कक्षा 9 विज्ञान पाठ 9 के प्रश्न उत्तर: गुरुत्वाकर्षण के प्रश्न उत्तर
Textbook | Ncert |
Class | Class 9 |
Subject | विज्ञान |
Chapter | Chapter 9 |
Chapter Name | गुरुत्वाकर्षण class 9 question answer |
Category | Ncert Solutions |
Medium | Hindi |
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पाठ्य प्रश्न [Pages 115 ]
प्रश्न 1: गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम बताइए।
उत्तर 1: गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम इस प्रकार है: “ब्रह्मांड के प्रत्येक कण एक-दूसरे को एक बल के द्वारा आकृष्ट करते हैं, जो बल उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।”
गणितीय रूप में:
\(F = \frac{G \cdot M \cdot m}{R^2}\)
जहाँ:
- ( F ) = गुरुत्वाकर्षण बल
- ( G ) = सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक
- ( M ) = पृथ्वी का द्रव्यमान
- ( m ) = वस्तु का द्रव्यमान
- ( R ) = पृथ्वी की त्रिज्या
प्रश्न 2: पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।
उत्तर 2: मान लीजिए, कि ME पृथ्वी का द्रव्यमान है और m इसकी सतह पर स्थित किसी वस्तु का द्रव्यमान है। यदि R पृथ्वी की त्रिज्या है, तो गुरुत्वाकर्षण के सार्वभौमिक नियम के अनुसार, पृथ्वी और वस्तु के बीच कार्यरत गुरुत्वाकर्षण बल (F) निम्न संबंध द्वारा दिया जाता है:
गुरुत्वाकर्षण बल = \(F = \frac{G \cdot M \cdot m}{R^2}\)
- M = पृथ्वी का द्रव्यमान
- m = वस्तु का द्रव्यमान
- r = पृथ्वी तथा वस्तु के बीच दुरी
- G = आनुपातिक स्थिरांक
पाठ्य प्रश्न [Pages 117 ]
प्रश्न 1: मुक्त पतन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर 1: पृथ्वी का गुरुत्वीय बल वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। जब किसी वस्तु को एक निश्चित ऊँचाई से गिराया जाता है, तो वह गुरुत्वाकर्षण बल के कारण पृथ्वी की सतह के ओर गिरने लगता है। वस्तु में इस प्रकार की गति को मुक्त पतन कहते हैं।
प्रश्न 2: गुरुत्वीय त्वरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर 2: जब कोई वस्तु किसी ऊँचाई से ज़मीन की ओर गिरती है, तो गिरने के दौरान उसका वेग बदल जाता है। यह बदलता हुआ वेग वस्तु में त्वरण उत्पन्न करता है। इस त्वरण को गुरुत्वाकर्षण के कारण त्वरण कहते हैं। इसका मान 9.8 m/s2 है।
पाठ्य प्रश्न [Pages 119 ]
प्रश्न 1: किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अंतर है?
उत्तर 1:
द्रव्यमान (Mass) | भार (Weight) |
---|---|
यह वस्तु में मौजूद पदार्थ की मात्रा को दर्शाता है। | यह गुरुत्वाकर्षण बल है जो किसी वस्तु पर कार्य करता है। |
यह एक मूलभूत राशि है। | यह बल की एक व्युत्पन्न राशि है। |
इसका मात्रक किलोग्राम (kg) होता है। | इसका मात्रक न्यूटन (N) होता है। |
यह स्थान (पृथ्वी, चंद्रमा, अंतरिक्ष) बदलने पर नहीं बदलता। | यह स्थान बदलने पर बदल जाता है, क्योंकि गुरुत्वाकर्षण अलग-अलग जगहों पर अलग होता है। |
यह तुला (balance) से मापा जाता है। | यह स्प्रिंग संतुलन (spring balance) से मापा जाता है। |
द्रव्यमान हमेशा धनात्मक होता है। | भार का मान शून्य भी हो सकता है (जैसे अंतरिक्ष में)। |
प्रश्न 2: किसी वस्तु का चद्रंमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का 1/6 गुणा क्यों होता है?
उत्तर 2: चंद्रमा का द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 1/81 है और उसकी त्रिज्या पृथ्वी की त्रिज्या का लगभग 1/4 है। परिणामस्वरूप, पृथ्वी की तुलना में चंद्रमा पर गुरुत्वाकर्षण बल 1/6 होता है। यही कारण है कि किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का 1/6 गुणा होता है।
पाठ्य प्रश्न [Pages 122 ]
प्रश्न 1: एक पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है, क्यों?
