Sociology Class 12 chapter 1 questions and answers Hindi संरचनात्मक परिवर्तन

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समाजशास्त्र कक्षा 12 अध्याय 1 प्रश्न और उत्तर: संरचनात्मक परिवर्तन question answer

TextbookNcert
ClassClass 12
Subjectसमाजशास्त्र
ChapterChapter 1
Chapter Nameसंरचनात्मक परिवर्तन ncert solutions
CategoryNcert Solutions
MediumHindi

क्या आप Sociology Class 12 chapter 1 questions and answers Hindi ढूंढ रहे हैं? अब आप यहां से संरचनात्मक परिवर्तन के प्रश्न उत्तर Download कर सकते हैं।

प्रश्न 1: उपनिवेशवाद का हमारे जीवन पर किस प्रकार का प्रभाव पड़ा है? आप या तो किसी एक पक्ष जैसे संस्कृति या राजनीति को केंद्र में रखकर, या सारे पक्षों को जोड़कर विश्लेषण कर सकते हैं।

उत्तर 1: उपनिवेशवाद का हमारे जीवन पर बहुआयामी प्रभाव पड़ा है, जो संस्कृति, राजनीति, अर्थव्यवस्था और सामाजिक संरचना जैसे क्षेत्रों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। सांस्कृतिक स्तर पर, उपनिवेशवाद ने हमारी परंपराओं और भाषाओं पर गहरा प्रभाव डाला, जिसमें विदेशी संस्कृतियों और भाषाओं का वर्चस्व बढ़ा और स्थानीय सांस्कृतिक पहचान कमजोर हुई।

शिक्षा प्रणाली में अंग्रेज़ी और पाश्चात्य विचारधारा को प्राथमिकता दी गई, जिससे हमारी प्राचीन ज्ञान प्रणाली और मूल्य हाशिए पर चले गए। राजनीतिक रूप से, उपनिवेशवाद ने सत्ता संरचना को केंद्रीकृत किया और स्थानीय शासनों को समाप्त कर दिया, जिससे स्वतंत्रता के बाद लोकतांत्रिक प्रणाली को स्थापित करने में कठिनाई हुई।

आर्थिक दृष्टि से, उपनिवेशवाद ने हमारे संसाधनों का शोषण किया और औद्योगिक विकास को सीमित रखा, जिससे गरीबी और असमानता बढ़ी। सामाजिक रूप से, यह जाति और धर्म आधारित विभाजन को गहरा करने का कारण बना, जो आज भी समाज में तनाव उत्पन्न करता है। इस प्रकार, उपनिवेशवाद ने हमारे जीवन के प्रत्येक पहलू को प्रभावित किया, जिनके प्रभाव लंबे समय तक बने रहे।

प्रश्न 2: औद्योगीकरण और नगरीकरण का परस्पर संबंध है विचार करें।

उत्तर 2: औद्योगीकरण और नगरीकरण का परस्पर गहरा संबंध है, क्योंकि दोनों प्रक्रियाएँ एक-दूसरे को प्रेरित और प्रोत्साहित करती हैं। औद्योगीकरण के परिणामस्वरूप उद्योगों की स्थापना और उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई, जिससे रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हुए। ये अवसर मुख्यतः शहरी क्षेत्रों में केंद्रित थे, जिससे ग्रामीण आबादी का पलायन नगरों की ओर हुआ। यह प्रक्रिया नगरीकरण को बढ़ावा देती है, जिसमें छोटे कस्बे विकसित होकर बड़े शहरों में परिवर्तित हो जाते हैं।

साथ ही, नगरीकरण के कारण श्रमिकों, सेवाओं और संसाधनों की उपलब्धता बढ़ती है, जो उद्योगों के विस्तार के लिए आवश्यक है। इस प्रकार, औद्योगीकरण और नगरीकरण एक चक्र के रूप में काम करते हैं, जहाँ औद्योगीकरण नगरीकरण को जन्म देता है, और नगरीकरण औद्योगीकरण के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार करता है। हालांकि, इस परस्पर संबंध के साथ-साथ चुनौतियाँ भी उत्पन्न होती हैं, जैसे संसाधनों पर दबाव, प्रदूषण और असमानता, जिन्हें संतुलित विकास की नीतियों के माध्यम से संबोधित करना आवश्यक है।

