समाजशास्त्र कक्षा 12 अध्याय 7 प्रश्न और उत्तर: जनसंपर्क साधन और जनसंचार question answer
Textbook | Ncert |
Class | Class 12 |
Subject | समाजशास्त्र |
Chapter | Chapter 7 |
Chapter Name | जनसंपर्क साधन और जनसंचार ncert solutions |
Category | Ncert Solutions |
Medium | Hindi |
क्या आप Sociology Class 12 chapter 7 questions and answers Hindi ढूंढ रहे हैं? अब आप यहां से जनसंपर्क साधन और जनसंचार के प्रश्न उत्तर Download कर सकते हैं।
प्रश्न 1: समाचारपत्र उद्योग में जो परिवर्तन हो रहे हैं, उनकी रूपरेखा प्रस्तुत करें। इन परिवर्तनों के बारे में आपकी क्या राय है?
उत्तर 1: समाचारपत्र उद्योग में हाल के वर्षों में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं, जो मुख्य रूप से तकनीकी प्रगति, बदलती पाठक आदतों और मीडिया उपभोग के नए तरीकों से प्रेरित हैं। इन परिवर्तनों की रूपरेखा इस प्रकार है:
1. डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म की बढ़ती लोकप्रियता
- प्रिंट समाचारपत्रों की जगह डिजिटल समाचार पोर्टल्स और ई-पेपर ने ले ली है।
- सोशल मीडिया जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स तेजी से समाचारों का प्राथमिक स्रोत बन गए हैं।
- डिजिटल सब्सक्रिप्शन मॉडल ने पारंपरिक प्रिंट विज्ञापन राजस्व को प्रभावित किया है।
2. मोबाइल और ऐप्स का विस्तार
- अधिकांश पाठक अब स्मार्टफोन और मोबाइल ऐप्स के जरिए समाचार पढ़ना पसंद करते हैं।
- समाचार ऐप्स ने तेज़ी से सूचनाएं पहुंचाने की प्रक्रिया को सरल और त्वरित बना दिया है।
3. विज्ञापन राजस्व में गिरावट
- प्रिंट विज्ञापनों की मांग घटी है क्योंकि कंपनियां डिजिटल विज्ञापन को प्राथमिकता दे रही हैं।
- इससे प्रिंट समाचारपत्रों के वित्तीय मॉडल पर दबाव बढ़ा है।
4. कंटेंट क्यूरेशन और पर्सनलाइज़ेशन
- पाठकों के डेटा के आधार पर उनके लिए व्यक्तिगत रूप से समाचार क्यूरेट किए जा रहे हैं।
- इससे पाठकों को वही सामग्री मिलती है जो वे पसंद करते हैं, लेकिन यह कभी-कभी पूर्वाग्रह को बढ़ावा दे सकता है।
5. स्वतंत्र पत्रकारिता का प्रभाव
- ब्लॉग्स और स्वतंत्र पत्रकारिता के बढ़ते चलन ने पारंपरिक समाचारपत्रों की विश्वसनीयता को चुनौती दी है।
- फेक न्यूज़ का चलन भी बढ़ा है, जिससे समाचार की गुणवत्ता और विश्वसनीयता प्रभावित हुई है।
मेरी राय: समाचारपत्र उद्योग में यह परिवर्तन समय के साथ स्वाभाविक हैं। डिजिटल युग में प्रौद्योगिकी के साथ तालमेल बैठाना अनिवार्य है। हालांकि, इन परिवर्तनों के कुछ सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव भी हैं:
- सकारात्मक पहलू:
- पाठकों को तेज़, सटीक और व्यक्तिगत समाचार सामग्री मिल रही है।
- पर्यावरण के दृष्टिकोण से कागज की खपत कम हुई है।
- युवा पीढ़ी के लिए समाचारों तक पहुंच आसान हुई है।
- नकारात्मक पहलू:
- प्रिंट मीडिया की गिरावट ने कई पत्रकारों और कर्मचारियों के रोजगार को खतरे में डाला है।
- फेक न्यूज़ और पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग की समस्या बढ़ रही है।
- गहन और अनुसंधान आधारित पत्रकारिता में कमी आ रही है।
प्रश्न 2: क्या एक जनसंचार के माध्यम के रूप में रेडियो खत्म हो रहा है? उदारीकरण के बाद भी भारत में एफ.एम. स्टेशनों के सामर्थ्य की चर्चा करें।
उत्तर 2:
- टी.वी., इंटरनेट तथा अन्य दृश्य-श्रव्य मनोरंजक माध्यमों के आने के बाद लोगों ने यह मानना शुरू कर दिया था कि रेडियो अब जनसंपर्क के साधन से अलग हो जाएगा। लेकिन यह अवधारणा गलत निकली।
- वर्ष 2000 में आकाशवाणी के कार्यक्रम भारत के सभी दो-तिहाई घर-परिवारों में 24 भाषाओं और 146 बोलियों में 12 करोड़ से भी अधिक रेडियो सेटों पर सुने जा सकते थे। 2002 में गैर सरकारी स्वामित्व वाले एफ०एम० रेडियो स्टेशनों की स्थापना से रेडियो पर मनोरंजक कार्यक्रमों में बढ़ोतरी हुई।
- श्रोताओं को आकर्षित करने के लिए ये निजी तौर पर चलाए जा रहे रेडियो स्टेशन अपने श्रोताओं का मनोरंजन करते थे।
- चूंकि गैर सरकारी तौर पर चलाए जाने वाले एफ.एम. चैनलों को राजनीतिक समाचार बुलेटिन प्रसारित करने की अनुमति नहीं है, इसलिए इनमें बहुत से चैनल अपने श्रोताओं को लुभाए रखने के लिए किसी विशेष प्रकार के लोकप्रिय संगीत में अपनी विशेषता रखते हैं। एक एफ.एम. चैनल का दावा है कि वह दिन भर हिट गानों को ही प्रसारित करता है।
