Class 12 political science chapter 4 notes in hindi, सत्ता के वैकल्पिक केंद्र notes

सत्ता के समकालीन केंद्र Notes: Class 12 political science chapter 4 notes in hindi

TextbookNCERT
ClassClass 12
SubjectPolitical Science
ChapterChapter 4
Chapter Nameसत्ता के समकालीन केंद्र
CategoryClass 12 Political Science
MediumHindi

Class 12 political science chapter 4 notes in hindi, सत्ता के वैकल्पिक केंद्र notes इस अध्याय मे हम संगठन – यूरोपीय संघ , आसियान , सार्क , ब्रिक्स । राज्य – रूस , चीन , इज़राइल , भारत , जापान और दक्षिण कोरिया के बारे में विस्तार से पड़ेगे ।

सत्ता के नए केन्द्र से अभिप्राय ( सत्ता के समकालीन केंद्र ) : –

🔹 सोवियत संघ के विभाजन के बाद विश्व में अमेरिका का वर्चस्व कायम हो गया है । कुछ देशों के संगठनों का उदय सत्ता के नए केन्द्र के रूप में हुआ है । ये संगठन अमरीका के प्रभुत्व को सीमित करेंगे क्योंकि ये संगठन राजनीतिक तथा आर्थिक रूप से शक्तिशाली हो रहे है ।

सत्ता के नए केन्द्र का अर्थ : –

🔹 शीत युद्ध के पश्चात विश्व में विश्व पटल पर कुछ ऐसे संगठनों तथा देशों ने प्रभावशाली रूप से अंतराष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करना प्रारम्भ किया , जिससे यह स्पष्ट होने लगा कि यह संगठन तथा देश अमेरिका की एक ध्रुवीयता के समक्ष विकल्प के रूप में देखे जा सकते हैं । विश्व राजनीति में दो ध्रुवीय व्यवस्था के टूटने के बाद स्पष्ट हो गया कि राजनैतिक और आर्थिक सत्ता के नए केंद्र कुछ हद तक अमेरिका के प्रभुत्व को सीमित करेंगे । 

क्षेत्रीय संगठन : –

🔹 क्षेत्रीय संगठन प्रभुसत्ता सम्पन्न देशों के स्वैच्छिक समुदायों की एक संधि है , जो निश्चित क्षेत्र के भीतर हो तथा उन देशों का सम्मिलित हित हो जिनका प्रयोजन उस क्षेत्र के संबंध में आक्रामक कार्यवाही न हो ।

  • संगठन :- यूरोपीय संघ , आसियान , ब्रिक्स , दक्षेस
  • देश :- रूस , चीन , जापान , भारत , इजरायल , जापान और दक्षिण कोरिया

क्षेत्रीय संगठन के उद्देश्य : –

  • सदस्य देशों में एकता की भावना का मजबूत होना । 
  • क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा ।
  • सदस्यों के बीच आपसी व्यापार को बढ़ाना ।
  • क्षेत्र में शांति और सौहार्द को बढ़ाना । 
  • विवादों को आपसी बातचीत द्वारा निपटाना ।

मार्शल योजना : –

🔹  द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप को बहुत नुकसान पहुँचा । अमरीका ने यूरोप की अर्थव्यवस्था के पुनर्गठन के लिए जबरदस्त जबरदस्त मदद की । इसे मार्शल योजना के नाम से जाना जाता है ।

🔹  मार्शल योजना के तहत 1948 में यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना हुई । जिसके माध्यम से पश्चिमी यूरोप के देशों को आर्थिक मदद दी गई । यह एक ऐसा मंच बन गया जिसके माध्यम से पश्चिमी यूरोप के देशों ने व्यापार और आर्थिक मामलों में एक – दूसरे की मदद शुरू की । 

❄️ संगठन ❄️

यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन : –

🔹 1948 में मार्शल योजना के तहत यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना की गई । जिसके माध्यम से पश्चिमी यूरोप के देशों को आर्थिक मदद की गई । 

🔹 1957 में छः देशो – फ्रांस , पश्चिम जर्मनी , इटली , बेल्जियम , नीदरलैंड और – लक्जमबर्ग ने रोम संधि के माध्यम से यूरोपीय आर्थिक समुदाय और यूरोपीय एटमी ऊर्जा समुदाय का गठन किया । 

🔹 जून 1979 में यूरोपीय पार्लियामेंट के गठन के बाद यूरोपीय आर्थिक समुदाय ने राजनीतिक स्वरूप लेना शुरू कर दिया था ।

यूरोपीय आर्थिक समुदाय के उद्देश्य : –

  • उन सभी विवादों को समाप्त करना जिन्होंने यूरोप को विभाजित कर रखा है । 
  • यूरोपीय प्रतिष्ठा को स्थापित करने के लिए अनुकूल भूमिका निभाना ।

