समाजशास्त्र कक्षा 12 अध्याय 6 प्रश्न और उत्तर: भूमंडलीकरण और सामाजिक परिवर्तन question answer
Textbook | Ncert |
Class | Class 12 |
Subject | समाजशास्त्र |
Chapter | Chapter 6 |
Chapter Name | भूमंडलीकरण और सामाजिक परिवर्तन ncert solutions |
Category | Ncert Solutions |
Medium | Hindi |
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प्रश्न 1: अपनी रुचि का कोई भी विषय चुनें और यह चर्चा करें कि भूमंडलीकरण ने उसे किस प्रकार से प्रभावित किया है। आप सिनेमा, कार्य, विवाह अथवा कोई भी अन्य विषय चुन सकते हैं।
उत्तर 1: सिनेमा पर भूमंडलीकरण का व्यापक प्रभाव पड़ा है। यह हमारी संस्कृति, हमारे आचार-विचार, सोचने के ढंग इत्यादि पर प्रभाव डालता है। किंतु इसका प्रभाव अलग-अलग लोगों अलग अलग प्रकार से पड़ा है। कुछ लोगों के लिए यह संगीत, नृत्य, संस्कृति के नए द्वार खोलने का एक अवसर है तो कुछ लोगों के लिए यह उनकी अपनी जीवन-शैली, संस्कृति, नृत्य-संगीत की परंपरा के लिए चुनौती की तरह है।
सूचना प्रौद्योगिकी का विकास, फोटोग्राफी, वाद्य-यंत्र, कैमरा इत्यादि में प्रकारों के विकास को देखकर हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि भूमंडलीकरण का सिनेमा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इसने फिल्म निर्माताओं के लिए बड़े बाजार में संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं तथा लोगों को अपनी पसंद के अनुरूप फिल्में देखने का अवसर प्राप्त हो रहा है।
समाजशास्त्र भूमंडलीकरण के सामाजिक अथवा सांस्कृतिक प्रभावों का अध्ययन करता है। बाजारों को खुल जाने तथा आयात पर से प्रतिबंध हटा लेने के कारण विश्व के कोने-कोने की वस्तुएँ हम अपने बगल की दुकान से प्राप्त कर सकते हैं। भूमंडलीकरण के प्रत्यक्ष प्रभाव के कारण ही मीडिया (जिनमें सिनेमा भी शामिल हैं) में नाटकीय परिवर्तन हुए हैं। भारत के कुछ निर्माताओं, निर्देशकों, कलाकारों इत्यादि को दूसरे देशों तथा क्षेत्रों के फिल्म उद्योगों में स्वागत किया जा रहा है। विभिन्न देशों में अभिनेता, निर्देशक, अभिनेत्रियों तथा अन्य कलाकार दूसरे देशों में जाकर वहाँ के फिल्म उद्योग में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं।
बच्चों की फिल्में, कॉर्टून फिल्म, हास्य फिल्म, सामाजिक तथा प्रेम पर आधारित फिल्में विभिन्न भाषाओं में बन रही हैं तथा विभिन्न देशों में उनका प्रदर्शन किया जा रहा है।
संगीत, नृत्य, प्रस्तुति की शैली, प्राकृतिक तथा अन्य | दृश्य इत्यादि का पर्यवेक्षण विभिन्न देशों के विशेषज्ञों के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किया जा रहा है।
प्रश्न 2: एक भूमंडलीकृत अर्थव्यवस्था के विशिष्ट लक्षण क्या हैं? चर्चा करें।
उत्तर 2: भूमंडलीकृत अर्थव्यवस्था के विशिष्ट लक्षण इस बात को दर्शाते हैं कि यह किस प्रकार विभिन्न देशों और उनके बाजारों को परस्पर जोड़ती है। इसका पहला प्रमुख लक्षण है व्यापार और निवेश का वैश्विक विस्तार, जिसमें देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं, पूंजी, और प्रौद्योगिकी का निर्बाध आदान-प्रदान शामिल है।
दूसरा लक्षण है बहुराष्ट्रीय कंपनियों (MNCs) का प्रभुत्व, जो विभिन्न देशों में उत्पादन और विपणन गतिविधियों का संचालन करती हैं। तीसरा लक्षण है वित्तीय बाजारों का वैश्वीकरण, जिसमें मुद्रा विनिमय और निवेश के साधनों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपयोग होता है। इसके अतिरिक्त, प्रौद्योगिकी और सूचना का तीव्र प्रसार भूमंडलीकरण को सशक्त बनाता है, जिससे संचार और उत्पादन अधिक कुशल बनता है।
यह प्रक्रिया उपभोक्ताओं को आधुनिक जीवनशैली और विविध विकल्पों तक पहुंच प्रदान करती है। साथ ही, यह आर्थिक और सांस्कृतिक अंतर्संबंधों को बढ़ावा देती है, जिससे स्थानीय परंपराओं और वैश्विक प्रभावों का एक नया मिश्रण देखने को मिलता है। हालांकि, भूमंडलीकरण के साथ-साथ असमानताओं, पर्यावरणीय चुनौतियों और सांस्कृतिक क्षरण जैसे मुद्दे भी उभरते हैं।
प्रश्न 3: संस्कृति पर भूमंडलीकरण के प्रभाव की संक्षेप में चर्चा करें।
उत्तर 3: भूमंडलीकरण का संस्कृति पर गहरा प्रभाव पड़ा है, जो इसे सकारात्मक और नकारात्मक दोनों रूपों में बदलता है। एक ओर, यह विभिन्न संस्कृतियों के बीच आदान-प्रदान और संवाद को बढ़ावा देता है, जिससे वैश्विक स्तर पर सांस्कृतिक विविधता का अनुभव होता है।