- अधिकांश एफ.एम. चैनल जो कि युवा शहरी व्यावसायिकों तथा छात्रों में लोकप्रिय है, अक्सर मीडिया समूहों के होते हैं। जैसे रेडियो मिर्ची टाइम्स ऑफ इण्डिया समूह का है, ‘रेड एफ.एम.’ लिविंग मीडिया का तथा रेडियो सिटी-स्टार नेटवर्क के स्वामित्व में है। लेकिन नेशनल पब्लिक रेडियो (यू.एस.ए.) अथवा बी.बी.सी (यू.के.) जैसे स्वतंत्र रेडियो स्टेशन जो सार्वजनिक प्रसारण में संलग्न हैं, हमारे प्रसारण परिदृश्य से बाहर हैं।
- रंग दे बसंती’ तथा ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ जैसी फिल्मों में रेडियों का प्रयोग किया गया है।
- एफ.एम. चैनलों के प्रयोग की संभावनाएँ अत्यधिक हैं। रेडियो स्टेशनों के और अधिक निजीकरण तथा समुदाय के स्वामित्व वाले रेडियो स्टेशनों के उद्भव के परिणामस्वरूप रेडियो स्टेशनों का और अधिक विकास होगा। स्थानीय समाचारों को सुनने की माँग बढ़ रही है। भारत में एफ.एम. चैनलों को सुनने वाले घरों की संख्या ने स्थानीय रेडियो द्वारा नेटवर्को के स्थान को लेने की विश्वव्यापी प्रवृत्ति को बल दिया है।
प्रश्न 3: टेलीविजन के माध्यम में जो परिवर्तन होते रहे हैं उनकी रूपरेखा प्रस्तुत करें। चर्चा करें।
उत्तर 3: टेलीविजन के माध्यम में पिछले कुछ दशकों में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। इन परिवर्तनों का मुख्य कारण तकनीकी विकास, बदलते दर्शक व्यवहार, और मीडिया के उपभोग के नए तरीके हैं। नीचे टेलीविजन के माध्यम में हुए प्रमुख परिवर्तनों की रूपरेखा प्रस्तुत की गई है:
1. डिजिटल परिवर्तन और हाई-डेफिनिशन (HD) टेलीविजन पहले के एंथोलॉग और स्टैंडर्ड डेफिनिशन (SD) टेलीविज़न की जगह हाई-डेफिनिशन (HD) और 4K टेलीविज़न ने ले ली है। यह तकनीकी बदलाव चित्र की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है, जिससे दर्शकों को उच्च गुणवत्ता वाली दृश्य और ध्वनि का अनुभव होता है।
2. केबल और सैटेलाइट से स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म का उदय पहले टेलीविजन के लिए मुख्य रूप से केबल और सैटेलाइट सेवाओं पर निर्भरता थी। अब, स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म जैसे Netflix, Amazon Prime Video, Disney+ Hotstar, और YouTube ने प्रमुख बदलाव किया है। दर्शकों को कहीं से भी और कभी भी अपने पसंदीदा कार्यक्रम देखने की स्वतंत्रता मिली है।
3. ऑन-डिमांड कंटेंट और पर्सनलाइजेशन दर्शक अब जो चाहते हैं, उसे अपने समय पर देख सकते हैं। यह ऑन-डिमांड सेवा, पारंपरिक प्रसारण के मुकाबले कहीं अधिक आकर्षक है। स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म दर्शकों की पसंद के हिसाब से कंटेंट को क्यूरेट करते हैं, जिससे व्यक्तिगत अनुभव बढ़ता है।
4. वायरलेस और स्मार्ट टेलीविजन का विकास स्मार्ट टेलीविज़न की सुविधाओं में वृद्धि हुई है, जैसे इंटरनेट कनेक्टिविटी, ऐप्स, और वॉयस रेकग्निशन। दर्शक अब टेलीविज़न के माध्यम से इंटरनेट ब्राउज़िंग, सोशल मीडिया, गेमिंग, और अन्य कार्यों का आनंद ले सकते हैं।
5. स्पीड और कनेक्टिविटी में सुधार फाइबर ऑप्टिक इंटरनेट और 5G जैसे नेटवर्क के विकास ने तेज़ डेटा ट्रांसफर की सुविधा प्रदान की है, जिससे स्ट्रीमिंग सेवाएं और अधिक प्रभावी हो पाई हैं। इसके कारण, उच्च गुणवत्ता वाले वीडियो बिना बफरिंग के प्रसारित होते हैं, और लाइव स्ट्रीमिंग की गुणवत्ता भी बेहतर हुई है।
6. इंटरएक्टिव और रियलिटी शोज़ का प्रचलन टेलीविजन ने इंटरएक्टिव शोज़ जैसे पोल्स, वोटिंग, और प्रतियोगिताओं को अपनाया है, जिससे दर्शक भी कार्यक्रम का हिस्सा बन सकते हैं। रियलिटी शोज़ का प्रसार भी बढ़ा है, जैसे कि Bigg Boss, KBC, और Dance India Dance, जो दर्शकों को अधिक आकर्षित करते हैं।
7. टेलीविज़न का सामाजिक प्रभाव टेलीविज़न के माध्यम से समाज में बदलाव के मुद्दे जैसे महिलाओं के अधिकार, शिक्षा, पर्यावरण, और समानता पर जोर दिया गया है। कई चैनल्स ने सामाजिक संदेशों के साथ कार्यक्रमों को प्रसारित करना शुरू किया है, जिससे सामाजिक जागरूकता बढ़ी है।