आसियान विजन -2020 की मुख्य बातें या विशेषताएं : –
🔹 आसियान विजन 2020 में अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय में आसियान की एक बहिर्मुखी भूमिका को प्रमुखता दी गयी है ।
🔹 आसियान द्वारा टकराव की जगह बातचीत द्वारा समस्याओं के हल निकालने को महत्व देना । इस नीति से आसियान ने कम्बोडिया के टकराव एवं पूर्वी तिमोर के संकट को सम्भाला है ।
🔹 आसियान की असली ताकत अपने सदस्य देशों , सहभागी सदस्यों और बाकी गैर – क्षेत्रीय संगठनों के बीच निरन्तर संवाद और परामर्श करने की नीति में है ।
आसियान क्षेत्रीय मंच : –
🔹 1994 में आसियान क्षेत्रीय मंच की स्थापना की गई । जिसका उद्देश्य देशों की सुरक्षा और विदेश नीतियों में तालमेल बनाना है ।
आसियान की उपयोगिता या प्रासंगिकता : –
🔹 आसियान की मौजूदा आर्थिक शक्ति खासतौर से भारत और चीन जैसे तेजी से विकसित होने वाले एशियाई देशों के साथ व्यापार और निवेश के मामले में प्रदर्शित होती है ।
🔹 आसियान ने निवेश , श्रम और सेवाओं के मामले में मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने पर भी ध्यान दिया है । अमरीका तथा चीन ने भी मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने में रूचि दिखाई है ।
🔹 आसियान की असली ताकत अपने सदस्य देशों , सहभागी सदस्यों और बाकी गैर- क्षेत्रीय संगठनों के बीच निरंतर संवाद और परामर्श करने की नीति में है ।
🔹 यह एशिया का एकमात्र ऐसा संगठन है जो एशियाई देशों और विश्व शक्तियों को राजनैतिक और सुरक्षा मामलों पर चर्चा के लिए मंच उपलब्ध कराता है ।
आसियान और भारत : –
🔹 1991 के बाद भारत ने ‘ पूरब की ओर देखो ‘ की नीति अपनाई है । भारत ने आसियान के दो सदस्य देशों सिंगापुर और थाईलैंड के साथ मुक्त व्यापार का समझौता किया है ।
🔹 2009 में भारत ने आसियान के साथ ‘ मुक्त व्यापार समझौता किया । जो 1 जनवरी 2010 से लागू हुआ ।
🔹 हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री ने आसियान देशों की यात्रा की तथा विभिन्न क्षेत्रों सहयोग बढ़ाने पर समझौते किए तथा ‘ पूर्व की ओर देखो ‘ नीति के स्थान पर पूर्वोत्तर कार्यनीति ‘ ( एक्ट ईस्ट पॉलिसी ) की संकल्पना प्रस्तुत की । इसी के अंतर्गत वर्ष 2018 के गणतंत्र दिवस समारोह में आसियान देशों के राष्ट्रध्यक्षों को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था ।
- 2018 सिंगापुर में हुए 33 वां आसियान शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाग लिया ।
- 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बैंकाक में आयोजित आसियान शिखर सम्मेलन भी भाग लिया ।
- 17 वें आसियान – भारत शिखर सम्मेलन 12 नवंबर 2020 को VIRTUAL आयोजित किया गया ।
पूरब की ओर देखो नीति : –
🔹 भारत ने 1991 से पूरब की ओर देखो नीति अपनायी । इससे पूर्वी एशिया के देशों जैसे आसियान , चीन जापान और दक्षिण कोरिया से उसके आर्थिक संबंधों में बढ़ोतरी हुई ।
ब्रिक्स : –
🔹 5 देशों का समूह है जो विश्व की अग्रणी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए प्रयोग किया जाता है । ब्रिक्स की स्थापना 2006 में रूस में की गई । वर्ष 2009 में अपनी प्रथम बैठक में दक्षिण अफ्रीका के समावेश के बाद ब्रिक् , ब्रिक्स में परिवर्तित हो गया ।
🔹 ब्रिक्स शब्द क्रमश :- ब्राजील , रूस , भारत , चीन , दक्षिण अफ्रीका को संदर्भित करता है ।
- B – Brazil
- R – Russia
- I – India
- C – China
- S – South Africa
ब्रिक्स की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य : –
🔹 प्रत्येक राष्ट्र की आंतरिक नीतियों तथा परस्पर समानता में अहस्तक्षेप के अतिरिक्त इसके सदस्य देशों के मध्य सहयोग तथा पारस्परिक आर्थिक लाभ का वितरण करना है ।
