति अधिक होगी, और इसलिए प्रतिध्वनि अधिक शीघ्र सुनाई देगी।
- (ii) जिस दिन तापमान कम हो: इस दिन ध्वनि की गति कम होगी, और प्रतिध्वनि को सुनने में अधिक समय लगेगा।
प्रश्न 11: ध्वनि तरंगों के परावर्तन के दो व्यावहारिक उपयोग लीखिए।
उत्तर 11: ध्वनि तरंगों के परावर्तन के दो व्यावहारिक उपयोग निम्नलिखित हैं:
सोनार: यह समुद्र में नौवहन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक तकनीक है। जहाज़ों या पनडुब्बियों द्वारा भेजी गई ध्वनि तरंगें पानी में किसी वस्तु से टकराकर परावर्तित होती हैं, और वापसी पर इसका उपयोग दूरी और दिशा का पता लगाने के लिए किया जाता है।
इकोलोकेशन: यह प्रक्रिया बैट्स, डॉल्फिन और कुछ अन्य जानवरों द्वारा इस्तेमाल की जाती है। वे ध्वनि तरंगों को उत्पन्न करते हैं, और जब ये तरंगें किसी वस्तु से टकराकर वापस लौटती हैं (परावर्तित होती हैं), तो वे इसका उपयोग अपनी स्थिति और आसपास के वातावरण का आकलन करने के लिए करते हैं।
प्रश्न 12: 500 मीटर ऊँची किसी मीनार की चोटी से एक पत्थर मीनार के आधार पर स्थित एक पानी के तालाब में गिराया जाता है। पानी में इसके गिरने की ध्वनि चोटी पर कब सुनाई देगी? (g = 10 m s−2 तथा ध्वनि की चाल = 340 m s−1)
उत्तर 12: 1. पत्थर का गिरने का समय:
पत्थर गिरने का समय निकालने के लिए हम निम्नलिखित सूत्र का उपयोग करेंगे:
\(h = \frac{1}{2} g t^2\)
जहाँ:
- h = 500m (ऊँचाई),
- g = 10m/s2 (गुरुत्वाकर्षण की त्वरित दर),
- t = पत्थर का गिरने का समय।
\(500 = \frac{1}{2} \times 10 \times t^2\)
\(t^2 = \frac{500 \times 2}{10} = 100\)
\(t = \sqrt{100} = 10 \, \text{सेकंड}\)
इसलिए, पत्थर के गिरने में 10 सेकंड लगेंगे।
- ध्वनि का तालाब से मीनार की चोटी तक पहुँचने का समय:
अब, ध्वनि की गति 340m/s दी गई है। ध्वनि को 500 मीटर की दूरी तय करने में समय होगा:
\(t_{\text{ध्वनि}} = \frac{\text{दूरी}}{\text{गति}} = \frac{500}{340} \approx 1.47 \, \text{सेकंड}\)
अब, कुल समय होगा:
कुल समय = पत्थर का गिरने का समय+ध्वनि का समय
कुल समय = 10+1.47 = 11.47 सेकंड
पानी में पत्थर के गिरने की ध्वनि मीनार की चोटी पर लगभग 11.47 सेकंड में सुनाई देगी।
प्रश्न 13: एक ध्वनि तरंग 339 ms-1 की चाल से चलती है। यदि इसकी तरंगदैर्ध्य 1.5 cm हो, तो तरंग की आवृत्ति कितनी होगी? क्या ये श्रव्य होंगी?
उत्तर 13: ध्वनि की चाल, v = 339 ms-1
ध्वनि की तरंगदैर्ध्य, λ = 1.5 cm = 0.015 m
ध्वनि की चाल, v = तरंगदैर्ध्य × आवृत्ति = λ × v
∴ v= v/λ = 339/0.015 = 22600 Hz
मनुष्य में ध्वनि की श्रव्यता की आवृत्तियों का औसत परास 20 Hz से 20 kHz तक होता है। चूँकि दी गई ध्वनि की आवृत्ति 20,000 Hz से अधिक है, इसलिए वे श्रव्य नहीं होंगी।
प्रश्न 14: अनुरणन क्या है? इसे कैसे कम किया जा सकता है?
उत्तर 14: किसी बड़े हॉल में उत्पन्न ध्वनि के बारंबार परावर्तन जिसके कारण ध्वनि निर्बंध होता है, अनुरणन कहलाता है।
अनुरणन को सभा भवन की छतों तथा दीवारों पर ध्वनि अवशोषक पदार्थों जैसे संपीडित फाइबर बोर्ड, खुरदरे प्लास्टर अथवा पर्दे लगाकर कम किया जा सकता है।
प्रश्न 15: ध्वनि की प्रबलता से क्या अभिप्राय है? यह किन-किन कारकों पर निर्भर करती है?
उत्तर 15: ध्वनि की तीव्रता के प्रति कान की शारीरिक प्रतिक्रिया को प्रबलता कहते हैं। ध्वनि की प्रबलता उस ध्वनि को उत्पन्न करने वाले कंपन के आयाम पर निर्भर करती है। कंपन का आयाम जितना अधिक होगा, ध्वनि उतनी ही तेज़ होगी। वस्तु को कंपन करने वाला बल ध्वनि की प्रबलता निर्धारित करता है। ध्वनि की प्रबलता कंपन करने वाली हवा की मात्रा पर भी निर्भर करती है।
प्रश्न 16: वस्तुओं को साफ़ करने के लिए पराध्वनि का उपयोग कैसे करते हैं?
उत्तर 16: अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल आम तौर पर उन जगहों को साफ करने के लिए किया जाता है, जहां पहुंचना मुश्किल होता है, जैसे कि सर्पिल ट्यूब, अजीबोगरीब आकार के हिस्से, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आदि। साफ की जाने वाली वस्तुओं को एक सफाई घोल में रखा जाता है, और अल्ट्रासोनिक तरंगों को घोल में भेजा जाता है। उच्च आवृत्ति के कारण, धूल, तेल और गंदगी के कण अलग हो जाते हैं और बाहर गिर जाते हैं। इस प्रकार वस्तुएं अच्छी तरह से साफ हो जाती हैं।
प्रश्न 17: किसी धातु के ब्लॉक में दोषों का पता लगाने के लिए पराध्वनि का उपयोग कैसे किया जाता है वर्णन कीजिए।
उत्तर 17: पराध्वनि का उपयोग धातु के ब्लॉकों में दरारों तथा अन्य दोषों का पता लगाने के लिए किया जाता है। पराध्वनि तरंगें धातु के ब्लॉक से गुजारी जाती हैं तथा प्रेषित तरंगों का पता लगाने के लिए संसूचकों का उपयोग किया जाता है। यदि थोड़ा-सा भी दोष होता है, तो पराध्वनि तरंगें परावर्तित हो जाती हैं जो दोष की उपस्थिति को दर्शाती है।