प्रश्न 3: किसी ऐसे शहर या नगर को चुनें जिससे आप भली-भाँति परिचित हैं। उस शहर/नगर के इतिहास, उसके उद्भव और विकास, तथा समसामयिक स्थिति का विवरण दें।

उत्तर 3: वाराणसी: इतिहास, उद्भव और विकास

इतिहास और उद्भव: वाराणसी, जिसे काशी या बनारस के नाम से भी जाना जाता है, विश्व के प्राचीनतम बसे हुए शहरों में से एक है। इसका उल्लेख वेदों, उपनिषदों, और महाकाव्यों में मिलता है। यह शहर गंगा नदी के तट पर स्थित है और हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। कहा जाता है कि वाराणसी की स्थापना भगवान शिव ने की थी। इसका नाम वरुणा और असी नामक दो नदियों के बीच बसे होने के कारण पड़ा। यह प्राचीन काल से शिक्षा, कला, और संस्कृति का केंद्र रहा है। तक्षशिला और नालंदा के समान, यहाँ भी शिक्षा के लिए प्रसिद्ध विश्वविद्यालय थे।

विकास और समृद्धि: मौर्य, गुप्त और मुगल काल के दौरान वाराणसी ने सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से समृद्धि पाई। मुगल सम्राट अकबर ने यहाँ के धार्मिक स्थलों को संरक्षित किया और हिंदू-मुस्लिम संस्कृति के समन्वय को बढ़ावा दिया। ब्रिटिश शासन के दौरान यह शहर व्यापार और कुटीर उद्योगों, विशेष रूप से बनारसी साड़ी और रेशम के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हुआ। स्वतंत्रता संग्राम में भी वाराणसी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहाँ यह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का एक केंद्र बना।

समसामयिक स्थिति: वर्तमान में वाराणसी भारतीय सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और आध्यात्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र है। यहाँ के घाट, जैसे दशाश्वमेध और मणिकर्णिका, और काशी विश्वनाथ मंदिर विश्व भर के तीर्थयात्रियों को आकर्षित करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र होने के कारण वाराणसी का आधुनिक बुनियादी ढाँचा तेजी से विकसित हो रहा है। यहाँ स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के अंतर्गत सड़क, परिवहन, और स्वच्छता में सुधार किया गया है। हालाँकि, बढ़ती जनसंख्या, प्रदूषण, और गंगा की स्वच्छता जैसे मुद्दे अभी भी चुनौतियाँ बने हुए हैं।

इस प्रकार, वाराणसी अतीत और वर्तमान का अद्वितीय संगम है, जहाँ प्राचीन संस्कृति और आधुनिकता साथ-साथ विकसित हो रही हैं।

प्रश्न 4: आप एक छोटे कस्बे या बहुत बड़े शहर, या अर्धनगरीय स्थान, या एक गाँव में रहते हैं –
जहाँ आप रहते हैं उस जगह का वर्णन करें।
वहाँ की विशेषताएँ क्या हैं, आप को क्या लगता है कि वह एक कस्बा है शहर नहीं, एक गाँव है कस्बा नहीं या शहर है गाँव नहीं?
जहाँ आप रहते हैं क्या वहाँ कोई कारखाना है?
क्या लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती है?
क्या व्यवसाय वहाँ निर्णायक रूप में प्रभावशाली है?
क्या वहाँ इमारतें हैं?
क्या वहाँ शिक्षा की सुविधाएँ उपलब्ध हैं?
लोग कैसे रहते और व्यवहार करते हैं?
लोग किस तरह बात करते और कैसे कपड़े पहनते हैं?

उत्तर 4: 1. मैं गाजियाबाद, दिल्ली एनसीआर में रहता हूं।

2. यह एक शहर है। इसकी विशेषताएँ इस प्रकार हैं:-

  • इसकी जनसंख्या बहुत अधिक है
  • इसकी आबादी विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों से आये लोगों से बनी है
  • निवासियों की सोच व्यापक है
  • यह परिवहन प्रणाली से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है
  • चिकित्सा और शिक्षा के मामले में सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं

3. गाजियाबाद में बड़ी संख्या में उद्योग हैं।

4. नहीं, कृषि यहाँ का मुख्य काम नहीं है।

5. उपर्युक्त सभी चीजें शहर को प्रभावित करती हैं।

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