(कोविड-19) कोरोना वायरस पर निबंध Coronavirus Par Nibandh ( Coronavirus Essay in Hindi )
प्रस्तावना :
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 11 मार्च , 2020 को कोरोना वायरस ( कोविड -19 ) को वैश्विक महामारी घोषित किया , जो वर्तमान की सबसे बड़ी चुनौती है । इसकी उत्पत्ति दिसम्बर , 2019 में चीन के बुहान शहर से हुई इस वायरस का प्रभाव अण्टार्कटिका महाद्वीप को छोड़कर विश्व के सभी महाद्वीपों पर पाया गया है , सम्पूर्ण विश्व इस वायरस से संक्रमित हुआ । यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है , इसलिए सभी स्तरों पर लोग प्रभावित हुए । इतना ही नहीं न्यूयॉर्क , बर्लिन रोम , पेरिस मैड्रिड तथा मुम्बई जैसे महानगर अधिक प्रभावित पाए गए हैं अर्थात् विकासशील देशों की अपेक्षा विकसित देश अधिक प्रभावित हुए । इसे जैविक बार या जैव आतंकवाद भी कहा गया है । यह प्रभाव हमें कुछ सबक सिखाता है , ताकि भविष्य में ऐसी महामारी तथा मानव जीवन की सुरक्षा हेतु हम सजग हो सकें , हालांकि विश्व के सभी देश अपने स्तर पर प्रयासरत हैं ।
वायरस क्या है ?
वायरस अकोशिकीय अतिसूक्ष्म जीव हैं जो केवल जीवित कोशिका में ही वंश वृद्धि कर सकते हैं । ये नाभिकीय अम्ल और प्रोटीन से मिलकर गठित होते हैं , शरीर के बाहर तो ये मृत – समान होते हैं परंतु शरीर के अंदर जीवित हो जाते हैं । ये इतने सूक्ष्म होते हैं कि इन्हें सामान्य आंख से नहीं देखा जा सकता । इन्हें देखने के लिए सूक्ष्मदर्शी की आवश्यकता होती हैं ।
कोरोना वायरस क्या है ?
कोविड 19 , कोरोना वायरस से होने वाली एक संक्रामक बीमारी है , जिसे सार्स एम्यूट श्वसन सिंड्रोम कोरोना वायरस 2 ( SARS – COV – 2 ) के नाम से जाना जाता है । कोबिड- 19 रोग का कारक नोबेल कोरोना वायरस ( SARS COV – 2 ) है जिसकी हाल में खोज की गई । इससे पूर्व यह कभी मनुष्यों में नहीं पाया गया है । चीन के बुहान शहर से शुरू हुई इस बीमारी ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया ।
कोरोना वायरस का कारण
कोरोना वायरस को चमगादड एवं पैंगोलिन की एक प्रजाति से सम्बन्धित माना जाता है । यह रोग खाँसी या छींक आने पर नाक या मुख से निकले तरल पदार्थ की छोटी से छोटी बूंदों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है । यह रोग किसी संक्रमित व्यक्ति के खाँसने या छींकने से हवा में फैलता है । नाक या मुख से निकले तरल पदार्थ बूंदो के रूप में यदि किसी सतह पर टिके रहते हैं तो उस सतह को स्पर्श करने के बाद यदि व्यक्ति अपने मुख या नाक को छूता है तो यह रोग उस व्यक्ति तक पहुंच जाता है ।
कोरोना वायरस कैसे फैलता है ?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ अभी भी इसके बारे में जानने की कोशिश रहे हैं । वर्तमान में , ऐसा अंदाज़ा है कि ये निम्न कारणों से फैल सकता है :-
- किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर उसकी श्वसन की बूंदों से ।
- उन लोगों के बीच जो एक दूसरे के निकट संपर्क में आते हैं ( लगभग 6 फीट के भीतर ) ।
कोरोना वायरस के लक्षण
कोरोना वायरस , मनुष्य में श्वसन तंत्र के संक्रमण से फैलता है , जो मध्यपूर्व श्वसन सिंड्रोम ( MERS ) से अधिक घातक रोग होता है । कोविड- 19 बीमारी के लक्षण 5-14 दिन में स्पष्ट होते हैं । तेज बुखार , कफ और सुखी खाँसी , साँस लेने में समस्या , फ्लू- कोल्ड जैसे लक्षण , डायरिया और उल्टी , सूँघने और स्वाद की क्षमता में कमी , नाक बंद , सिरदर्द , दस्त , त्वचा पर दाने आदि इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं ।