उत्तर 1: एक पतली तथा मजबूर डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है, क्योंकि कंधों पर अधिक दबाव पड़ता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दबाव उस सतह क्षेत्र पर विपरीत रूप से आनुपातिक होता है, जिस पर बल कार्य करता है। सतह क्षेत्र जितना छोटा होता है, उस पर उतना ही अधिक दाब पड़ेगा। पतले पट्टी के कारण संपर्क सतह क्षेत्र बहुत छोटा होता है। इसके कारण कंधे पर लगने वाला दाब बहुत अधिक होता है।
प्रश्न 2: उत्प्लावकता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर 2: किसी तरल पदार्थ में डूबी हुई वस्तु पर ऊपर की ओर लगाया जाने वाला बल उत्प्लावकता कहलाता है। जब आप किसी वस्तु को पानी में डुबाने की कोशिश करते हैं, तो आप वस्तु पर ऊपर की ओर लगाया जाने वाला बल महसूस कर सकते हैं, जो वस्तु को पानी में गहराई तक धकेलने पर बढ़ता जाता है।
प्रश्न 3: पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या डूबती है?
उत्तर 3: जब कोई वस्तु पानी की सतह पर रखी जाती है, तो उस पर दो बल कार्य करते हैं—गुरुत्वाकर्षण बल (नीचे की ओर) और अपवर्तन बल (ऊपर की ओर)। यदि वस्तु का भार अपवर्तन बल से कम होता है, तो वस्तु तैरती है। लेकिन यदि वस्तु का भार अपवर्तन बल से अधिक होता है, तो वह डूब जाती है। अपवर्तन बल उस तरल द्वारा विस्थापित आयतन पर निर्भर करता है, जिसे आर्किमिडीज का सिद्धांत कहा जाता है।
पाठ्य प्रश्न [Pages 124 ]
प्रश्न 1: एक तुला (Weighing machine) पर आप अपना द्रव्यमान 42 kg नोट करते हैं। क्या आपका द्रव्यमान 42 kg से अधिक है या कम?
उत्तर 1: जब हम अपने शरीर का वजन करते हैं, तो ऊपर की दिशा में एक बल कार्य करता है। ऊपर की दिशा में लगा यह बल उत्प्लावन बल कहलाता है। परिणामस्वरूप, शरीर ऊपर की दिशा में धकेली जाती है, जिसके कारण तुला पर वास्तविक वजन से कम वजन नोट किया जाता है।
प्रश्न 2: आपके पास एक रुई का बोरा तथा एक लोहे की छड़ है। तुला पर मापने पर दोनों 100 kg द्रव्यमान दर्शाते हैं। वास्तविकता में एक-दूसरे से भारी है। क्या आप बता सकते हैं कि कौन-सा भारी है और क्यों?
उत्तर 2: रुई का बोरा लोहे की छड़ से भारी होती है क्योंकि रुई का बोरा का सतही क्षेत्रफल लोहे की छड़ से बड़ा होता है। इसलिए, लोहे की छड़ की तुलना में बोरे पर अधिक उत्प्लावकता बल कार्य करता है, जिससे कपास की बोरे अपने वास्तविक मान से अधिक भारी हो जाती है।
इस कारण से, लोहे की छड़ और रुई का बोरा वजन तौलने वाली मशीन पर समान द्रव्यमान दिखाती है, लेकिन रुई के बोरे का द्रव्यमान लोहे की छड़ से अधिक होता है। वास्तविक वजन = मापा गया वजन + उत्प्लावकता बल
अभ्यास
प्रश्न 1: यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार बदलेगा?
उत्तर 1: गुरुत्वाकर्षण बल का सूत्र है:
\(F = \frac{G m_1 m_2}{r^2}\)
जहाँ ( r ) = दो वस्तुओं के बीच की दूरी है।
यदि दूरी को आधा कर दिया जाए, यानी \( r \rightarrow \frac{r}{2} \), तो नया बल होगा:
\(F’ = \frac{G m_1 m_2}{\left(\frac{r}{2}\right)^2} = \frac{G m_1 m_2}{\frac{r^2}{4}} = 4 \times \frac{G m_1 m_2}{r^2} = 4F\)
यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए, तो उनके बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल 4 गुना बढ़ जाएगा।
प्रश्न 2: सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है। फिर भी एक भारी वस्तु हलकी वस्तु के मुकाबले तेज़ी से क्यों नहीं गिरती?
