भारत और चीन के बीच विवाद के मुद्दे : –
🔹 1950 में चीन द्वारा तिब्बत को हड़पने तथा भारत चीन सीमा पर बस्तियाँ बनाने के फैसले से दोनों देशों के संबंध एकदम बिगड़ गये ।
🔹 चीन ने 1962 में लद्दाख और अरूणाचल प्रदेश पर अपने दावे को जबरन स्थापित करने के लिए भारत पर आक्रमण किया ।
🔹 चीन द्वारा पाकिस्तान को मदद देना ।
🔹 चीन भारत के परमाणु परीक्षणों का विरोध करता है ।
🔹 बांग्लादेश तथा म्यांमार से चीन के सैनिक संबंध को भारतीय हितों के खिलाफ माना जाता है ।
🔹 संयुक्त राष्ट्र संघ ने आतंकी संगठन जैश – ए – मुहम्मद पर प्रतिबंध लगाने वाले प्रस्ताव को पेश किया । चीन द्वारा वीटो पावर का प्रयोग करने से यह प्रस्ताव निरस्त हो गया ।
🔹 भारत ने अजहर मसूद के आतंवादी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रस्ताव पेश किया , जिस पर चीन ने वीटो पावर का प्रयोग किया ।
🔹 चीन की महत्वाकांक्षी योजना One Belt One Road , जो कि POK से होती हुई गुजरेगी , उसे भारत को घेरने की रणनीति के तौर पर लिया जा रहा है ।
🔹 वर्ष 2017 में भूटान के भू – भाग , परन्तु भारत के लिए सामरिक रूप से अत्यन्त महत्वपूर्ण डोकलाम पर अधिपत्य के दावे को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव ।
🔹 चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में अपनी दावेदारी जताने , पाकिस्तान से चीन की मित्रता एवं भारत के खिलाफ चीनी मदद से भारत चीन संबंध खराब होते है । चीन और भारत सीमा विवाद सुलझाने के लिए प्रयत्नशील है ।
भारत और चीन ( तिब्बत की समस्या ) : –
🔹 जब 1950 में चीन ने तिब्बत पर अपना नियंत्रण जमा लिया । तिब्बती जनता ने इसका विरोध किया । भारत ने इसका खुला विरोध नहीं किया । तिब्बती धार्मिक नेता दलाई लामा ने अपने अनुयायियों सहित भारत से राजनीतिक शरण मांगी और 1959 में भारत ने उन्हें राजनीतिक शरण दे दी । चीन ने भारत के इस कदम का कड़ा विरोध किया ।
भारत और चीन युद्ध : –
🔹 1962 में चीन ने भारत पर हमला कर दिया । भारतीय सेना ने इसका कड़ा प्रतिरोध किया । परन्तु चीनी बढ़त रोकने में नाकामयाब रहे । आखिरकार चीन ने एक तरफा युद्ध विराम घोषित कर दिया । चीन से हारकर भारत की छवि का अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत नुकसान हुआ ।
युद्ध के परिणाम : –
- भारत हार गया ।
- भारतीय विदेश नीति की आलोचना की गई ।
- कई बड़े सैन्य कमांडरों ने इस्तीफा दे दिया ।
- रक्षा मंत्री वी के कृष्णमेनन ने मंत्रिमडल छोड़ दिया पहली बार सरकार के खिलाफ अविश्वस पत्र लाया गया ।
- भारत में मौजूद कम्युनिस्ट पार्टी का बटवारा हो गया भारत की छवि को नुकसान हुआ ।
भारत और चीन सम्बन्धों में सुधार की पहल : –
🔹 1962 के बाद भारत – चीन संबंधों को 1976 में राजनयिक संबंध बहाल कर शुरू किया गया ।
🔹 1979 में श्री अटल बिहारी वाजपेयी ( विदेश मंत्री ) तथा श्री राजीव गांधी ने 1962 के बाद पहले प्रधानमंत्री के तौर पर चीन की यात्रा की परन्तु चीन के साथ व्यापारिक संबंधों पर ही ज्यादा चर्चा हुई ।
🔹 2003 में भी अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री के तौर पर चीन की यात्रा की जिसमें प्राचीन सिल्करूट ( नाथूला दरा ) को व्यापार के लिए खोलने पर सहमति हुई जो 1962 से बंद था । इससे यह मान्यता भी मिली कि चीन सिक्किम को भारत का अंग मानता है ।
भारत तथा चीन के विवादों को सुलझाने के लिए उठाए गए कदम : –