यूरोपीय संघ का गठन : –

  • फरवरी 1992 में मास्ट्रिस्ट संधि के द्वारा यूरोपीय संघ का गठन हुआ ।

यूरोपीय संघ : –

🔹 यूरोपीय संघ यूरोपीय देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है । यूरोपीय संघ की स्थापना 1992 में हुई थी । यूरोपीय संघ का अपना झंडा , गान तथा स्थापना दिवस है । यूरोपीय देशों की अपनी मुद्रा है , जिसे ‘ यूरो ‘ कहते हैं , यूरोपीय संघ में निरंतर नए सदस्यों का समावेश होता रहता है , जिससे हम पता लगा सकते हैं कि यूरोपीय संघ कितना प्रभावशाली है । इसके पास परमाणु हथियार हैं । यूरोपीय संघ के पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना है ।

नोट :- यूरोपीय संघ ने 2003 में अपना संविधान बनाने का प्रयास किया लेकिन उसमें असफल रहा ।

यूरोपीय संघ के सदस्य देश : –

🔶 यूरोपीय संघ के पुराने सदस्य : ऑस्ट्रिया , बेल्जियम , डेनमार्क , फिनलैंड , फ्रांस , जर्मनी , ग्रीस , आयरलैंड , इटली , लक्जमबर्ग , माल्टा , नीदरलैंड , पुर्तगाल , स्वीडन , स्पेन । ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ से जून 2016 में एक जनमत संग्रह के द्वारा अलग होने का निर्णय किया जिसे ब्रेक्जिट कहा जाता है अब यह यूरोपीय संघ का सदस्य नहीं है जनवरी 2020 में यह यूरोपीय संघ से अलग हो गया । यह पुराने सदस्यों में से एक सदस्य देश था ।

🔶 यूरोपीय संघ के नए सदस्य : एस्तोनिया , लातविया , लिथुआनिया , पोलैंड , चेक गणराज्य , रोमानिया , स्लोवाकिया , हंगरी , क्रोशिया , बुल्गारिया , साइप्रस , स्लोवेनिया ।

🔹 यूरोपीय संघ के सदस्य देशों की वर्तमान में संख्या 27 है ।

यूरोपीय संघ के गठन के उद्देश्य : –

  • एक समान विदेश व सुरक्षा नीति ।
  • आंतरिक मामलों तथा न्याय से जुड़े मामलों पर सहयोग ।
  • एक समान मुद्रा का चलन ।
  • वीजा मुक्त आवागमन ।

यूरोपीय संघ की विशेषताएँ : –

🔹 यूरोपीय संघ ने आर्थिक सहयोग वाली संस्था से बदलकर राजनैतिक संस्था का रूप ले लिया है । 

🔹 यूरोपीय संघ एक विशाल राष्ट्र राज्य की तरह कार्य करने लगा है । 

🔹 इसका अपना झंडा , गान , स्थापना दिवस और अपनी एक मुद्रा है । 

🔹 अन्य देशों से संबंधों के मामले में इसने काफी हद तक साझी विदेश और सुरक्षा नीति बना ली है । 

🔹 यूरोपीय संघ का झंडा 12 सोने के सितारों के घेरे के रूप में वहाँ के लोगों की पूर्णता , समग्रता , एकता और मेलमिलाप का प्रतीक है ।

यूरोपीय संघ को ताकतवार बनाने वाले कारक या विशेषताएँ : –

🔹 2005 में यह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी और इसका सकल घरेलू उत्पादन अमरीका से भी ज्यादा था । 

🔹 इसकी मुद्रा यूरो , अमरीकी डॉलर के प्रभुत्व के लिए खतरा बन गई है । 

🔹 विश्व व्यापार में इसकी हिस्सेदारी अमेरिका से तीन गुना ज्यादा है । 

🔹 इसकी आर्थिक शक्ति का प्रभाव यूरोप , एशिया और अफ्रीका के देशों पर है । 

🔹 यह विश्व व्यापार संगठन के अंदर एक महत्वपूर्ण समूह के रूप में कार्य करता है । 

🔹 इसका एक सदस्य देश फ्रांस सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है । 

🔹 इसके चलते यूरोपीय संघ अमरीका समेत सभी राष्ट्रों की नीतियों को प्रभावित करता है । 

🔹 यूरोपीय संघ का सदस्य देश फ्रांस परमाणु शक्ति सम्पन्न है । 

🔹 अधिराष्ट्रीय संगठन के तौर पर यूरोपीय संघ आर्थिक , राजनैतिक और सामाजिक मामलों में दखल देने में सक्षम है ।

यूरोपीय संघ की कमजोरियाँ : –

🔹 इसके सदस्य देशों की अपनी विदेश और रक्षा नीति है जो कई बार एक – दूसरे के खिलाफ भी होती हैं । जैसे – इराक पर हमले के मामले में । 

🔹 यूरोप के कुछ हिस्सों में यूरो मुद्रा को लागू करने को लेकर नाराजगी है । 

🔹 डेनमार्क और स्वीडन ने मास्ट्रिस्स संधि और साझी यूरोपीय मुद्रा यूरो को मानने का विरोध किया । 

🔹 यूरोपीय संघ के कई सदस्य देश अमरीकी गठबंधन में थे ।  

🔹 ब्रिटेन यूरोपीय संघ से जून 2016 मे एक जनमत संग्रह के द्वारा अलग हो गया है ।

एक आर्थिक समुदाय के रूप में बने यूरोपीय संघ ने एक राजनीतिक संगठन का रूप कैसे ले लिया ?