उत्तर 2: गुरुत्वाकर्षण बल सभी वस्तुओं पर उनके द्रव्यमान के अनुपात में कार्य करता है। लेकिन एक भारी वस्तु एक हल्की वस्तु की तुलना में तेज़ी से नहीं गिरती। ऐसा इसलिए है, क्योंकि
त्वरण = \(\frac{बल}{द्रव्यमान}\)
या बल = त्वरण × द्रव्यमान
चूँकि बल द्रव्यमान के समानुपाती होता है, इसलिए किसी भी द्रव्यमान वाले पिंड के लिए त्वरण स्थिर रहता है।
प्रश्न 3: पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी 1 kg की वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल का परिणाम क्या होगा? (पृथ्वी का द्रव्यमान 6 ×1024 kg है तथा पृथ्वी की त्रिज्या 6.4 × 106 m है)।
उत्तर 3: गुरुत्वीय बल का सूत्र है:
\(F = \frac{G M m}{R^2}\)
जहाँ:
- \( G = 6.674 \times 10^{-11} \, Nm^2/kg^2 \) (गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक)
- M = 6 ×1024 kg (पृथ्वी का द्रव्यमान)
- m = 1 kg (वस्तु का द्रव्यमान)
- R = 6.4 × 106 (पृथ्वी की त्रिज्या)
अब इसमें मान डालते हैं:
\(F = \frac{(6.674 \times 10^{-11}) \times (6 \times 10^{24}) \times 1}{(6.4 \times 10^6)^2}\)
पहले हर हिस्से को हल करें:
- (6.4×106)2 = 40.96×1012
- (6.674×10−11)×(6×1024) = 40.044×1013
अब,
\(F = \frac{40.044 \times 10^{13}}{40.96 \times 10^{12}} \approx 9.78 \, N\)
पृथ्वी और 1 kg की वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल लगभग 9.8 न्यूटन (N) होगा।
प्रश्न 4: पृथ्वी तथा चंद्रमा एक-दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। क्या पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है वह बल, उस बल से जिससे चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है बड़ा है या छोटा है या बराबर है? बताइए क्यों?
उत्तर 4: गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार, दो वस्तुएँ एक दूसरे को समान बल से, लेकिन विपरीत दिशाओं में आकर्षित करती हैं। पृथ्वी चंद्रमा को उसी बल से आकर्षित करती है, जिस बल से चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है।
प्रश्न 5: यदि चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है, तो पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति क्यों नहीं करती?
उत्तर 5: पृथ्वी और चंद्रमा एक-दूसरे को समान गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। जबकि पृथ्वी का द्रव्यमान चंद्रमा के द्रव्यमान से बहुत अधिक है। इसलिए यह पृथ्वी की ओर चंद्रमा के त्वरण दर से कम दर पर त्वरित होता है। यही कारण है कि पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति नहीं करती।
प्रश्न 6: दो वस्तुओं के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का क्या होगा, यदि
(i) एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुना कर दिया जाए?
(ii) वस्तुओं के बीच की दूरी दोगुनी अथवा तीन गुनी कर दी जाए?
(iii) दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने कर दिए जाएँ?
उत्तर 6: गुरुत्वाकर्षण बल का सूत्र है:
\(F = \frac{G m_1 m_2}{r^2}\)
(i) यदि एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुना कर दिया जाए:
मान लो m1 को 2m1 कर दिया गया:
\(F’ = \frac{G (2m_1) m_2}{r^2} = 2 \times \frac{G m_1 m_2}{r^2} = 2F\)
गुरुत्वाकर्षण बल दोगुना हो जाएगा।
(ii) यदि दूरी दोगुनी या तीन गुनी कर दी जाए:
- जब दूरी दोगुनी हो:
\(F’ = \frac{G m_1 m_2}{(2r)^2} = \frac{G m_1 m_2}{4r^2} = \frac{F}{4}\)
बल एक चौथाई रह जाएगा।
- जब दूरी तीन गुनी हो:
\(F’ = \frac{G m_1 m_2}{(3r)^2} = \frac{G m_1 m_2}{9r^2} = \frac{F}{9}\)
बल एक नवमांश (1/9) रह जाएगा।
(iii) यदि दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने कर दिए जाएँ:
\(F’ = \frac{G (2m_1)(2m_2)}{r^2} = \frac{4G m_1 m_2}{r^2} = 4F\)
गुरुत्वाकर्षण बल चार गुना हो जाएगा।
प्रश्न 7: गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्व हैं?