🔹 चीन और भारत सीमा विवाद सुलझाने के लिए प्रयत्नशील है । सन् 2014 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत का दौरा किया । इसमें मुख्य समझौता कैलाश मानसरोवर यात्रा हेतू वैकल्पिक सुगम सड़क मार्ग खोलना था ।
🔹 मई 2016 में भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी चीन यात्रा पर गए है यह यात्रा चीन द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ में पाकिस्तान के आतंकवादी अजहर मसूद के पक्ष में वीटो करने तथा परमाणु आपूर्ति समूह ( एनएसजी ) द्वारा यूरेनियम की भारत को आपूर्ति से पहले चीन द्वारा भारत को एनपीटी पर हस्ताक्षर करने के लिए बाध्य करने जैसे जटिल मुद्दों की छाया में हो रही है ।
🔹 भारत व चीन के मध्य संबंधों को सकारात्मक रूप देने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं ।
🔹 दोनों देश शांति व पारदर्शिता ( भारत चीन सीमा पर ) बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध है । भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा P2P ( People to People ) संबंधों पर STRENGTH की संकल्पना के आधार पर जोर दिया जा रहा है ।
🔶 STRENGTH :-
- S – Spirituality आध्यात्मिकता
- T – Tradition , Trade , Technalogy ( रीतियाँ , व्यापार , तकनीक )
- R – Relationship ( संबंध )
- E – Entertainment ( Art , movies ) मनोरंजन ( कला व सिनेमा )
- N – Nature Conservation ( प्रकृति का संरक्षण )
- G – Games ( खेल ) ,
- T – Tourism ( पर्यटन ) ,
- H – Health & Healing ( स्वास्थ्य व निदान ) ।
🔹 हाल ही में चीन द्वारा भारत की ओर से निरंतर की जाने वाली मांग को मानते हुए पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश – ए – मुहम्मद के सरगना अजहर मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दी गयी , जिसे भारत – चीन सम्बन्धों के मध्य सुधार के रूप में देखा जा सकता है ।
🔹 मई 2018 में दोनों देश स्वास्थ्य , शिक्षा और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्रों में अपफगानिस्तान में अपने विकास कार्यक्रमों के समन्वय के लिए सहमत हुए ।
🔹 11 अक्टूबर 2019 को , चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत और चीन के बीच दूसरी अनौपचारिक बैठक के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ तमिलनाडु के महाबलिपुरम में मुलाकात की ।
भारत और पाकिस्तान संबंध : –
🔹 भारत विभाजन ( 1947 ) द्वारा पाकिस्तान का जन्म हुआ । पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध शुरू से ही कड़वे रहे है । कश्मीर मुद्दे पर 1947 में ही दोनों देशों की सेनाओं के बीच छाया – युद्ध छिड़ गया । इसी छाया युद्ध में पाकिस्तान ने कश्मीर के एक बड़े भाग पर अनाधिकृत कब्जा जमा लिया । सरक्रीक रेखा , सियाचिन ग्लेशियर , सीमापार आतंकवाद और कश्मीर दोनों के मध्य विवाद के मुख्य कारण है ।
🔶 सिंधु नदी जलसंधि :-
🔹 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में दोनों के बीच सिंधु नदी जलसंधि की गई । इस पर पं नेहरू और जनरल अयूब खाँ ने हस्ताक्षर किए । विवादों के बावजूद इस संधि पर ठीक – ठाक अमल रहा है ।
🔶 पाकिस्तान का भारत पर हमला :-
🔹 1965 में पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर दिया । ततकालीन प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री ने ” जय जवान , जय किसान ‘ का नारा दिया । इस समय भारत में अकाल की स्थिति भी थी । हमारी सेना लाहौर के नजदीक तक पहुंच गई थी । संयुक्त राष्ट्र संघ ( यूएनओ ) के हस्तक्षेप से युद्ध समाप्त हुआ ।
