Geography Class 12 chapter 5 question answer in hindi खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

Follow US On 🥰
WhatsApp Group Join Now Telegram Group Join Now

कक्षा 12 भूगोल अध्याय 5 प्रश्न उत्तर: खनिज तथा ऊर्जा संसाधन प्रश्न उत्तर

TextbookNcert
ClassClass 12
Subjectभूगोल
ChapterChapter 5
Chapter Nameखनिज तथा ऊर्जा संसाधन ncert solutions
CategoryNcert Solutions
MediumHindi

क्या आप Geography Class 12 chapter 5 question answer in hindi ढूंढ रहे हैं? अब आप यहां से खनिज तथा ऊर्जा संसाधन प्रश्न उत्तर Download कर सकते हैं।

प्रश्न 1: नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए ।

प्रश्न 1.(i): निम्नलिखित में से किस राज्य में प्रमुख तेल क्षेत्र स्थित है?
(क) असम
(ख) बिहार
(ग) राजस्थान
(घ) तमिलनाडु

उत्तर 1.(i): (क) असम

प्रश्न 1.(ii): निम्नलिखित में से किस स्थान पर पहला परमाणु ऊर्जा स्टेशन स्थापित किया गया था?
(क) कलपक्कम
(ख) नरोरा
(ग) राणाप्रताप सागर
(घ) तारापुर

उत्तर 1.(ii): (घ) तारापुर

प्रश्न 1.(iii): निम्नलिखित में कौन-सा ऊर्जा का अनवीकरणीय स्रोत है?
(क) जल
(ख) सौर
(ग) ताप
(घ) पवन

उत्तर 1.(iii): (ग) ताप

प्रश्न 2: निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें।

प्रश्न 2.(i): भारत में अभ्रक के वितरण का विवरण दें।

उत्तर 2.(i): भारत में अभ्रक (माइका) का वितरण मुख्यतः भूवैज्ञानिक संरचनाओं और आर्थिक महत्व के आधार पर होता है। भारत विश्व में अभ्रक उत्पादन में अग्रणी देशों में से एक है। अभ्रक का प्रमुख उत्पादन क्षेत्र झारखंड का कोडरमा-गिरिडीह क्षेत्र है, जिसे “अभ्रक की राजधानी” भी कहा जाता है।

इसके अतिरिक्त, आंध्र प्रदेश और राजस्थान भी अभ्रक के महत्वपूर्ण उत्पादक हैं। आंध्र प्रदेश के नेल्लोर क्षेत्र और राजस्थान के जयपुर, भीलवाड़ा और उदयपुर जिले में उच्च गुणवत्ता वाला अभ्रक पाया जाता है। अन्य राज्यों जैसे बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में भी अभ्रक के छोटे भंडार पाए जाते हैं। झारखंड और बिहार में मुख्यतः ब्लैक माइका और आंध्र प्रदेश व राजस्थान में वाइट माइका का खनन होता है।

प्रश्न 2.(ii): नाभिकीय ऊर्जा क्या है? भारत के प्रमुख नाभिकीय ऊर्जा केंद्रों के नाम लिखें।

उत्तर 2.(ii): नाभिकीय ऊर्जा वह ऊर्जा है जो परमाणु नाभिक के विखंडन (फिशन) या संलयन (फ्यूजन) से प्राप्त होती है। यह ऊर्जा विद्युत उत्पादन, चिकित्सा, कृषि और अनुसंधान जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगी है। भारत में नाभिकीय ऊर्जा उत्पादन के लिए कई प्रमुख केंद्र स्थापित किए गए हैं।

इनमें महाराष्ट्र के तारापुर (तारापुर परमाणु ऊर्जा स्टेशन), तमिलनाडु के कुडनकुलम (कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना), गुजरात के काकरापार (काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन), राजस्थान के रावतभाटा (राजस्थान परमाणु ऊर्जा स्टेशन), और उत्तर प्रदेश के नारौरा (नारौरा परमाणु ऊर्जा स्टेशन) शामिल हैं। ये केंद्र भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

प्रश्न 2.(iii): अलौह धातुओं के नाम बताएँ। उनके स्थानिक वितरण की विवेचना करें।

उत्तर 2.(iii): बॉक्साइट, ताँबा, सोना व चाँदी अलौह धातुएँ हैं। उड़ीसा बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। झारखंड, गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र, कर्नाटक व तमिलनाडु भी बॉक्साइट के अन्य उत्पादक राज्य हैं। ताँबा मुख्यतः झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान राज्य में पाया जाता है। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक व तमिलनाडु अन्य ताँबा उत्पादक राज्य है।

प्रश्न 2.(iv): ऊर्जा के अपारंपरिक स्रोत कौन-से हैं?