उत्तर 7: गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के महत्व निम्नलिखित हैं।
इस नियम के माध्यम से हम पृथ्वी, सूर्य आदि का द्रव्यमान ज्ञात कर सकते हैं।
इस नियम का प्रयोग करके ग्रहों और अन्य पिंडो के बीच की दूरी पता लगाई जाती है।
इसी बल के कारण पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की गति होती है।
इस नियम से चंद्रमा तथा सूर्य के कारण समुद्र में ज्वार भाटा आता है इसे समझा जाता है।
प्रश्न 8: मुक्त पतन का त्वरण क्या है?
उत्तर 8: जब कोई वस्तु पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव के कारण नीचे गिरता है, तो उसमे मुक्त पतन का त्वरण उत्पन्न होता है। इसे ‘g’ द्वारा निर्दिष्ट करते हैं, जिसका मान पृथ्वी के सतह पर 9.8 m/s-2 होता है।
प्रश्न 9: पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम क्या कहेंगे?
उत्तर 9: पृथ्वी और किसी वस्तु के बीच गुरुत्वाकर्षण बल को वस्तु का भार कहा जाता है।
प्रश्न 10: एक व्यक्ति A अपने एक मित्र के निर्देश पर ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदता है। वह इस सोने को विषुवत वृत्त पर अपने मित्र को देता है। क्या उसका मित्र खरीदे हुए सोने के भार से संतुष्ट होगा? यदि नहीं, तो क्यों? (संकेत: ध्रुवों पर g का मान विषुवत वृत्त की अपेक्षा अधिक है।)
उत्तर 10: उसका मित्र उसके द्वारा खरीदे गए सोने के वजन से संतुष्ट नहीं होगा क्योंकि सोने का वजन पहले से कम होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि गुरुत्वाकर्षण त्वरण g का मान ध्रुवों पर अधिक और भूमध्य रेखा पर कम होता है, जिसके कारण किसी वस्तु का भार ध्रुवों पर अधिक और भूमध्य रेखा पर कम होगा।
प्रश्न 11: एक कागज की शीट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है?
उत्तर 11: जब एक कागज की शीट को मरोड़कर गेंद बनाया जाता है तो इसका घनत्व बढ़ जाता है। इसलिए गिरते हुए गतिशील गेंद पर लगने वाला वायु का प्रतिरोध कम होता है और कागज की शीट से जल्दी नीचे गिरता है।
प्रश्न 12: चंद्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल, पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल की अपेक्षा 1/6 गुणा है। एक 10 kg की वस्तु का चंद्रमा पर तथा पृथ्वी पर न्यूटन में भार क्या होगा?
उत्तर 12: वस्तु का द्रव्यमान = 10 kg
हम जानते हैं कि पृथ्वी पर किसी वस्तु का भार (W) = mg
= 10 × 9.8 जहाँ g गुरुत्वाकर्षण के कारण त्वरण है।
W = 98N
अत: वस्तु का पृथ्वी पर भार = 98N
चंद्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल = 1/6 × पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल
= 1/6×98 = 16.3N
अतः, चंद्रमा पर दी गई वस्तु का भार 16.3 N है।
प्रश्न 13: एक गेंद ऊर्ध्वाधर दिशा मे ऊपर की ओर 49 m/s के वेग से फेंकी जाती है। परिकलन कीजिए।
अधिकतम ऊँचाई जहाँ तक कि गेंद पहुँचती है।
पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया कुल समय।
उत्तर 13: i. प्रारंभिक वेग = 49m/s
अधिकतम ऊँचाई पर अंतिम वेग = 0
g = −9.8m/s2 चुकि गेंद विपरीत दिशा में जा रही है
माना कि अधिकतम ऊँचाई = h
गति का तीसरा समीकरण
v2 = u2 + 2gh
02 = (49)2 + 2x (−9.8) × h
2401 = 2 × 9.8h
122.5m = h
ii. माना अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने में लगा समय = t
गति का पहला समीकरण
v = u + gt
0 = 49 + (−9.8) × t
49 = 9.8 × t
t = 49/9.8
t = 5s
अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने में लगा समय = 5s
गेंद को वापस पृथ्वी पर पहुँचने में लगने वाला कुल समय 5 + 5 = 10s
प्रश्न 14: 19.6m ऊँची एक मिनार की चोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है। पृथ्वी पर पहुँचने से पहले इसका अंतिम वेग ज्ञात कीजिए।
उत्तर 14: प्रारंभिक वेग, u = 0 m s-1
अंतिम वेग, v =?