🔹 विश्व राजनीति में , ब्रिक्स अंतराष्ट्रीय स्थिरता को बनाए रखने और वैश्विक आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने और बहुध्रुवीय दुनिया का एकजुट केन्द्र बनने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है ।
ब्रिक्स के सम्मेलन : –
🔹 ब्रिक्स का 11 वां सम्मेलन 2019 में ब्राजील में सम्पन्न हुआ , जिसकी अध्यक्षता ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने की ।
🔹 ब्रिक्स का 12 वां सम्मेलन 2020 में रूस में ऑनलाइन आयोजित हुआ । रूस ब्रिक्स का मेजबान और अध्यक्ष था ।
13 वां BRICS शिखर सम्मेलन : –
- 13 वां ब्रिक्स वार्षिक शिखर सम्मेलन 9 सितंबर 2021 को वर्चुअल माध्यम ये आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने की ।
- इस सम्मेलन का विषय – निरतंरता , समेकन और आम सहमति हेतु ब्रिक्स के बीच सहयोग था ।
- ‘ Counter Terrorism Action Plan ‘ आतंकवाद को रोकने के लिए अपनाया गया ।
- इस सम्मेलन में पहली बार डिजीटल हेल्थ की चर्चा की गई जिसमें तकनीक के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराना है ।
- वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा के मसलों पर आम सहमति से चर्चा हुई ।
- पर्यावरण को संरक्षित करने हेतु भी चर्चा हुई ।
दक्षेस ( SAARC ) :-
SAARC | South Asian Association for Regional Corporation |
दक्षेश | दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन |
स्थापना | 1985 |
मुख्यालय | काठमांडू (नेपाल) |
सदस्य | भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्री लंका, मालदीव अफगानिस्तान (2007 में शामिल) |
🔹 दक्षिण एशियाई देशों ने आपस में सहयोग के लिए सन् 1985 में दक्षेस ( SAARC – साउथ एशियन एसोशियन फॉर रिजनल कोऑपरेशन ) की स्थापना की ।
दक्षेस SAARC के उद्देश्यों :-
- दक्षिण एशिया के देशों में जनता के विकास एवं जीवन स्तर में सुधार लाना ।
- आत्मनिर्भरता का विकास ।
- आर्थिक विकास करना ।
- सांस्कृतिक एवं सामाजिक विकास करना ।
- आपसी सहयोग ।
- आपसी विवादों का निपटारा ।
- आपसी विश्वास बढ़ाकर व्यापार को बढ़ावा देना ।
दक्षेस SAARC के सम्मेलन : –
🔹 2005 में 13वें सार्क शिखर सम्मेलन ढाका में अफगानिस्तान को सार्क में शामिल करने पर सहमति बनी ।
🔹 2007 के 14वें शिखर सम्मेलन ( नई दिल्ली ) में अफगानिस्तान पहली बार सार्क शिखर सम्मेलन में शामिल हुआ ।
🔹 वैश्वीकरण के दौर में हुए सार्क सम्मेलनों में जलवायु परिवर्तन , आपदा प्रबन्धन एवं आतंकवाद की समाप्ति संबंधी तथा इस क्षेत्र में व्यापार एवं विकास को बढ़ावा देने हेतु कई समझौतो पर हस्ताक्षर हुए हैं ।
🔹 सार्क का 18वाँ शिखर सम्मेलन 26 – 27 नवम्बर 2014 को नेपाल की राजधानी काठमांडू में सम्पन्न हुआ जिसका विषय शांति एवं समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध एकजुटता था ।
19 वां सार्क शिखर सम्मेलन : –
🔹 15-16 नवंबर 2016 को 19 वां सार्क शिखर सम्मेलन इस्लामाबाद , पाकिस्तान में आयोजन किया जाना तय था ।
🔹 कश्मीर में हुए आतंकवादी ‘ उरी हमले ‘ के विरोध में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस सम्मेलन का बहिष्कार किया ।
🔹 बांग्लादेश , अफगानिस्तान , भूटान , मालद्वीव और श्रीलंका ने भी सम्मेलन में भाग नहीं लिया ।
सार्क की उपलब्धियाँ :-
🔹 भारत व पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बावूजद भी द्विपक्षीय स्तर पर समझ और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए छोटे देशों के लिए अभी भी उपयोगी संगठन है ।
🔹 साफ्टा को बनाकर व्यापार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है ।
🔹 पर्यावरण , आर्थिक विकास व ऊर्जा आदि क्षेत्रों में सहयोग की बात की है ।
दक्षेस ( साक ) की चुनौतियाँ : –
- सार्क के सदस्य देशों की बैठकों में कमी ।