उत्तर 2.(iv): कोयला, पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस तथा परमाणु ऊर्जा, ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत हैं जबकि सौर ऊर्जा, पवन, भूतापीय, बायोगैस, ज्वारीय ऊर्जा अपारंपरिक ऊर्जा स्रोत हैं।

प्रश्न 3: निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें।

प्रश्न 3.(i): भारत के पेट्रोलियम संसाधनों पर विस्तृत टिप्पणी लिखें।

उत्तर 3.(i): भारत में पेट्रोलियम संसाधनों का विकास और उपयोग देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। व्यवस्थित रूप से खनिज तेल का अन्वेषण 1956 में तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग (ONGC) की स्थापना के बाद शुरू हुआ। इससे पहले, असम का डिगबोई एकमात्र तेल उत्पादक क्षेत्र था, जहां 1857 में पहला तेल कुआं खोदा गया। हाल के दशकों में, देश के पश्चिमी और पूर्वी तटों पर तेल के नए भंडार खोजे गए हैं।

प्रमुख तेल उत्पादक क्षेत्र

  1. असम: डिगबोई, नहारकटिया और मोरान असम के प्रमुख तेल उत्पादक क्षेत्र हैं।
  2. गुजरात: अंकलेश्वर, कालोल, मेहसाणा, नवागाम, कोसांबा और लुनेज तेल उत्पादन में अग्रणी हैं।
  3. मुंबई हाई: अरब सागर के अपतटीय क्षेत्र में स्थित यह क्षेत्र 1976 से उत्पादन कर रहा है और भारत के कुल तेल उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
  4. पूर्वी तट: कृष्णा-गोदावरी और कावेरी बेसिनों में तेल के नए भंडार मिले हैं।

शोधन प्रक्रिया कच्चा तेल अशुद्ध होता है और इसे प्रयोग से पहले रिफाइन करना आवश्यक होता है। भारत में कुल 18 रिफाइनरीज हैं, जिनमें से कुछ क्षेत्र आधारित (जैसे डिगबोई) और कुछ बाजार आधारित (जैसे बरौनी) हैं।

पेट्रोलियम उत्पाद और उनके उपयोग शोधन के बाद तेल से पेट्रोल, डीजल, केरोसिन और एलपीजी जैसे उत्पाद प्राप्त होते हैं, जो परिवहन, रेलवे और विमानन के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत हैं। इसके अलावा, पेट्रो-रसायन उद्योगों में तेल से उर्वरक, कृत्रिम रबर, दवाइयां, वैसलीन, मोम, और सौंदर्य प्रसाधन जैसे सह-उत्पाद बनाए जाते हैं।

प्रश्न 3.(ii): भारत में जल विद्युत पर एक निबंध लिखें।

उत्तर 3.(ii): भूमिका
भारत में ऊर्जा उत्पादन के विभिन्न स्रोतों में जल विद्युत एक महत्वपूर्ण और स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है। यह नवीकरणीय ऊर्जा का एक प्रमुख रूप है जो जल प्रवाह से विद्युत उत्पादन करता है। भारत का भौगोलिक और जलवायु स्वरूप जल विद्युत उत्पादन के लिए उपयुक्त है, और यह देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में अहम भूमिका निभाता है।

जल विद्युत का महत्व
जल विद्युत एक पर्यावरण के अनुकूल और सस्ती ऊर्जा है। यह जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करता है और ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं करता है। जल विद्युत परियोजनाएं जल संचयन, सिंचाई, और बाढ़ नियंत्रण जैसी कई अन्य गतिविधियों में भी सहायक होती हैं।

भारत में जल विद्युत का विकास
भारत में जल विद्युत का इतिहास 1897 में दार्जिलिंग में स्थापित पहली जल विद्युत परियोजना से शुरू हुआ। वर्तमान में, भारत विश्व में जल विद्युत उत्पादन के मामले में शीर्ष देशों में से एक है। देश में कुल जल विद्युत क्षमता लगभग 1,45,320 मेगावाट आंकी गई है। हिमालयी क्षेत्र, पश्चिमी घाट और पूर्वोत्तर राज्य जल विद्युत उत्पादन के प्रमुख क्षेत्र हैं।

प्रमुख जल विद्युत परियोजनाएं
भारत में कई प्रमुख जल विद्युत परियोजनाएं हैं, जैसे:

  1. भाखड़ा नांगल परियोजना (पंजाब और हिमाचल प्रदेश)
  2. हीराकुंड परियोजना (ओडिशा)
  3. टिहरी बांध परियोजना (उत्तराखंड)
  4. सरदार सरोवर परियोजना (गुजरात)
  5. नथमुलसार जल विद्युत परियोजना (सिक्किम)

चुनौतियां
हालांकि, जल विद्युत परियोजनाओं के विकास में कई चुनौतियां हैं। पर्यावरणीय क्षति, विस्थापन, वनों की कटाई, और परियोजनाओं के निर्माण में लगने वाला अधिक समय व धन प्रमुख समस्याएं हैं। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन के कारण जल प्रवाह में परिवर्तन भी एक गंभीर मुद्दा है।

उपसंहार
भारत में जल विद्युत ऊर्जा के विकास में अपार संभावनाएं हैं। यह ऊर्जा का एक स्वच्छ और सस्ता स्रोत है जो देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद कर सकता है। उचित योजना और सतत विकास को ध्यान में रखते हुए, भारत जल विद्युत क्षमता का पूरा उपयोग कर सकता है और ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकता है।

यह भी देखें ✯ Class 12

💞 SHARING IS CARING 💞
Ncert Books PDF

English Medium

Hindi Medium

Ncert Solutions and Question Answer

English Medium

Hindi Medium

Revision Notes

English Medium

Hindi Medium

Related Chapters