मिनार की ऊंचाई, h = 19.6 मीटर
गुरुत्वाकर्षण के कारण त्वरण, g = 9.8 m s-2
समीकरण का उपयोग करते हुए, v2 – u2 = 2gs = 2gh
v2 – 0 = 2 × 9.8 m s-2 × 19.6 m
v2 = 19.6 m s-2 × 19.6 m
v2 = (19.6)2 m2 s-2 या v = 19.6 m s-1
प्रश्न 15: कोई पत्थर ऊर्ध्वाधर दिशा मे ऊपर की ओर 40 m/s के प्रारंभिक वेग से फेंका गया है। g = 10m/s2 लेते हुए ग्राफ की सहायता से पत्थर द्वारा पहुँची अधिकतम ऊँचाई ज्ञात कीजिए। नेट विस्थापन तथा पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी कितनी होगी?
उत्तर 15: प्रारंभिक वेग (u) = 40m/s
g = −10m/s2
अधिकतम ऊंचाई पर अंतिम वेग (v) = 0
गति का तीसरा समीकरण
v2 = u2 + 2gh
0 = 402 + 2 × (−10) × h
1600 = 20h
80m = h
अधिकतम दूरी = 80m
पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी = 80 + 80 = 160m
चूँकि पत्थर ऊपर फेंका गया परन्तु वह वापस आ गया।
अतः कुल विस्थापन = 0
प्रश्न 16: पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल का परिकलन कीजिए। दिया है, पृथ्वी का द्रव्यमान 6 × 1024 kg तथा सूर्य का द्रव्यमान = 2 × 1030 kg। दोनों के बीच औसत दूरी 1.5 × 1011 m है।
उत्तर 16: हम गुरुत्वाकर्षण बल का परिकलन निम्नलिखित सूत्र से करेंगे:
\(F = \frac{G M_1 M_2}{r^2}\)
- पृथ्वी का द्रव्यमान (M) = 6 × 1024 kg
- सूर्य का द्रव्यमान (m) = 2 × 1030 kg
- G सार्वत्रिक नियतांक = 6.67 × 1011 Nm2/kg2
- दोनों के बीच की औसत दूरी r = 1.5 × 1011 m
अब मानों को सूत्र में रखें:
\(F = \frac{(6.674 \times 10^{-11}) \times (6 \times 10^{24}) \times (2 \times 10^{30})}{(1.5 \times 10^{11})^2}\)
पहले हर हिस्से को हल करें:
- गुणज:
(6.674×10−11)×6×2 = 80.088×10−11
और 1024×1030=1054 - तो गुणज हो गया:
- 80.088×1043
- हर (denominator):
\((1.5 \times 10^{11})^2 = 2.25 \times 10^{22}\)
अब पूरा समीकरण:
\(F = \frac{80.088 \times 10^{43}}{2.25 \times 10^{22}} = 35.6 \times 10^{21} = 3.56 \times 10^{22} \, \text{N}\)
पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल = 3.56 × 1022 N
प्रश्न 17: कोई पत्थर 100 m की ऊँची किसी मीनार की चोटी से गिराया गया और उसी समय कोई दूसरा पत्थर 25 m/s के वेग से ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका गया। परिकलन कीजिए कि दोनों पत्थर कब और कहाँ मिलेंगे।
उत्तर 17: पहले पत्थर की दूरी (नीचे की ओर गिरता है):
\(s_1 = u_1 t + \frac{1}{2} g t^2 = 0 + \frac{1}{2} g t^2 = \frac{1}{2} \cdot 9.8 \cdot t^2 = 4.9 t^2\)
- दूसरे पत्थर की दूरी (ऊपर की ओर जाता है):
\(s_2 = u_2 t – \frac{1}{2} g t^2 = 25t – 4.9 t^2\)
अब, दोनों की दूरी का योग = कुल दूरी = 100 m
s1+s2 = 100
4.9t2+(25t−4.9t2) = 100
25t = 100
\(t = \frac{100}{25} = 4 \, \text{seconds}\)
अब स्थान (ऊँचाई) ज्ञात करें — किसी एक का प्रयोग कर लो:
मान लो, हम दूसरे पत्थर की ऊँचाई लेते हैं:
s2 = 25t−4.9t2 = 25×4−4.9×16 = 100−78.4 = 21.6m
- दोनों पत्थर 4 सेकंड में मिलेंगे
- वे भूमि से 21.6 मीटर की ऊँचाई पर मिलेंगे