- बुखार
- सर्दी और खासी
- गले में खराश
- शारीर में थकान
- सांस लेने में दिक्कत ( सबसे प्रमुख )
- मांसपेशियों में जकड़न
- लंबे समय तक थकान
कोरोना वायरस का उपचार
कोविड -19 के लिए कोई विशिष्ट उपचार दवाइयाँ या टीके उपलब्ध नहीं हैं । उपचार हेतु सबसे उपयुक्त उपाय- आराम करना , तरल पेय पदार्थ लेना , समय – समय पर स्वस्थ आहार और उचित तथा पर्याप्त नींद लेना है ।
कोरोना से कैसे बचा जा सकता है ? ( बचाव के उपाय )
- सोशल डिस्टेन्सिग और स्वच्छता का पालन करके ही इस वायरस के प्रकोप से बचा जा सकता है ।
- जब भी कहीं बाहर से आए तो तुरन्त हाथों को हैण्ड बॉश करें , साबुन से धोएँ ।
- कोशिश करें कि न तो किसी से हाथ मिलाए और न ही किसी के बहुत नजदीक जाएँ ।
- बाहर निकलने पर उत्तम क्वालिटी का मास्क और हैण्ड ग्लव्स जरूर पहनें ।
- घर में साफ – सफाई का विशेष ध्यान दें ।
- समय – समय पर सैनेटाइजर का उपयोग करें ।
- भीड़ – भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें ।
- खान – पान की वस्तुओं को अच्छे से साफ करके ही खाएँ ।
- गुनगुना पानी पिएँ ।
- लॉकडाउन का पूर्णतया पालन करें ।
- अपने शरीर के तापमान तथा श्वसन लक्षणों की नियमित रूप से जाँच करें ।
कोरोना वायरस कितना खतरनाक है ?
कोरोना उन लोगों के शरीर पर खातक प्रहार करता है जिनकी इम्युनिटी बहुत कमजोर है, ऐसे में आप समझ सकते है वृद्ध लोगों के लिए यह काफी खतरनाक या जानलेवा साबित हो सकता है । युवाओं को इसका खतरा कम है लेकिन अगर कोई युवा संक्रमित है तो उसे घर पर आइशोलेट होना चाहिए. ताकि कोई कमजोर इम्युनिटी वाला इंसान उनके संपर्क में ना आये । वहीं बच्चों के लिए कोरोना काफी खतरानक साबित हुआ है । इसलिए हमेशा COVID के तहत बने नियमो का पालन करें ।
कोरोना वायरस का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
कोरोना महामारी ने सम्पूर्ण विश्व को आर्थिक मन्दी की स्थिति पर ला खड़ा कर दिया । अतः विकास दर आयात – निर्यात संवृद्धि दर , सेवा , खनन आदि क्षेत्रों में भारी गिरावट की सम्भावना । एशियाई विकास बैंक के अनुसार वैश्विक जीडीपी का 4.7 % से 6.4 % तक के नुकसान का अनुमान है वहीं विश्व बैंक के अनुसार 2.4 % , अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार 6.3 % की कमी का अनुमान लगाया गया है । विश्व व्यापार संगठन की बेस लाइन ने भारी गिरावट की सम्भावना व्यक्त की है । इसके प्रभाव से तेल का मूल्य नीचे गिर गया , वैश्विक उद्योग जगत पूरी तरह प्रभावित हुआ है । इससे बेरोजगारी की भी बड़ी समस्या उत्पन्न होगी । अमेरिका जैसे देशों ने बड़े स्तर पर बेरोजगारी भत्ते की घोषणा भी की है । अतः वैश्विक अर्थव्यवस्था बड़े स्तर पर प्रभावित हुई है ।
भारत पर कोरोना वायरस का प्रभाव
कोरोना ने भारतीय अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित किया , हालांकि भारत की विकास दर कोरोना पूर्व से ही कम ऑकी जा रही थी । इस दौरान संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार कोबिड -19 से भारत के व्यापार पर 350 मिलियन डॉलर का प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा । अखिल भारतीय लॉकडाउन से औद्योगिक उत्पादन , घरेलू व्यापार , पर्यटन उद्योग आदि बुरी तरह से प्रभावित हैं अत : बेरोजगारी की दर भी बढ़ गई है ।
कोरोना वायरस का सामना करने में भारत कितना सक्षम ?
