Class 9 science chapter 5 question answer in hindi जीवन की मौलिक इकाई

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कक्षा 9 विज्ञान पाठ 5 के प्रश्न उत्तर: जीवन की मौलिक इकाई के प्रश्न उत्तर

TextbookNcert
ClassClass 9
Subjectविज्ञान
ChapterChapter 5
Chapter Nameजीवन की मौलिक इकाई class 9 question answer
CategoryNcert Solutions
MediumHindi

क्या आप Class 9 Science chapter 5 question answer in hindi ढूंढ रहे हैं? अब आप यहां से जीवन की मौलिक इकाई के प्रश्न उत्तर Download कर सकते हैं।

पाठ्य प्रश्न [Pages 56 ]

प्रश्न 1: कोशिका की खोज किसने और और कैसे की? 

उत्तर 1: कोशिका की खोज रॉबर्ट हूक ने 1665 में की थी। उन्होंने कॉर्क (पेड़ की छाल) के एक पतले टुकड़े को माइक्रोस्कोप से देखा और उसमें छोटे-छोटे कमरे जैसे खांचे पाए, जिन्हें उन्होंने “Cell” (कोशिका) नाम दिया। ये कोशिकाएँ असल में मृत कोशिकाएँ थीं।

प्रश्न 2: कोशिका को जीवन की संरचनात्मक व क्रियात्मक इकाई क्यों कहते हैं?

उत्तर 2: कोशिका को जीवन की संरचनात्मक व क्रियात्मक इकाई कहते हैं क्योंकि सभी सजीव कोशिका से बने होते हैं तथा उनके शरीर में होने वाली क्रियाओं का संचालन कोशिकाओं द्वारा होता है|

पाठ्य प्रश्न [Pages 58 ]

प्रश्न 1: CO2 तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका से कैसे अंदर तथा बाहर जाते हैं? इस पर चर्चा करें।

उत्तर 1: उच्च सांद्रता से निम्न सांद्रता की ओर विसरण द्वारा CO2 तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका से अंदर तथा बाहर जाते हैं| जब कोशिका में CO2 तथा पानी की सांद्रता कोशिका की तुलना में बाह्य वातावरण में उच्च होती है तो ये बाहर निकल जाते हैं और जब बाह्य वातावरण में इनकी सांद्रता कम होती है तो ये कोशिका के अंदर चले जाते हैं|

प्रश्न 2: प्लैज्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते हैं?

उत्तर 2: कोशिका झिल्ली या प्लैज्मा झिल्ली को चुनिंदा पारगम्य झिल्ली के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह कोशिका के अंदर और बाहर पदार्थों की आवाजाही को नियंत्रित करती है। इसका मतलब है कि प्लैज्मा झिल्ली केवल कुछ पदार्थों के प्रवेश की अनुमति देती है और यह अन्य पदार्थों की गति को भी रोकती हैं।

पाठ्य प्रश्न [Pages 60 ]

प्रश्न 1: क्या अब आप निम्नलिखित तालिका में दिए गए रिक्त स्थानों को भर सकते हैं, जिससे कि प्रोकैरियोटी तथा यूकैरियोटी कोशिकाओं में अंतर स्पष्ट हो सके:

प्रोकैरियोटी कोशिका यूकैरियोटी कोशिका
1.आकार प्रायः छोटा (1 − 10 µm) 1 µm = 10-6 m1.आकार प्रायः बड़ा (5 – 100 µm)
2.केंद्रकीय क्षेत्र:
____________
____________
और उसे ______ कहते हैं।
2.केंद्रकीय क्षेत्र: सुस्पष्ट जो चारों ओर से केंद्रकीय झिल्ली से घिरा रहता है।
3.क्रोमोसोम: एक3.क्रोमोसोम: एक से अधिक
4.झिल्ली युक्त कोशिका अंगक अनुपस्थित4.____________
____________

उत्तर 1:

प्रोकैरियोटी कोशिका यूकैरियोटी कोशिका
1.आकार प्रायः छोटा (1 − 10µm) 1µm = 10-6 m1.आकार प्रायः बड़ा (5 − 100µm)
2.केंद्रकीय क्षेत्र:
स्पष्ट नहीं है और उसे केंद्रकाय कहते है।
2.केंद्रकीय क्षेत्र: सुस्पष्ट जो चारों ओर से केंद्रकीय झिल्ली से घिरा रहता है।
3.क्रोमोसोम: एक3.क्रोमोसोम: एक से अधिक
4.झिल्ली युक्त कोशिका अंगक अनुपस्थित4.झिल्ली से बंधे कोशिकांग जैसे माइटोकॉन्ड्रिया, लाइसोसोम, एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम, गोल्गी कॉम्प्लेक्स आदि उपस्थित होते हैं।

पाठ्य प्रश्न [Pages 63 ]

प्रश्न 1: क्या आप दो ऐसे अंगकों का नाम बता सकते हैं, जिनमें अपना आनुवंशिक पदार्थ होता हैं?