पश्चिमी संस्कृति, विशेष रूप से फैशन, भोजन, संगीत और जीवनशैली के रूप में, दुनिया के कई हिस्सों में लोकप्रिय हो गई है। दूसरी ओर, यह स्थानीय परंपराओं और भाषाओं के ह्रास का कारण बन सकता है, क्योंकि वैश्विक प्रभाव अक्सर स्थानीय संस्कृति को दबा देता है। भूमंडलीकरण ने उपभोक्तावाद को बढ़ावा दिया है, जिससे परंपरागत मूल्यों में बदलाव आया है।
हालांकि, यह नई सांस्कृतिक पहचान और समन्वय का भी मार्ग प्रशस्त करता है, जहाँ लोग विभिन्न संस्कृतियों के तत्वों को अपनाकर अपनी सांस्कृतिक पहचान को पुनर्परिभाषित करते हैं। इस प्रकार, भूमंडलीकरण संस्कृति को समृद्ध भी करता है और उसके सामने चुनौतियाँ भी खड़ी करता है।
प्रश्न 4: भूस्थानीकरण क्या है? क्या यह बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा अपनाई गई बाजार संबंधी रणनीति है अथवा वास्तव में कोई सांस्कृतिक संश्लेषण हो रहा है, चर्चा करें।
उत्तर 4: भूमंडलीकरण शब्द को केवल एक अर्थ अथवा परिभाषा में नहीं बाँधा जा सकता है। भिन्न-भिन्न विषय भूमंडलीकरण के भिन्न-भिन्न पक्षों पर ध्यान दिलाते हैं। उदाहरण के तौर पर, अर्थशास्त्र, आर्थिक आयामों जैसे-पूँजी का प्रवाह आदि का अधिक विवेचन करता है। राजनीति-शास्त्र सरकार की बदली हुई भूमिका पर ध्यान केंद्रित कर सकता है।
भूमंडलीकरण की प्रक्रिया इतनी व्यापक है कि भिन्न-भिन्न विषयों से भूमंडलीकरण के कारणों और परिणामों को समझने के लिए, एक-दूसरे से अधि काधिक जानकारी लेनी पड़ती है।
समाजशास्त्रीय अध्ययन का क्षेत्र अत्यंत व्यापक होता है। यह अपने विश्लेषण को अलग-अलग व्यक्तियों, जैसे-दुकानदार और ग्राहक, अध्यापक और छात्र, दो मित्रों अथवा पारिवारिक सदस्यों के बीच की अंत:क्रियाओं पर केंद्रित कर सकती है।
यह अपने विश्लेषण को राष्ट्रीय मुद्दों; जैसे – बेरोजगारी अथवा जातीय संघर्ष अथवा वन संबंधी अधिकारों पर सरकार की नीति का प्रभाव अथवा ग्रामीण ऋणग्रस्तता पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकता है।
भूमंडलीय सामाजिक प्रक्रियाओं; जैसे-कामगार वर्ग पर नए लचीले श्रम विनियमों अथवा नवयुवकों पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया अथवा देश की शिक्षा प्रणाली पर विदेशी विश्वविद्यालयों के प्रवेश के प्रभाव की जाँच कर सकता है।
समाजशास्त्र उन विषयों; (यानी परिवार या श्रम संगठन अथवा गाँव आदि) से परिभाषित नहीं होता जिनका यह अध्ययन करता है, बल्कि वह एक चुने हुए क्षेत्र का अध्ययन कैसे करता है, इसका अध्ययन करता है।
समाजशास्त्र क्या अध्ययन करता है ये नहीं, बल्कि कैसे अध्ययन करता है, से परिभाषित किया गया है। इसलिए यह कहना सही नहीं होगा कि समाजशास्त्र भूमंडलीकरण के केवल सामाजिक अथवा सांस्कृतिक परिणामों का ही अध्ययन करता है। यह व्यक्ति और समाज, व्यष्टि और समष्टि तथा स्थानीय एवं भूमंडलीय के बीच के संबंधों के भाव को समझने के लिए समाजशास्त्रीय कल्पना-शक्ति का प्रयोग करता है।
अंतराष्ट्रीय कंपनियाँ उनकी राजनीति तथा भारत का सांस्कृतिक संश्लेषण
- अप्रैल 2001 से सभी प्रकार के परिमाणात्मक प्रतिबंध जो आयात पर लगाए गए थे, समाप्त कर दिए गए। अब पड़ोस के फलों की दुकानों में चीन की नाशपाती और आस्ट्रेलिया के सेब को देखकर आश्चर्य नहीं होता। अब पड़ोस की दुकानों में आस्ट्रेलियाई संतरे का रस और बर्फ में जमे हुए पैकेटों में तलने के लिए तैयार चिप्स मिल जाएंगे।
- हम अपने परिवार के साथ जो खाते-पीते हैं, उनमें धीरे-धीरे परिवर्तन हो रहा है। इसी प्रकार के नीतिगत परिवर्तन ने उपभोक्ताओं तथा उत्पादकों को प्रभावित किया है।
- परिवर्तन निश्चित रूप से सार्वजनिक नीतियों से भी जुड़े होते हैं, जिसे कि सरकार अपनाती है और विश्व-व्यापार संगठन (WTO) से समझौता करके तय करती है। इसी प्रकार, स्थूल नीतिगत परिवर्तनों का मतलब यह है कि एक टेलीविजन चैनल के बजाय आज हमारे पास वास्तव में कई चैनल हैं।
- समाजशास्त्रीय कल्पना-शक्ति व्यष्टि एवं समष्टि तथा व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक के बीच संबंध स्थापित कर सकती है।
- भूमंडलीकरण को प्रेरित करने वाले अनेक आर्थिक कारकों में पारराष्ट्रीय निगमों (TNCs) की भूमिका विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।