कक्षा 12 भूगोल अध्याय 8 प्रश्न उत्तर: अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रश्न उत्तर
Textbook | Ncert |
Class | Class 12 |
Subject | भूगोल |
Chapter | Chapter 8 |
Chapter Name | अंतर्राष्ट्रीय व्यापार ncert solutions |
Category | Ncert Solutions |
Medium | Hindi |
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प्रश्न 1: नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए ।
प्रश्न 1.(i): दो देशों के मध्य व्यापार कहलाता है|
(क) अंतर्देशीय व्यापार
(ख) बाह्य व्यापार
(ग) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
(घ) स्थानीय व्यापार
उत्तर 1.(i): (ग) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
प्रश्न 1.(ii): निम्नलिखित में से कौन-सा एक स्थ्लबद्ध पोताश्रय है?
(क) विशाखापट्टनम
(ख) मुंबई
(ग) एन्नोर
(घ) हल्दिया
उत्तर 1.(ii): (क) विशाखापट्टनम
प्रश्न 1.(iii): भारत का अधिकांश विदेशी व्यापार वहन होता है-
(क) स्थल और समुद्री द्वारा
(ख) स्थल और वायु द्वारा
(ग) समुद्र और वायु द्वारा
(घ) समुद्र द्वारा
उत्तर 1.(iii): (ग) समुद्र और वायु द्वारा
प्रश्न 2: निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें।
प्रश्न 2.(i): भारत के विदेशी व्यापार की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर 2.(i): भारत के विदेशी व्यापार की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं: भारत विश्व के कई देशों के साथ व्यापार करता है, जिसमें निर्यात और आयात दोनों शामिल हैं। निर्यात में कृषि उत्पाद, कपड़ा, रत्न-आभूषण, फार्मास्यूटिकल्स और सॉफ़्टवेयर सेवाएँ प्रमुख हैं, जबकि आयात में कच्चा तेल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी और सोना शामिल है।
भारत का व्यापार मुख्यतः अमेरिका, चीन, यूरोपीय संघ, यूएई और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ होता है। व्यापार घाटा (आयात अधिक और निर्यात कम) एक चुनौती है, लेकिन सरकार इसे संतुलित करने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे कार्यक्रम चला रही है। मुक्त व्यापार समझौतों और निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के माध्यम से भारत अपने विदेशी व्यापार को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।
प्रश्न 2.(ii): पत्तने और पोताश्रय में अंतर बताइए।
उत्तर 2.(ii): पत्तन: पत्तन वह स्थान है जहाँ बड़े जहाज रुकते हैं, सामान का लोडिंग-अनलोडिंग होता है, और व्यापारिक गतिविधियाँ संचालित होती हैं। यह समुद्र, नदी या झील के किनारे स्थित होता है और व्यापार व यातायात के लिए विकसित होता है।
पोताश्रय: पोताश्रय वह स्थान है जहाँ जहाज सुरक्षित रूप से ठहर सकते हैं, खासकर खराब मौसम में। यह प्राकृतिक या कृत्रिम रूप से संरक्षित होता है और आमतौर पर जहाजों को शरण देने के लिए होता है, न कि व्यापारिक गतिविधियों के लिए।
प्रश्न 2.(iii): पृष्ठप्रदेश का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर 2.(iii): पृष्ठ प्रदेश किसी पत्तन का वह प्रभाव क्षेत्र होता है जो रेल व सड़क मार्गों द्वारा पत्तन से अच्छी तरह जुड़ा होता है। इस क्षेत्र के उत्पाद निर्यात के लिए पत्तन तक भेजे जाते हैं तथा आयातित सामान विक्रय/उपभोग के लिए यहाँ वितरित कर दिया जाता है।