उत्तर 1: ऐसे दो अंगकों के नाम हैं-

माइटोकॉन्ड्रिया।
प्लैस्टिड इनमें इनके अपने आनुवंशिक पदार्थ DNA होते हैं।

प्रश्न 2: यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक अथवा रासायनिक प्रभाव के कारण नष्ट हो जाता है, तो क्या होगा?

उत्तर 2: कोशिका जीवन की सबसे छोटी इकाई है, जो सभी जीवित कार्यों को करने में सक्षम है। यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक अथवा रासायनिक प्रभाव के कारण नष्ट हो जाता है तो कोशिक श्वसन, व्यर्थ पदर्थों को साफ़ करना, नए प्रोटीन बनाना, पोषण प्राप्त करना आदि कार्य करने में असमर्थ हो जाते हैं तथा अंतत: कोशिका मृत हो जाती है और इसे लाइसोसोम पाचित कर देता है।

प्रश्न 3: लाइसोसोम को आत्मघाती थैली क्यों कहते है?

उत्तर 3: कोशिकीय चयापचय में व्यवधान के कारण जब कोशिका क्षतिग्रस्त या मृत हो जाती है, तो लाइसोसोम फट जाते हैं और एंजाइम अपनी ही कोशिकाओं को पाचित करते हैं, इसलिए इन्हें कोशिका की आत्मघाती थैली कहते हैं।

प्रश्न 4: कोशिका के अंदर प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है?

उत्तर 4: कोशिका के अंदर प्रोटीन का संश्लेषण राइबोसोम पर होता है।

यह भी देखें ✯ कक्षा 9

अभ्यास

प्रश्न 1: पादप कोशिकाओं तथा जंतु कोशिकाओं में तुलना करो।

उत्तर 1:

विशेषताएँपादप कोशिकाजंतु कोशिका
1. कोशिका भित्तिउपस्थित (सेलूलोज की बनी होती है)अनुपस्थित
2. क्लोरोप्लास्टउपस्थित (प्रकाश संश्लेषण हेतु)अनुपस्थित
3. केन्द्रीय रिक्तिकायबड़ी और केन्द्रीयछोटी और अनेक
4. आकारसामान्यतः स्थायी व कोणीयअनियमित या गोलाकार
5. लायसोसोमकम या अनुपस्थितअधिक मात्रा में उपस्थित
6. केन्द्रक स्थितिकिनारे की ओरकेन्द्र में

प्रश्न 2: प्रोकैरियोटी कोशिकाएँ यूकैरियोटी कोशिकाओं से किस प्रकार भिन्न होती हैं?

उत्तर 2: प्रोकैरियोटी कोशिकाएँ और यूकैरियोटी कोशिकाओं में भिन्नता:

विशेषताएँप्रोकैरियोटी कोशिकायूकैरियोटी कोशिका
1. केन्द्रक (न्यूक्लियस)स्पष्ट केन्द्रक नहीं होतास्पष्ट केन्द्रक झिल्ली सहित होता है
2. डीएनए का स्थानसाइटोप्लाज्म में मुक्त होता हैकेन्द्रक के अंदर होता है
3. अंगक (ऑर्गेनेल्स)झिल्ली-बद्ध अंगक अनुपस्थितझिल्ली-बद्ध अंगक (जैसे माइटोकॉन्ड्रिया, ईआर) उपस्थित
4. आकारसामान्यतः छोटे होते हैं (1-10 माइक्रोन)अपेक्षाकृत बड़े होते हैं (10-100 माइक्रोन)
5. उदाहरणबैक्टीरिया, आर्कीबैक्टीरियापादप, जंतु, कवक, प्रोटिस्ट

प्रश्न 3: यदि प्लैज्मा झिल्ली फट जाए अथवा टूट जाए तो क्या होगा?

उत्तर 3: प्लैज्मा झिल्ली प्रोटोप्लाज्म के लिए एक यांत्रिक अवरोध के रूप में कार्य करती है जो कोशिका की पहचान को बनाए रखते हुए कोशिका के अंदर और बाहर पदार्थों के परिवहन को नियंत्रित करती है। प्लैज्मा झिल्ली के फटने की स्थिति में, प्रोटोप्लाज्मिक सामग्री आसपास के माध्यम में फैल जाएगी और इस प्रकार कोशिका विघटित हो जाएगी।

प्रश्न 4: यदि गॉल्जी उपकरण न हो तो कोशिका के जीवन में क्या होगा?

उत्तर 4: गॉल्जी उपकरण में अंतर्द्रव्यी जालिका में संश्लेषित पदार्थ पैक किए जाते हैं और उन्हें कोशिका के बाहर तथा अंदर विभिन्न क्षेत्रों में भेज दिया जाता है। यदि गॉल्जी उपकरण न हो तो कोशिका द्वारा संश्लेषित पदार्थों का संचयन, रूपांतरण तथा पैकेजिंग नहीं होगा।

प्रश्न 5: कोशिका का कौन-सा अंगक बिजलीघर है? और क्यों? 

उत्तर 5: माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का बिजलीघर कहा जाता है क्योंकि जीवन के लिए आवश्यक विभिन्न रासायनिक क्रियाओं को करने के लिए यह ATP (ऐडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट) के रूप में ऊर्जा प्रदान करते हैं।

प्रश्न 6: कोशिका झिल्ली को बनाने वाले लिपिड तथा प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है?