🔶 ताशकंद समझौता :-
🔹 1966 में ताशकंद समझौता हुआ जिसमें भारत की ओर से श्री लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल अयूब खाँ ने हस्ताक्षर किए ।
🔶 1970 बांग्लादेश :-
🔹 1970 में पाकिस्तान के पहले आम चुनावों में पश्चिमी पाकिस्तान में पीपीपी के जुल्फिकार अली भुट्टो जबकि पूर्वी पाकिस्तान ( अब बांग्लादेश ) में अवामी लीग के शेख मुजीबुर्रहमान ( बंग – बंधु ) विजयी हुए । दोनों भागों में संस्कृति एवं भाषा को लेकर गंभीर मतभेद थे ।
🔹 अवामी लीग ने एक परिसंघ बनाने की मांग रखी । पाकिस्तान द्वारा पूर्वी पाकिस्तान में दमन के विरोध में जनता ने विद्रोह कर दिया । शेख मुजीब गिरफ्तार कर लिए गए । 80 लाख बांग्लादेशी शरणार्थी भारत में घुस आए । प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने इस मुक्ति संग्राम को अपना नैतिक एवं भौतिक समर्थन दिया ।
🔶 20 वर्षीय मैत्री संधि :-
🔹 1971 में पाकिस्तान को चीन तथा अमेरिका से मदद मिली । इस स्थिति में श्रीमति इंदिरा गांधी ने सोवियत संघ के साथ 20 वर्षीय मैत्री संधि पर हस्ताक्षर किए ।
🔶 1971 युद्ध :-
🔹 1971 में पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ पूर्णव्यापी युद्ध छेड़ दिया । भारत विजयी हुआ । पाकिस्तानी सेना ने 90000 सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया । नये देश बांग्लादेश का उदय हुआ ।
🔶 शिमला समझौता :-
🔹 1972 में शिमला समझौता हुआ इस पर भारत की ओर से प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी और पाकिस्तान की ओर से जुल्फिकार अली भुट्टो ने हस्ताक्षर किए ।
🔶 कारगिल संघर्ष :-
🔹 1999 में भारत ने पाकिस्तान से संबंध सुधारने की पहल करते हुए दिल्ली – लाहौर बस सेवा शुरू की परन्तु पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ कारगिल संघर्ष छेड़ दिया । कारगिल में अपने को मुजाहिद्दीन कहने वालों ने सामरिक महत्व के कई इलाकों जैसे द्रास , माश्कोह , वतालिक आदि पर कब्जा कर लिया । भारतीय सेना ने बहादुरी से अपने इलाके खाली करा लिए ।
🔹 पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की भारत यात्रा तथा भारतीय प्रधनमंत्री नरेन्द्र मोदी की पाकिस्तान यात्रा दोनों देशो के बीच संबधों को सुधारने के लिए की गयी । लेकिन पाकिस्तान की और से युद्ध विराम का उल्लंघन व आतंकी घुसपैठ की कार्यवाही ने दोनों देशों के संबंधों में कटुता बनी रही ।
🔶 2016 का आतंकी हमला :-
🔹 2016 में उरी में सेना मुख्यालय पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा किए गए आतंकी हमले ने तथा जवाब में भारत की ओर से की गयी सैन्य कार्यवाही ने दोनों देशों के मध्य कटुता को और अधिक बढ़ा दिया ।
🔶 2018 आतंकी घुसपैठ :-
🔹 2018 में पाकिस्तान में इमरान खान के नेतृत्व में नव – निर्वाचित सरकार के साथ भारत सरकार द्वारा किए गए शांतिप्रयासों के बाद भी पाकिस्तान की ओर से निरंतर संघर्ष विराम के उल्लंघन तथा आतंकी घुसपैठ के कारण दोनों देशों के मध्य सम्बन्धों में सुधार की संभावनाएं निरंतर कम हुई हैं ।
🔶 2019 आतंकी हमला :-
🔹 जनवरी 2019 में जम्मू – कश्मीर में सी आर पी एफ के जवानों पर पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा आत्मघाती हमला किया गया जिसके जवाब में भारतीय वायुसेना द्वारा की गयी कार्यवाही ने दोनों देशों के मध्य युद्ध की स्थितियाँ उत्पन्न की । इसके अतिरिक्त भारत ने पाकिस्तान को सन् 1996 में दिया सर्वाधिक वरीय राष्ट्र ( MFN ) का दर्जा भी छीन लिया ।