भारत में भी कोरोना बायरस का संक्रमण लगातार बढ़ हालांकि इसके लिए राज्य सरकारों ने अपने स्तरों पर जाँच का दायरा बढ़ाया , कंटेनमेंट जोन बनाकर जाँच की । इसके अतिरिक्त अन्य उपाय ; जैसे – जागरूकता बढ़ाकर नियन्त्रण करने का प्रयास किया है । इसके अतिरिक्त प्रधानमन्त्री द्वारा देशव्यापी लॉकडाउन करके बायरस के संचरण तथा बायरस के श्रृंखला की कड़ी को तोड़ने का प्रयास किया गया । भारत द्वारा किए गए कुछ अन्य प्रमुख उपाय इस प्रकार है :-
- 1. कण्टेनमेण्ट जोन का निर्धारण : राज्य सरकारों द्वारा संक्रमण वाले क्षेत्र को कण्टेनमेण्ट जोन बनाकर संक्रमित लोगों की जाँच सम्पर्क के व्यक्ति की ट्रेनिंग करके , जागरूकता अभियान को चलाकर , सोशल डिस्टेन्सिंग , हाथ की सफाई जैसे कार्य को जिला स्तर पर किया गया । इसका निर्धारण मुख्यतः जिला स्तरों पर किया गया ।
- 2. हॉटस्पॉट केन्द्र बनाना : केन्द्र तथा राज्य सरकारों ने मिलकर छोटे स्तर पर संक्रमण वाले क्षेत्रों को हॉटस्पॉट घोषित किया । इसके पश्चात् उस क्षेत्र को पूरी तरह सील करके जाँच की संख्या को बढ़ाया गया , ताकि संक्रमण के प्रसार को फैलने से पूरी तरह रोका जा सके ।
- 3. जागरूकता ऐप : कोरोना वायरस के संक्रमण , बचाव व लक्षण सम्बन्धी जानकारियों को देने तथा लोगों को सुरक्षित करने हेतु केन्द्र तथा राज्य सरकार दोनों के द्वारा मोबाइल ऐप या एप्लिकेशन को लॉन्च किया गया , जो इस प्रकार हैं
- ( i ) आरोग्य सेतु यह कोरोना वायरस ट्रैकिंग ऐप है । यह संक्रमण क्षेत्र व व्यक्ति के सम्पर्क को जीपीएस एवं ब्लूटूथ के माध्यम से ट्रैक करता है ।
- ( ii ) चैटबोट प्रधानमन्त्री ने बाट्सअप चैटबोट से जुड़ने की घोषणा की थी , ताकि कोरोना वायरस से सम्बन्धित लोगों के प्रश्न का समाधान किया जा सके ।
- ( iii ) कोविड- 19 लोकेटर ऐप गोवा सरकार ने इसे लॉन्च किया है , जो क्वारंटाइन हुए लोगों पर नजर रखता है । हालाँकि यहाँ एक और ‘ जिस्ट योरसेल्फ गोवा ‘ ऐप भी बनाया गया है ।
- ( iv ) कोवा ( COVA ) पंजाब ऐप पंजाब सरकार ने कोरोना वायरस से बरती जाने वाली सावधानियों से लोगों को जागरूक करने हेतु इस ऐप को लॉन्च किया है ।
- ( v ) Gok Direct ऐप यह केरल सरकार द्वारा कोरोना वायरस महामारी से लोगों को जागरूक करने हेतु लॉन्च किया गया है ।
- ( vi ) आपूर्ति सुविधा ऐप ( Apurti Suvidha App ) नोएडा प्राधिकरण ने लोगों तक आवश्यक वस्तुओं को पहुँचाने हेतु इस ‘ आपूर्ति सुविधा ऐप्प ‘ को लॉन्च किया है ।
कोरोना वायरस का पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव
राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण देश के 1.3 बिलियन लोग पर्यावरण को प्रदूषित करने वाली गतिविधियों से दूर रहे । इससे पर्यावरण प्रदूषित होने से बचा तथा आसमान साफ रहा , शुद्ध हवा मिली तथा नदी तन्त्र भी स्वच्छ हुए । गंगा , यमुना नदियाँ , जिसकी सफाई की हमेशा चिन्ता रहती है , यह महामारी इन तन्त्रों को काफी हद तक साफ व स्वच्छ करने में सहायक सिद्ध हुई है । इतना ही नहीं वर्ल्ड एयर क्वालिटी के अनुसार वायुमण्डल में 2.5 पार्टिकल कण ( PM – 2.5 ) का घनत्व लगभग 80 % कम हुआ है । इस प्रकार यह वैश्विक पर्यावरण को स्वच्छ करने में सहायक सिद्ध हुई है ।
दुनिया के लिए कोरोना वायरस एक सबक
कोरोना वायरस महामारी के दौरान हमने बहुत कुछ सीखा है ; जैसे – सतत् विकास मॉडल , दिनचर्या में बदलाव एवं अन्य सबक , जो आने वाले भविष्य में ऐसी आपदाओं से बचा सकेगा । कुछ महत्त्वपूर्ण संबक प्रमुख हैं
इस महामारी ने सीमित संसाधनों में जीने की कला को सिखा दिया । इस महामारी के दौरान वैश्विक आर्थिक गतिविधियाँ ठप हो गई , लोगों को अपने भौतिक संसाधनों में कटौती करनी पड़ी तथा बहुत नियन्त्रित तरीके से जीवन यापन करना पड़ा ।
महामारी ने समें यह भी सबक सिखाया है कि हमें स्वास्थ्य की आर्थिक विकास पर प्राथमिकता देनी चाहिए । हमारी शिक्षा व्यवस्था को उन मुद्दों पर केन्द्रित होना चाहिए , जो मानव जाति के सुरक्षित रहने के लिए महत्त्वपूर्ण है , बजाय आर्थिक सफलता के जब प्रकृति बचेगी तभी मानवता बचेगी ।
इस महामारी ने यह भी सिखाया है कि हमें पर्यावरण संरक्षण में ग्रीन ‘ कैरियर को आकर्षक बनाने की जरूरत है , ताकि इस सेक्टर में युवा प्रतिभाओं को आकर्षित किया जा सके ।
कॉविड -19 महामारी के दौरान विश्व में बड़े स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा एवं क्षमता की कमी पाई गई , जो विश्व के सभी देशों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है ।
कोविड -19 ने यह सिद्ध कर दिया कि आधुनिक युग में स्वास्थ्य सेण्टर तक पहुँचने तथा जानकारी लेने में इण्टरनेट काफी सफल है । लोग अपने पारम्परिक इलाजों से भी स्वास्थ होते हैं , किन्तु यह युग हमें डिजिटल स्वास्थ्य को बढ़ावा देने को प्रेरित करता है ।
निष्कर्ष
इस प्रकार , कोविड -19 महामारी के दौरान उत्पन्न प्रमुख समस्याओं से सबक सीखते हुए वैश्विक महाशक्तियों को संसाधनों का इष्टतम प्रयोग करना होगा । अपनी आदतों व शहरीकरण , नगरीकरण , औद्योगीकरण , वैश्वीकरण व चिकित्सा जैसे आधारभूत ढाँचे के विकास को नया रूप देना होगा । वैश्विक सामूहिक कार्यवाही को अंजाम देना होगा , तभी हम भविष्य में ऐसी महामारियों का सामना करने हेतु तैयार हो पाएँगे ।