  • यूरोपीय संघ एक राज्य की भाँति है जिसका अपना झण्डा , गान एवं स्थापना दिवस है । 
  • यूरोपीय संसद के गठन के कारण । 
  • सोवियत संघ के विघटन के बाद 1992 में यूरोपीय संघ का गठन ।
  • एक मुद्रा , समान विदेश एवं सुरक्षा नीति , न्याय एवं घरेलू मामलों पर आपसी सहयोग ।

🔹 इन कारणो के कारण यूरोपीय संघ ने एक राजनीतिक संगठन का रूप लिया ।

यूरोपीय संघ एक अधिराष्ट्रीय संगठन के रूप में कैसे उभरा ?

  • सबसे पुराना संगठन जो इसे स्थायित्व और प्रभावकारी बनाता है । 
  • समान राजनीतिक रूप जैसे – झंडा , गान , स्थापना दिवस और मुद्रा । 
  • यूरोपीय संघ की सहयोग की नीति । 
  • विश्व व्यापार में यूरोपीय संघ की हिस्सेदारी अमरीका से तीन गुना अधिक हैं । 
  • इसके पास विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना है । उसका रक्षा बजट अमेरिका के बाद सबसे अधिक है । 
  • ब्रिटेन तथा फ्रांस संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य है ।

🔹 इन कारणो से यूरोपीय संघ एक अधिराष्ट्रीय संगठन के रूप में  उभरा ।

आसियान ( ASEAN ) : –

🔸 आसियान का नाम ( in English ) :- Association of Southeast Asian Nations 

🔸 आसियान का नाम ( in hindi ) :- दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन

🔸 स्थापना :- 1967 में पाँच देशों ने बैंकॉक घोषणा पर हस्ताक्षर करके ‘ आसियान ‘ की स्थापना की ।

🔸 संस्थापक देश :- ये देश थे इंडोनेशिया , मलेशिया , फिलिपींस , सिंगापुर और थाईलैंड ।

🔸 बाद में शामिल देश :- बाद के वर्षों में ब्रुनेई , दारुस्सलाम , वियतनाम , लाओस , म्यांमार और कंबोडिया भी आसियान में शामिल हो गए तथा इसकी सदस्य संख्या दस हो गई ।

🔸 आसियान का झंडा :- आसियान के प्रतीक चिह्न में धान की दस बालियाँ दक्षिण – पूर्व एशिया के दस देशों को इंगित करती हैं जो आपस में मित्रता और एकता के धागे से बंधे हैं । वृत्त आसियान की एकता का प्रतीक है ।

आसियान के मुख्य उद्देश्य :-

  • सदस्य देशों के आर्थिक विकास को तेज करना ।
  • इसके द्वारा सामाजिक और सांस्कृतिक विकास हासिल करना ।
  • कानून के शासन और संयुक्त राष्ट्र संघ के नियमों का पालन करके क्षेत्रीय शांति और स्थायित्व को बढ़ावा देना ।

आसियान शैली : –

🔹  अनौपचारिक , टकरावरहित और सहयोगात्मक मेल – मिलाप का नया उदाहरण पेश करके आसियान ने काफी यश कमाया है । इसे ही ‘ आसियान शैली ‘ कहा जाने लगा ।

आसियान के प्रमुख स्तंभ : –

  • आसियान सुरक्षा समुदाय
  • आसियान आर्थिक समुदाय
  • सामाजिक सांस्कृतिक समुदाय

🔸 आसियान सुरक्षा समुदाय क्षेत्रीय विवादों को सैनिक टकराव तक न ले जाने की सहमति पर आधारित है ।

🔸 आसियान आर्थिक समुदाय का उद्देश्य आसियान देशों का साझा बाजार और उत्पादन आधार तैयार करना तथा इस क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास में मदद करना है ।

🔸 आसियान सामाजिक सांस्कृतिक समुदाय का उद्देश्य है कि आसियान देशों के बीच टकराव की जगह बातचीत और सहयोग को बढ़ावा दिया जाए ।

आसियान का विजन दस्तावेज 2020 : –

🔹 आसियान तेजी से बढ़ता हुआ एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन है । इसके विजन दस्तावेश 2020 में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में आसियान की एक बहिर्मुखी भूमिका को प्रमुखता दी गई है । आसियान द्वारा अभी टकराव की जगह बातचीत को बढ़ावा देने की नीति से ही यह बात निकली है ।

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