प्रश्न 18: ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंकी गई एक गेंद 6 s पश्चात् फेंकने वाले के पास लौट आती है| ज्ञात कीजिए
(a) यह किस वेग से ऊपर फेंकी गई;
(b) गेंद द्वारा पहुँची गई अधिकतम ऊँचाई; तथा
(c) 4 s पश्चात् गेंद की स्थिति।
उत्तर 18: a. अंतिम वेग (v) = 0
समय (t) = 6s
g = 10m/s2
गति का पहला समीकरण
v = u + gt
0 = u + (−9.8) × 3 (विपरीत दिशा के कारण ऋणात्मक चिन्ह)
u = 30m/s
अत: गेंद 30m/s वेग से ऊपर फेंकी गई।
b. प्रारंभिक वेग (u) = 30m/s
अंतिम वेग (v) = 0
समय (t) = 3s
गति का दूसरा समीकरण
h = ut + 1/2 gt2
h = 30×3+1/2×(−10)×(3)2
h = 90 − 45 h = 45m
अतः गेंद द्वारा प्राप्त की गई अधिकतम ऊँचाई 45m
c. गेंद 4s पश्चात गेंद की स्थिति 1 सेकंड में नीचे की ओर चली गई दूरी गति का दूसरा समीकरण
h = ut + 1/2 gt2
h = 0×1+1/2×10×(1)2
h = 5m
1 सेकेंड में तय की गई दूरी = 5m
4 सेकेंड में तय की गई दूरी = 45 − 5 = 40 m
अत: 4 सेकेंड के बाद गेंद जमीन से 40m की ऊँचाई पर होगी।
प्रश्न 19: किसी द्रव मे डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है?
उत्तर 19: किसी द्रव में डूबी हुई वस्तु ऊपर की दिशा में उत्प्लावन बल का अनुभव करती है।
प्रश्न 20: पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर क्यों आ जाता है?
उत्तर 20: पानी में डूबी हुई वस्तु पर दो बल काम करते हैं। एक गुरुत्वाकर्षण बल है, जो वस्तु को नीचे की ओर खींचता है और दूसरा उत्प्लावन बल है, जो वस्तु को ऊपर की ओर धकेलता है।
यदि ऊपर की ओर उत्प्लावन बल नीचे की ओर गुरुत्वाकर्षण बल से अधिक है, तो वस्तु को पानी में छोड़ते ही वह पानी की सतह पर आ जाती है। इस कारण से, पानी के नीचे छोड़ा गया प्लास्टिक के गुटके पानी की सतह पर आ जाता है।
प्रश्न 21: 50g के किसी पदार्थ का आयतन 20 cm3 है। यदि पानी का घनत्व 1 gcm−3 हो, तो पदार्थ तैरेगा या डूबेगा?
उत्तर 21: दी गई जानकारी:
- पदार्थ का द्रव्यमान m = 50 g
- पदार्थ का आयतन V = 20 cm3
- पानी का घनत्व ρपानी = 1 g/cm3
पदार्थ का घनत्व:
\(\rho_{पदार्थ} = \frac{m}{V} = \frac{50}{20} = 2.5 \, g/cm^3\)
तुलना:
- ρपदार्थ = 2.5 g/cm3
- ρपानी = 1g/cm3
चूंकि पदार्थ का घनत्व पानी से अधिक है,
पदार्थ डूबेगा। (क्योंकि किसी वस्तु का घनत्व अगर तरल से अधिक होता है, तो वह डूब जाती है।)
प्रश्न 22: 500g के एक मोहरबंद पैकेट का आयतन 350 cm3 है। पैकेट 1 g cm−3 घनत्व वाले पानी में तैरेगा या डूबेगा? इस पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा?
उत्तर 22: दी गई जानकारी:
- पैकेट का द्रव्यमान m = 500g
- पैकेट का आयतन V = 350cm3
- पानी का घनत्व ρपानी = 1 g/cm3
(1) पैकेट तैरेगा या डूबेगा?
पहले पैकेट का घनत्व निकालें:
\(\rho_{पैकेट} = \frac{m}{V} = \frac{500}{350} \approx 1.43 \, g/cm^3\)
चूँकि पैकेट का घनत्व पानी से अधिक है, पैकेट डूबेगा।
(2) विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा?
जब कोई वस्तु पूरी तरह डूब जाती है, तो वह अपने आयतन के बराबर पानी को विस्थापित करती है।
विस्थापित पानी का आयतन = 350cm3
पानी का घनत्व = 1 g/cm3, तो:
विस्थापित पानी का द्रव्यमान = 350×1 = 350g