उत्तर 6: कोशिका झिल्ली को बनाने वाले लिपिड और प्रोटीन का संश्लेषण निम्न स्थानों पर होता है:

  • लिपिड का संश्लेषण – मसृण एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (Smooth ER) में होता है।
  • प्रोटीन का संश्लेषण – कणिकायुक्त एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (Rough ER) में राइबोसोम की सहायता से होता है।

प्रश्न 7: अमीबा अपना भोजन कैसे प्राप्त करता है?

उत्तर 7: अमीबा भोजन कणों को कोशिका सतह पर बने अस्थायी प्रवर्ध (कूटपादों) से घेर लेता है, फिर कूटपादों के एक दुसरे से मिल जाने से भोजन का कुछ कण कुछ तरल के साथ खाद्य रसधानी के रूप में कोशारस में पहुँच जाता है। अपाच्य भाग चलनक्रिया के बीच क्रमशः शरीर के पिछले भाग में पहुँचता है और फिर उसका परित्याग हो जाता है।

प्रश्न 8: परासरण क्या है?

उत्तर 8: “जल का अर्द्ध-पारगम्य झिल्ली के पार कम सान्द्रता से अधिक सान्द्रता की ओर जाना परासरण कहलाता है।”

प्रश्न 9: निम्नलिखित परासरण प्रयोग करें:
छिले हुए आधे-आधे आलू के चार टुकड़े लो, इन चारों को खोखला करें जिससे कि आलू के कप बन जाएँ। इनमें से एक कप को उबले आलू में बनाना है। आलू के प्रत्येक कप को जल वाले बर्तन में रखो। अब
कप ‘A’ को खाली रखो,
कप ‘B’ में एक चम्मच चीनी डालो,
कप ‘C’ में एक चम्मच नमक डालो तथा
उबले आलू से बनाए गए कप ‘D’ में एक चम्मच चीनी डालो।
आलू के इन चारों कपों को दो घंटे तक रखने के पश्चात् उनका अवलोकन करो तथा निम्न प्रश्नों के उत्तर दो:
‘B’ तथा ‘C’ के खाली भाग में जल क्यों एकत्र हो गया? इसका वर्णन करो।
‘A’ आलू इस प्रयोग के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
‘A’ तथा ‘D’ आलू के खाली भाग में जल एकत्र क्यों नहीं हुआ? इसका वर्णन करो।

उत्तर 9: 1. ‘B’ तथा ‘C’ के खाली भाग में जल क्यों एकत्र हो गया? इसका वर्णन करो:

उत्तर: ‘B’ (चीनी) और ‘C’ (नमक) के कपों में उच्च सान्द्रता वाले घोल बने। आलू की कोशिकाओं में अर्द्ध-पारगम्य झिल्ली होती है। जल परासरण के कारण बाहर के जल वाले बर्तन से होकर आलू की कोशिकाओं के माध्यम से उस स्थान की ओर गया जहाँ सान्द्रता अधिक थी (चीनी/नमक)। इस कारण ‘B’ और ‘C’ के कपों में पानी जमा हो गया।

2. ‘A’ आलू इस प्रयोग के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर: ‘A’ आलू को खाली रखा गया था यानी उसमें कोई सान्द्र पदार्थ नहीं डाला गया। यह नियंत्रित प्रयोग के रूप में कार्य करता है ताकि यह दिखाया जा सके कि बिना किसी सान्द्रता के बदलाव के, जल का कोई परासरण नहीं होता। इससे बाकी कपों के परिणामों की तुलना की जा सकती है।

3. ‘A’ तथा ‘D’ आलू के खाली भाग में जल एकत्र क्यों नहीं हुआ? इसका वर्णन करो:

उत्तर: ‘A’ में कोई सान्द्र पदार्थ नहीं था, इसलिए बाहर से जल के अंदर आने के लिए कोई सान्द्रता प्रवाह नहीं बना। ‘D’ में चीनी तो थी, पर वह उबले हुए आलू से बना था। उबालने के कारण उसकी कोशिकाएँ और अर्द्ध-पारगम्य झिल्ली नष्ट हो चुकी थी, जिससे परासरण नहीं हो सका।

इसलिए दोनों ही कपों में जल एकत्र नहीं हुआ।

प्रश्न 10: कायिक वृद्धि एवं मरम्मत हेतु किस प्रकार के कोशिका विभाजन की आवश्यकता होती है तथा इसका औचित्य बताएं?

उत्तर 10: माइटोसिस का उपयोग शरीर की वृद्धि और मरम्मत के लिए किया जाता है और यह एक दूसरे और मूल कोशिका के समान द्विगुणित कोशिकाओं का उत्पादन करता है। अर्धसूत्रीविभाजन का उपयोग यौन प्रजनन के लिए किया जाता है, और अगुणित कोशिकाएँ एक दूसरे और मूल कोशिका से भिन्न होती हैं। इस प्रकार, अर्धसूत्रीविभाजन के परिणामस्वरूप युग्मक बनते हैं।

यह भी देखें ✯ कक्षा 9

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