- 15-16 नवंबर 2016 को 19 वां सार्क शिखर सम्मेलन इस्लामाबाद में आयोजन किया जाता तय था ।
- कश्मीर में हुए आतंकवादी ‘ उरी हमले ‘ के विरोध में भारत ने इस सम्मेलन का बहिष्कार किया ।
- बांग्लादेश , अफगानिस्तान , भूटान , मालदीव और श्री लंका ने भी सम्मेलन में भाग नहीं लिया ।
BIMSTEC :-
🔹 BIMSTEC ( Bay of Bengal Intiative for multi sectoral Technical and Economic Cooperation ) बंगाल की खाड़ी बहु – क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग उपक्रम इसके सदस्य देश , बांग्लादेश , भारत , बर्मा , श्रीलंका , थाईलैण्ड , भूटान और नेपाल है ।
🔹 वर्तमान में भारत बिम्सटेक ( BIMSTEC ) पर अधिक बल दे रहा है , इसके वरिष्ठ अधिकारियों की 17 वीं बैठक फरवरी 2017 में काठ मांडू ( नेपाल ) में आयोजित की गई ।
🔹 इस बैठक में व्यापार और निवेश , उर्जा प्रौद्योगिकी , मत्सयपालन , जलवायु परिवर्तन , संस्कृति , लोगों के बीच संपर्क और अन्य क्षेत्रों के बारे में चर्चा की गई ।
SAFTA :-
SAFTA | South Asian Free Trade Area |
साफ्टा | दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र |
लागु हुआ | 2006 में |
🔹 जनवरी 2004 में आयोजित 12वें शिखर सम्मेलन में सार्क देशों ने ऐतिहासिक दक्षिणी एशियाई मुक्त व्यापार सौदा ( SAFTA ) समझौते पर हस्ताक्षर किये , जो 1 जनवरी 2006 से प्रभावी हुआ ।
🔹 इस समझौते के दो मुख्य उद्देश्य है ।
- दक्षिण एशियाई क्षेत्र युक्त व्यापार संबंधी बाधाओं को दूर करना ।
- व्यापार एवं प्रशुल्क प्रतिबंधों के सभी प्रकारों को समाप्त करने का प्रयास करते हुए अधिक उदार व्यवस्था स्थापित करना ।
🔹 भारत के अपने पेड़ोसी देशों के साथ जिनमें पाकिस्तान , नेपाल , बांग्लादेश एवं श्रीलंका प्रमुख है , इनमें से यदि पाकिस्तान को छोड़ दिया जाये तो बाकी राष्ट्रों के साथ भारत के संबंध कमोबेश मधुर बने हुए हैं ।
🌍 देश 🌍
रूस : –
- सोवियत संघ के विघटन से पूर्व रूस सोवियत संघ का सबसे वृहत भाग था ।
- 1991 में सोवियत संघ के विघटन के पश्चात रूस सोवियत संघ का उत्तराधिकारी बना ।
- वैश्विक पटल पर यह एक शक्तिशाली राज्य है , इसके पास खनिजों प्राकृतिक संसाधनों तथा गैसों का अपार भंडार है ।
- परिष्कृत शस्त्रों के विशाल भंडार हैं ।
- रूस परमाणु शक्ति संपन्न राज्य है ।
- यह संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद , जिसे पी -5 भी कहा जाता है , का एक स्थाई सदस्य भी है ।
रूस की आर्थिक विशेषताएँ : –
- दुनिया की 11 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है ।
- इसकी अर्थव्यवस्था मूल रूप से प्राकृतिक संसाधनों के उत्पादन और निर्यात के लिए उन्मुख है ( ज्यादातर तेल ) ।
- अपने उन्नत संसाधनों के कारण यह विश्व में एक मजबूत देश के रूप में स्थापित है लेकिन आर्थिक विकास के मामले में
- यह अमेरिका से अभी भी काफी पीछे है ।
रूस की राजनीतिक विशेषताएँ : –
- 1993 का संविधान इसको एक गणतांत्रिक सरकार के साथ लोकतांत्रिक , संघात्मक , कानून आधारित देश घोषित करता है ।
- यह UNO का एक स्थायी सदस्य है और इसके पास वीटो पावर है ।
- यहां के वर्तमान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन है ।
- यहां पर भी सामान्य रूप से चुनाव होते है और नेताओ को चुना जाता है ।
रूस की सैन्य विशेषताएँ : –
- इसके पास विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना है ।
- यह एक परमाणु संपन्न देश है ।
- तकनीक के विकसित होने के कारण इसके पास बहुत आधुनिक हथियार मौजूद है ।
- यह हथियारों का एक बहुत बड़ा निर्यातक देश है भी है ।
- कुल रूसी हथियारों के निर्यात में भारत का 25 % हिस्सा है ।
- इसकी सेना ने आधुनिकीकरण की दिशा में प्रगति करना जारी रखा है ।
- इसके पास दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रक्षा बजट भी है ।