प्रश्न 2.(iv): उन महत्त्वपूर्ण मदों के नाम बताइए जिन्हें भारत विभिन्न देशों से आयात करता है।
उत्तर 2.(iv): पेट्रोलियम उत्पाद तथा पेट्रोलियम भारत की प्रमुख आयात है। इसके अतिरिक्त मशीनरी, ग़ैर धात्विक खनिज, मोती बहुमूल्य रत्न, अलौह धातुएँ लुगदी, कागज, खाद्य तेल, उर्वरक अन्य महत्त्वपूर्ण आयात हैं।
प्रश्न 2.(v): भारत के पूर्वी तट पर स्थित पत्तनों के नाम बताइए।
उत्तर 2.(v): भारत के पूर्वी तट अर्थात् बंगाल की खाड़ी के प्रमुख पत्तन हैं-कोलकाता, हल्दिया, पाराद्वीप, विशाखापट्टनम, एन्नौर, चेन्नई व तूतीकोरिन।
प्रश्न 3: निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें।
प्रश्न 3.(i): भारत में निर्यात और आयात व्यापार के संयोजन का वर्णन कीजिए।
उत्तर 3.(i): भारत के विदेशी व्यापार में अनेक वस्तुओं का निर्यात व आयात किया जाता है। भारत से निर्यात की वस्तुएँ हैं-कृषि एवं समवर्गी उत्पाद, अयस्क एवं खनिज, विनिर्मित वस्तुएँ, मणि-रत्न एवं आभूषण, इंजीनियरिंग सामान, इलेक्ट्रॉनिक सामान वस्त्रादि, हस्तशिल्प, कालीन, चमड़े से बने उत्पाद तथा पेट्रोलियम उत्पाद आदि।
जबकि प्रमुख आयातित वस्तुएँ हैं-पेट्रोलियम अपरिष्कृत एवं उत्पाद, व्यावसायिक उपस्कर आदि; स्वर्ण एवं चाँदी; मशीनरी; मोती, बहुमूल्य एवं अल्पमूल्य रत्न; गैर-धात्विक खनिज विनिर्माण; दालें, लोहा एवं स्टील; खाद्य तेल; धातुमयी अयस्क तथा छीजन; चिकित्सीय एवं फार्मा उत्पाद; अलौह धातुएँ; उर्वरक; लुगदी; अन्य वस्त्र धागे, कपड़े इत्यादि, रासायनिक उत्पाद; कोयला, कोक तथा इष्टिका आदि।
भारत के आयात व निर्यात व्यापार संयोजन को इस दृष्टि से भी आकलन किया जा सकता है कि सन् 2004-05 में भारत का आयात मूल्य 4810.5 अरब रुपये का था जबकि निर्यात मूल्ये कुल 3560.5 अरब रुपये मूल्य का था। इस तरह भुगतान संतुलन बिल्कुल भी भारत के पक्ष में नहीं है।
प्रश्न 3.(ii): भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की बदलती प्रकृति पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर 3.(ii): भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की प्रकृति समय के साथ काफी बदल गई है। स्वतंत्रता के बाद भारत का व्यापार मुख्यतः कृषि आधारित उत्पादों पर केंद्रित था, लेकिन अब यह औद्योगिक और सेवा क्षेत्र की ओर स्थानांतरित हो गया है। सॉफ़्टवेयर, फार्मास्यूटिकल्स, और रत्न-आभूषण जैसे उच्च-मूल्य वाले उत्पाद भारत के निर्यात का प्रमुख हिस्सा बन गए हैं।
हाल के दशकों में भारत ने वैश्विक व्यापार में अपनी भागीदारी बढ़ाई है, जिसमें दक्षिण-पूर्व एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे उभरते बाजारों के साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूत किया है। मुक्त व्यापार समझौते (FTAs) और बहुपक्षीय मंचों में भागीदारी के माध्यम से भारत अपनी व्यापार नीति को उदार बना रहा है।
इसके अतिरिक्त, डिजिटल और ई-कॉमर्स व्यापार का उभरना, वैश्वीकरण, और ‘मेक इन इंडिया’ जैसे अभियानों ने व्यापार के स्वरूप को नया आयाम दिया है। हालांकि, व्यापार घाटा, आयात पर निर्भरता, और वैश्विक आर्थिक चुनौतियाँ अब भी प्रमुख मुद्दे हैं। कुल मिलाकर, भारत का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार अब अधिक विविध, तकनीक-संचालित और वैश्विक मानकों के अनुकूल होता जा रहा है।